NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चीनी कंपनियों की गंभीर दावेदारी के बीच सीसीटीवी परियोजना पर रेलवे को लेना है फ़ैसला
1,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना में 6,000 से अधिक रेलवे स्टेशनों और क़रीब 7,000 कोचों में लगभग एक लाख सीसीटीवी कैमरे लगने हैं।
अरुण कुमार दास
14 Jul 2020
Translated by महेश कुमार
सीसीटीवी परियोजना

नई दिल्ली: स्टेशनों और कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के फ़ैसले के साथ रेल परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए चेहरे की पहचान की क्षमता वाली टेकनीक भी लगेगी, इसकी बोली प्रक्रिया में कई चीनी कैमरा आपूर्तिकर्ताओं को शॉर्टलिस्ट करने के बाद स्थित डांवाडोल लग रही है।

भारतीय रेलवे को इस मुद्दे पर तय करना करना होगा क्योंकि यह मुद्दा ऐसे समय में सामने आया है जब सीमा पर चीन के साथ तनाव जारी है और कई चीनी कंपनियों को भारतीय परियोजनाओं से बाहर किया जा रहा है।

पब्लिक ट्रांसपोर्टर्स की टेलीकॉम शाखा रेलटेल ने विभिन्न कारणों से तीन बार पहले बोली रद्द कर चुकी है और फिर से चौथी बार 2019 में निविदा निकाली थी, इस [आरियोजना को हासिल करने के लिए लगभग आठ से नौ कंपनियां मैदान में उतरी थीं।

1,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना में 6,000 से अधिक रेलवे स्टेशनों और करीब 7,000 कोचों में लगभग एक लाख सीसीटीवी कैमरों लगने हैं। 

जबकि कुछ सार्वजनिक उपक्रमों सहित कई कंपनियां स्टेशनों और कोचों में एकीकृत इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी)-आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) को स्थापित करना चाहती हैं, लेकिन कई चीनी कैमरा आपूर्तिकर्ता कंपनियों की गंभीर दावेदारी के मद्देनजर रेलवे के सामने चिंता खड़ी हो गई है।

चूंकि भारत और चीन लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से अपने सैनिकों को पीछे हटाने की ‘प्रक्रिया’ में जूटे हैं, जहां पिछले महीने चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे, पता चला है कि रेलटेल ने एक पत्र लिखा है जिसमें सीसीटीवी प्रोजेक्ट पर रेलवे को निर्णय लेना है।

गतिरोध के बाद, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर रेलवे ने एक चीनी कंपनी को मिले प्रोजेक्ट जिसमें उसे कानपुर-दीन दयाल उपाध्याय खंड पर 417 किमी लंबी दूरसंचार और सिग्नलिंग बनाने थे और जिसकी लागत करीब 471 करोड़ रुपये थी, को रद्द कर दिया था, साथ ही भारतीय विक्रेताओं की शिकायत के बाद थर्मल स्क्रीनिंग कैमरों की निविदा को भी रद्द कर दिया था क्योंकि वे चीनी कंपनी के पक्ष में थी।

भारत ने हाल ही में चीन से संबंधित 59 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें बेतहाशा लोकप्रिय टोकटॉक भी शामिल है।

हालांकि, रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला ने बताया कि "वर्तमान में, शॉर्टलिस्ट की गई कंपनियों का तकनीकी मूल्यांकन चल रहा है और इसे पूरा करने में कुछ समय लगेगा।"

परियोजना में चीनी कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किए जाने के बारे में पूछे जाने पर, चावला ने कहा "हम सरकार द्वारा तैयार किए गए ‘मेक इन इंडिया' के मानदंड से तय करेंगे।"

परियोजना को लागू करने में देरी को स्वीकार करते हुए, उन्होंने कहा "कोविड़-19 महामारी के कारण, इसमें देरी हुई है। लेकिन अब हम इसे जल्द ही लागू करने के लिए आशान्वित हैं।"

आगे यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने चीनी कैमरों के मुद्दे पर रेलवे को लिखा था, उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

कई बार बोली का समय निकल जाने के कारण लगता है 1,000 करोड़ रुपये की परियोजना अब ठप्प हो गई है, क्योंकि रेलवे इस बारे में अभी तक तय नहीं कर पाई है।

रेल क्षेत्र में संबंधित विकास में, एक चीनी संयुक्त उद्यम कंपनी को वंदे भारत ट्रेन परियोजना में शॉर्टलिस्ट किया गया है, जिसके लिए 10 जुलाई को बोली खोली गई थी।

रेलवे के अनुसार, चीनी संयुक्त उद्यम (जेवी) ‘मेक इन इंडिया’ के मानदंडों के चलते परियोजना को हासिल नहीं कर पाएगी।

क्लोज-सर्किट टेलीविज़न (सीसीटीवी) कैमरों के लिए 1,000 करोड़ रुपये का टेंडर रेलवे के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य देश भर की कोच और स्टेशनों में वीडियो निगरानी प्रणाली को मजबूत करना है।

ये शक्तिशाली आईपी कैमरे न केवल स्टेशनों पर आवाजाही की रिकॉर्डिंग करेंगे, बल्कि चेहरे की पहचान के सॉफ्टवेयर, मोशन डिटेक्टर, त्वरित समीक्षा और घुसपैठ का पता लगाने का भी काम करेंगे। रेलवे सुरक्षा बल और सरकारी रेलवे पुलिस के सुरक्षाकर्मियों द्वारा राउंड-द-क्लॉक जांच की जाएगी।

नई दिल्ली सहित 50 से अधिक ऐसे प्रमुख स्टेशन हैं, जो पहले से ही सीसीटीवी निगरानी प्रणालियों से लैस हैं।

मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित इस लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-

Railways to Take Call on CCTV Project as Many Chinese Camera Suppliers Emerge as Serious Contenders

India-China standoff
CCTV cameras
indian railways
RAILTEL
ladakh
LaC

Related Stories

ट्रेन में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली छूट बहाल करें रेल मंत्री: भाकपा नेता विश्वम

केंद्र का विदेशी कोयला खरीद अभियान यानी जनता पर पड़ेगा महंगी बिजली का भार

कोयले की किल्लत और बिजली कटौती : संकट की असल वजह क्या है?

जम्मू-कश्मीर : रणनीतिक ज़ोजिला टनल के 2024 तक रक्षा मंत्रालय के इस्तेमाल के लिए तैयार होने की संभावना

रेलवे में 3 लाख हैं रिक्तियां और भर्तियों पर लगा है ब्रेक

भारतीय रेल के निजीकरण का तमाशा

निजी ट्रेनें चलने से पहले पार्किंग और किराए में छूट जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं!

भारत में नौकरी संकट जितना दिखता है उससे अधिक भयावह है!

रेलवे के निजीकरण के ख़िलाफ़ रेल कर्मियों का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कल!

कोलकाता मेट्रो ने 2500 से अधिक अस्थायी कर्मचारियों की छंटनी की


बाकी खबरें

  • समीना खान
    ज़ैन अब्बास की मौत के साथ थम गया सवालों का एक सिलसिला भी
    16 May 2022
    14 मई 2022 डाक्टर ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशन की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर ज़ैन अब्बास ने ख़ुदकुशी कर ली। अपनी मौत से पहले ज़ैन कमरे की दीवार पर बस इतना लिख जाते हैं- ''आज की रात राक़िम की आख़िरी रात है। " (राक़िम-…
  • लाल बहादुर सिंह
    शिक्षा को बचाने की लड़ाई हमारी युवापीढ़ी और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का ज़रूरी मोर्चा
    16 May 2022
    इस दिशा में 27 मई को सभी वाम-लोकतांत्रिक छात्र-युवा-शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच AIFRTE की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कन्वेंशन स्वागत योग्य पहल है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!
    16 May 2022
    फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान का बेटा भी एक फिल्म बना सके।
  • वर्षा सिंह
    उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!
    16 May 2022
    “किसी स्थान की वहनीय क्षमता (carrying capacity) को समझना अनिवार्य है। चाहे चार धाम हो या मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल। हमें इन जगहों की वहनीय क्षमता के लिहाज से ही पर्यटन करना चाहिए”।
  • बादल सरोज
    कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी
    16 May 2022
    2 और 3 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के गाँव सिमरिया में जो हुआ वह भयानक था। बाहर से गाड़ियों में लदकर पहुंचे बजरंग दल और राम सेना के गुंडा गिरोह ने पहले घर में सोते हुए आदिवासी धनसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License