NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इक्वाडोर के 2021 के चुनाव में लड़ने से राफेल कोर्रिया पर रोक
इक्वाडोर कोर्ट ऑफ कैसेशन ने चुनावी राजनीति से 25 साल तक के लिए राफेल कोर्रिया को रोकते हुए उनके ख़िलाफ़ सजा का ऐलान किया है।
पीपल्स डिस्पैच
09 Sep 2020
इक्वाडोर

इक्वाडोर के नेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के कोर्ट ऑफ कैसेशन ने 7 सितंबर को "रिश्वत 2012-2016" मामले में पूर्व राष्ट्रपति राफेल कोर्रिया और उनकी सरकार के 15 अन्य अधिकारियों के ख़िलाफ़ 8 साल की जेल की सजा का ऐलान किया है। अदालत ने यह भी पुष्टि की कि कोर्रिरा को अगले 25 वर्षों के लिए चुनावी राजनीति से दूर रहेंगे। कोर्ट का ये फैसला साल 2021 के आम चुनावों में आधिकारिक तौर पर उन्हें उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करता है।

पूर्व राष्ट्रपति जो कि वर्तमान में बेल्जियम में रह रहे हैं उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से इस फैसले को ख़ारिज कर दिया। कोर्रिया ने ट्वीट में लिखा, "वे अंततः सफल हुए। आख़िरी समय में उन्होंने मुझे उम्मीदवार के रूप में अयोग्य घोषित करने के लिए एक 'अंतिम' वाक्य सुनाया है। वे यह नहीं समझते हैं कि वे जो कुछ भी कर रहे हैं, वे (हमारे) जन समर्थन को बढ़ा रहे हैं। मैं ठीक ही रहूंगा। आप अपनी पूरी एकजुटता उन लोगों के साथ रखें जिनको वहां (इक्वाडोर में) कष्ट पहुंचाया गया। याद रखें: केवल एक चीज जो वे हमें सजा दे रहे हैं वह जीत ही है।"

कई क़ानूनी और राजनीतिक विश्लेषकों ने उस जल्दबाजी पर सवाल उठाया है जिसके चलते सुनवाई प्रक्रिया संपन्न हुई और सजा का ऐलान किया गया। एक साल से भी कम समय में देश की तीनों अदालतों ने अपीलें सुनीं और अपना फैसला सुनाया जहां इस तरह की कई अन्य क़ानूनी प्रक्रियाएं 20 साल तक चलती हैं। विशेषज्ञों ने इस मामले में सबूतों के घोर अभाव की भी आलोचना की। इस मामले में भ्रष्टाचार के किसी भी कृत्य से कोर्रिया को जोड़ने के ठोस सबूत के बदले अदालत ने "मानसिक और संज्ञानात्मक प्रभाव" होने और "दूसरों को नियंत्रित करने" में सक्षम होने के आधार पर कोर्रिया को सजा सुनाया।

"रिश्वत 2012-2016" मामला अप्रैल 2019 में शुरू हुआ और आरोप लगाया कि पूर्व मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों ने साल 2012 और 2016 के बीच पब्लिक कॉन्ट्रैक्ट के बदले में निजी कंपनियों से रिश्वत ली थी। अगस्त 2019 में अटॉर्नी जनरल डियाना सलाज़र ने भ्रष्ट स्कीम के लिए कोर्रिया पर आरोप लगाया और उनकी पार्टी एलियांज़ा पाइस (एपी) मूवमेंट के चुनावी अभियानों और अन्य राजनीतिक आयोजनों को वित्त देने के लिए धन का उपयोग करने का आरोप लगाया। कोर्रिया के ख़िलाफ़ कोई ठोस सबूत नहीं है और वे उक्त घटना में शामिल नहीं रहे। संविधान कई विद्वानों का मानना है कि कोर्रिया और उनके सहयोगियों के ख़िलाफ़ आरोपों का राजनीतिकरण किया गया है।

कोर्रिया ने अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को ख़ारिज कर दिया है और मौजूदा राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो द्वारा आने वाले चुनावों से उन्हें दूर करने के लिए इस मामले का राजनीतिक उत्पीड़न करने को लेकर निंदा की है।

Ecuador
ecuador elections
Rafael Correa
Rafael Correa barred

Related Stories

इक्वाडोर के नारीवादी आंदोलनों का अप्रतिबंधित गर्भपात अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प

इक्वाडोर के लोग राष्ट्रपति लासो की आर्थिक नीतियों के ख़िलाफ़ लामबंद

इंटरकल्चरल एजुकेशन लॉ लागू करने की मांग को लेकर इक्वाडोर के शिक्षक भूख हड़ताल पर

बोलीविया सरकार ने इक्वाडोर द्वारा तख़्तापलट सरकार को हथियारों की आपूर्ति की जांच की

दुनिया भर की: अमेरिकी महाद्वीप में समाजवादी व्यवस्थाओं का इम्तिहान

दक्षिणपंथी गुइलर्मो लास्सो ने इक्वाडोर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता

विजेता वाम उम्मीदवार ने इक्वाडोर में दूसरे दौर के राष्ट्रपति चुनावों में बाधा डालने की योजना की चेतावनी दी

इक्वाडो : राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में एंड्रेस अराउज के प्रतिद्वंद्वी को लेकर अनिश्चितता बरक़रार

इक्वाडोर में 11 अप्रैल को राष्ट्रपति चुनावों के दूसरे दौर का मतदान

पैसा पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक व्यवस्था को तबाह कर रहा है!


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License