NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
संकट :  रेलवे ठेका श्रमिकों का कोई पुरसाहाल नहीं, एटीएम तक रहते हैं ठेकेदारों के पास
भारतीय रेल में वार्षिक और दैनिक ठेका श्रमिकों की संख्या लाखों में है, जो रेलवे ट्रैक मेंटिनेन्स के साथ साथ मशीनरी रिपेयरिंग का काम भी देखते हैं, लेकिन रेल का कामकाज रुक जाने के कारण इन लोगों के जीवन पर गहरा असर पड़ा है।
देवांशु मणि तिवारी 
08 Jun 2020
रेलवे ठेका श्रमिक

देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही लोगों को तरह-तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। इसमें श्रमिकों की दयनीय हालत पूरे देश ने देखी। यही हालत रेलवे श्रमिकों की है जो ठेके पर काम करते हैं। लॉकडाउन के बाद से ही उनकी आमदनी के सारे रास्ते बंद हैं।  

'' भइया... लॉकडाउन में अप्रैल से ही काम बंद है। ठेकेदार बोलता है लॉकडाउन के बाद ही काम मिल पाएगा। पहले जब काम मिलता था, तो महीने का 12-13 हज़ार मिल जाता था, लेकिन अब तो किसी तरह गाँव आकर खेतीबाड़ी कर रहे हैं, इसी से घर चल रहा है। ''

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 55 किमी पूर्व दिशा में बछरावां कस्बे के रहने वाले गंगा प्रसाद (46) भारतीय रेलवे में लखनऊ यार्ड पर कॉन्ट्रेक्ट वर्कर के तौर पर काम करते हैं। गंगा प्रसाद के साथ उनकी पत्नी और दो बच्चे भी हैं। लॉकडाउन के कारण पिछले दो महीने तक रेलतंत्र थमा रहा। अब भी बेहद सीमित काम शुरू हुआ है। ऐसे में गंगा जैसे हज़ारों रेलवे लाइन पर काम करने वाले लाइनमैनों की कमाई का ज़रिया पहले ही बंद हो गया है।

भारतीय रेल वार्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार रेल विभाग (ग्रुप- डी) के अंतर्गत भारत में तीन लाख से अधिक ट्रैकमैन काम करते हैं। इसके अलावा वार्षिक और दैनिक ठेका श्रमिकों की संख्या भी लाखों में है, जो रेलवे ट्रैक मेंटिनेन्स के साथ साथ मशीनरी रिपेयरिंग का काम भी देखते हैं, लेकिन रेल का कामकाज रुक जाने के कारण इन लोगों के जीवन पर गहरा असर पड़ा है।

ऑल इंडिया रेलवे मैन फेडरेशन (एआईआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्र ने लॉकडाउन को रेलवे ठेका श्रमिकों के लिए दुखदाई बताया। मिश्र बताते हैं,'' भारतीय रेलवे में करीब चार लाख कॉन्ट्रेक्ट वर्कस (ठेका श्रमिक) काम करते हैं, बंदी में इनकी परेशानी को देखते हुए रेलवे ने इन श्रमिकों के लिए 50 फीसद वेतन की राशि लॉकडाउन अवधि तक के लिए जारी की है, चाहे श्रमिक काम कर रहा हो, या नहीं।''

शिव गोपाल मिश्र आगे बताते हैं कि रेलवे की तरफ से आया पैसा इन ठेका श्रमिकों को देने के लिए निर्धारित ठेकेदारों को भेज दिया गया है। लेकिन इन श्रमिकों के एटीएम कार्ड तक, तो ठेकेदार अपने पास रखते हैं, तो इन लोगों तक पैसा कैसे पहुंचेगा ये आप समझ ही सकते हैं।  

31 अगस्‍त 2018 से रेलवे में निजी कंपनियों व ठेकेदारों की तरफ से श्रमिकों के शोषण की रोकथाम के लिए रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) ने कंट्रैक्ट लेबरर पेमेंट मैनेजमेंट पोर्टल तैयार किया गया था। इसमें निजी कंपनी-ठेकेदारों को कर्मचारियों का भुगतान इस पोर्टल के माध्यम से करना था। खुद श्रमिक अपने वेतन संबंधी शिकायते इसमें कर सकते थे। लेकिन आधुनिकीकरण में पिछड़ने के कारण श्रमिक इस कम्प्यूट्रीकृत सुविधा का लाभ नहीं पा पाए हैं।    

भारतीय रेल में पिछले 10 वर्षों से ठेकेदारी का काम कर रहे गांधी सिंह ने श्रमिकों को पैसा न दिए जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। सिंह ने कहा, “एक ठेकेदार के अंडर कई लेबर काम करते हैं, वैसे तो सभी को कितना पैसा मिलेगा ये पहले ही उन्हें बता दिया जाता है, लेकिन कुछ लेबर बिना काम के ही ज़्यादा पैसा चाहते हैं, ऐसा थोड़ी न होता है। मेरे अंडर खुद 40 लेबर काम करते हैं, मैंने सबको लॉकडाउन से पहले ही पैसा दे दिया था।”

जोनल रेलवे की ओर से रेलवे बोर्ड को भेजी गई रिपोर्ट में इस बात का ज़िक्र है कि हर साल रेलवे लाइन ठीक करते हुए लगभग 250 से 300 लाइनमैन ( ठेका श्रमिक भी शामिल ) की जान जाती है। इस काम में जोखिम अधिक होने के कारण पिछले दो वर्षों में सैकड़ों की संख्या में ट्रैकमैनों व श्रमिकों ने बिना बताए नौकरी छोड़ दी। ऐसे में इस लॉकडाउन ने रेलवे के ठेका श्रमिकों के लिए मुसीबत के वक्त आग में घी डालने का काम किया है।  
   
वहीं रायबरेली जंक्शन के रेलवे यार्ड पर पिछले 12 वर्षों से काम कर रहे रजिस्टर्ड ट्रैकमैन लाल जी (48) ने बताया कि मार्च में ही जब प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन कर दिया, तब से ही लाइनमैनों के काम का दिन और शिफ्ट बांट दी गई। लेकिन ट्रैक पर काम न के बराबर ही हो रहा है। '' ठेकेदारी का काम तो पूरी तरह से बंद है, यहीं यार्ड से कुछ दूरी पर नई रेलवे लाइन डालने का काम चल रहा था, जिसमें बहुत से ठेका मजदूर (महिलाएं व पुरूष) काम कर रहे थे,लेकिन लॉकडाउन के बाद नई लाइन का काम रुका हुआ है। अब वो मजदूर भी अपने गाँव लौट गए हैं।'' मास्क को अपने मुंह पर चढ़ाते हुए ट्रैकमैन लाल आगे बताते हैं।  

रेलवे कर्मचारी ट्रैकमैन एसोसिएशन (आरकेटीए), भारतीय रेल में काम कर रहे (ग्रुप - डी) कर्मचारियों और ट्रैकमैनों की मदद करता और उनके हक के लिए कई बार सरकारी दरवाज़ों को भी खटखटा चुका है। आरकेटीए के वरिष्ठ अधिकारी पूर्व. रेलवे फूलन सिंह बताते हैं," ठेकेदारी में पुरानी लाइन हटाकर नई लाइन डालना, ट्रैक पर साफ-सफाई व दूसरे फिटिंग के काम होते हैं, जो इस समय बिल्कुल बंद हैं। रेलवे में रजिस्टर्ड न होने के कारण ठेका मजदूरों को लॉकडाउन में कहीं पुलिस ने रोक लिया, कुछ काम न होने के कारण घर लौट गए। जो यहीं फंस गए हैं, उनको हमारे एसोसिएशन की ओर से खाना व मदद दी जा रही है।'' 

(देवांशु मणि तिवारी स्वतंत्र पत्रकार हैं।

Raiway Contract Workers
Coronavirus
Lockdown
unemployment
poverty
Railway Employees Trackman Association
RKTA
indian railways

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 27 फीसदी की बढ़ोतरी

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 

कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब स्ट्रेन BA.4 और BA.5 का एक-एक मामला सामने आया

कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 

कोविड-19 महामारी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दुनिया का नज़रिया नहीं बदल पाई

कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत

कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 

कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की संख्या 20 हज़ार के क़रीब पहुंची 

देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, PM मोदी आज मुख्यमंत्रियों संग लेंगे बैठक


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। महाराष्ट्र में आज तीन महीने बाद कोरोना के 700 से ज्यादा 711 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
    01 Jun 2022
    अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी : मेरठ के 186 स्वास्थ्य कर्मचारियों की बिना नोटिस के छंटनी, दी व्यापक विरोध की चेतावनी
    01 Jun 2022
    प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बिना नोटिस के उन्हें निकाले जाने पर सरकार की निंदा की है।
  • EU
    पीपल्स डिस्पैच
    रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ
    01 Jun 2022
    ये प्रतिबंध जल्द ही उस दो-तिहाई रूसी कच्चे तेल के आयात को प्रभावित करेंगे, जो समुद्र के रास्ते ले जाये जाते हैं। हंगरी के विरोध के बाद, जो बाक़ी बचे एक तिहाई भाग ड्रुज़बा पाइपलाइन से आपूर्ति की जाती…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License