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राजनीति
राजस्थान की रार : विधायकों को ‘टूटने और बिकने’ से बचाने में बीत रहे दिन
मुख्यमंत्री गहलोत ने बीजेपी पर निशाना लगाते हुए कहा है कि विधानसभा सत्र की घोषणा होते ही ‘‘खरीद-फरोख्त का दाम बढ़ चुका है। राजस्थान में मुंहमांगा दाम है।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Jul 2020
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राजस्थान की रार अभी थमी नहीं है। सही कहें तो और तेज़ हो गई है। विधायकों को ‘टूटने और बिकने’ के बचाने के लिए कड़ी सुरक्षा में इधर-उधर ले जाया जा रहा है। इधर भी और उधर भी। गहलोत अब अपने विधायकों को चार्टर्ड विमानों से जैसलमेर भेज रहे हैं। गहलोत का कहना है कि विधानसभा सत्र की घोषणा होते ही ‘‘खरीद-फरोख्त का दाम बढ़ चुका है। राजस्थान में मुंहमांगा दाम है।’’ वे बीजेपी पर सीधा निशाना साध रहे हैं, लेकिन बीजेपी इसे कांग्रेस का अंदरूनी मामला बताती है। हालांकि जनता सब समझ रही है कि यह कितना अंदरूनी और कितना बाहरी मामला है।

कांग्रेस के 54 विधायक चार्टर्ड विमानों से जैसलमेर रवाना

राज्य में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच शुक्रवार को कांग्रेस और उसके समर्थक दलों के 54 विधायक तीन चार्टर्ड विमान से जयपुर से जैसलमेर रवाना हुए।

पार्टी सूत्रों के अनुसार 54 विधायकों को लेकर तीन चार्टर्ड विमान जैसलमेर रवाना हो गये हैं। अन्य विधायक दूसरे चरण में जैसलमेर जाएंगे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जैसलमेर जायेंगे।

13 जुलाई से जयपुर—दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक होटल में ठहरे इन विधायकों को लग्जरी बसों से हवाई अड्डे ले जाया गया।

कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा का कहना है कि सभी एक ही जगह पर रूके-रूके परेशान हो गए हैं, इसलिए हम दूसरी जगह जा रहे हैं।

राजस्थान में खरीद-फरोख्त का ‘दाम’ बढ़ा: गहलोत

इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख तय होने के बाद राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का 'दाम’ बढ़ गया है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और सरकार गिराने का षड्यंत्र करने वाली भाजपा को जनता माफ नहीं करेगी।

गहलोत ने कहा कि बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती डर और मजबूरी में बयान दे रही हैं।

उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में शक्ति परीक्षण होगा।

गहलोत ने यहां उस होटल के बाहर संवाददाताओं से बातचीत की, जहां कांग्रेस और उसके समर्थक विधायक रुके हुए हैं।

गहलोत ने कहा, ‘‘कल रात, जब से विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख की घोषणा हुई है, राजस्थान में खरीद-फरोख्त (विधायकों की) का ‘दाम’ बढ़ गया है। इससे पहले पहली किस्त 10 (करोड़ रुपये) और दूसरी किस्त 15 (करोड़ रुपये) की थी। अब पूछा जा रहा है कि आप बताओ, क्या चाहिए आपको?’’

उन्होंने कहा, ‘‘खरीद-फरोख्त का दाम बढ़ चुका है। राजस्थान में मुंहमांगा दाम है।’’

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार की ओर से चौथी बार भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विधानसभा का पांचवां सत्र 14 अगस्त से बुलाने को मंजूरी दे दी। इससे सत्र बुलाने को लेकर सरकार और राजभवन के बीच कई दिनों से जारी गतिरोध समाप्त हो गया।

गहलोत ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि राज्यपाल ने कल मेरी बात को माना।’’

उन्होंने दावा कि सब लोग यह जानते हैं कि भाजपा ने उनकी पार्टी के विधायकों की खरीद-फरोख्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आज फिर कहना चाहूंगा कि कर्नाटक और मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान पर हमला किया गया है। राजस्थान में उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी और यहां हमारी एकजुटता है। हमारी सरकार पूरे पांच साल चलेगी। उनके तमाम षड्यंत्र विफल होंगे।’’

गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर 18 विधायक सचिन पायलट के साथ चले गए हैं, उनका जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि उन विधायकों को कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में आना चाहिए, लेकिन वे भाजपा की गोद में बैठे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से हमारे जो साथी गुड़गांव में बैठे हैं, वे आते नहीं है, जबकि सबको मालूम है कि राजस्थान में किस प्रकार का राजनीतिक माहौल बना हुआ है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिन्होंने कांग्रेस के चिह्न पर चुनाव जीता है, अगर उन्हें कोई नाराजगी है, तो वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में जाकर बात करते, प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जाकर बात करते, परन्तु वे लोग इतने दिनों से अलग होकर बैठे हुए हैं। मैं चाहूंगा कि उन्हें बैठकों में आना चाहिए। अगर उन्होंने कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर चुनाव जीता है, तो उनका पहला कर्तव्य है कि वे सरकार के साथ खड़े हों।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘जो लोग गये हैं... मुझे पता नहीं, उनमें से किन-किन लोगों ने पहली किस्त ली है। हो सकता है कि कई लोगों ने किस्त नहीं ली हो। मैं चाहूंगा कि उन्हें वापस आना चाहिए।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा खेल भाजपा का है और भाजपा को जनता माफ नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जनता ने नरेंद्र मोदी को लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री चुना है, लेकिन उन्होंने देश में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई हैं।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘भाजपा और अमित शाह को सरकार गिराने का इरादा छोड़ देना चाहिए। इससे देश में लोकतंत्र कमजोर ही होगा।’’

मुख्यमंत्री ने राज्य में बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मायावती जो बयानबाजी कर रही हैं, वह भाजपा के इशारे पर कर रही हैं। भाजपा सीबीआई, ईडी का दुरुपयोग कर रही है और सबको डरा-धमका रही है। मायावती भी डर रही हैं और वह मजबूरी में बयान दे रही हैं।’’

गोवा कांग्रेस ने राजस्थान राजनीतिक घटनाक्रम पर ज्ञापन सौंपा

पणजी: गोवा कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को प्रदेश के राज्यपाल सत्य पाल मलिक से मुलाकात कर राजस्थान के हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों पर प्रकाश डालते हुए एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में भाजपा पर राजस्थान की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है ।

यह कदम राजस्थान के हालिया राजनीतिक संकट में भाजपा की कथित भूमिका को उजागर करने के लिए कांग्रेस की देशव्यापी पहल का हिस्सा था।

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र पर भाजपा के इशारे पर काम करने और विधानसभा सत्र बुलाने में देरी करने का आरोप लगाया।

इस प्रतिनिधिमंडल में विपक्ष के नेता दिगंबर कामत, गोवा प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष गिरीश चोडनकर और दक्षिण गोवा के सांसद फ्रांसिस सरदिन्हा शामिल थे।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मलिक से भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने का आग्रह किया।

राजस्थान सरकार ने 97 आरएएस अधिकारियों के तबादले किए

राजनीतिक उठापठक के बीच ही राजस्थान सरकार ने सरकारी अमले में बड़े फेरबदल के तहत राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के 97 अधिकारियों के तबादले/ पदस्थापन किए हैं।

राज्य के कार्मिक विभाग ने बृहस्पतिवार देर रात इस बारे में आदेश जारी किया। इस क्रम में बड़ी संख्या में उपखंड अधिकारियों (एसडीएम) का तबादला किया गया है। राज्य सरकार ने दो आरएएस एलएन बुनकर व लोकेश कुमार को पदस्थापन की प्रतीक्षा एपीओ में रखा है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल ही में बड़ी संख्या में अधिकारियों के तबादले किए हैं। इससे पहले मंगलवार को दो आईएएस व 12 आरएएस के तबादले किए गए थे।

(समाचार एजेंसी भाषा का इनपुट) 

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