NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
हरियाणा में कई सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में बगावत, निर्दलीय ताल ठोंकी
टिकट नहीं दिये जाने पर दोनों दलों को कई नेताओं की बगावत का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में 21 अक्टूबर को मतदान होना है। शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख समाप्त हो गई।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
05 Oct 2019
haryana
फोटो साभार : अमर उजाला

चंडीगढ़ : हरियाणा में किसान और मज़दूरों की समस्याओं से अलग राजनीतिक दलों में टिकट को लेकर जात-बिरादरी और रसूख की राजनीतिक हावी है। अब विधानसभा चुनाव के महज कुछ दिन पहले सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस दोनों में बगावत हो गई है और दोनों के लिए बागी सिरदर्द बन गए हैं क्योंकि उनमें से कुछ लोग निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतर गये हैं।

टिकट नहीं दिये जाने पर दोनों दलों को कई नेताओं की बगावत का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में 21 अक्टूबर को मतदान होना है। शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख समाप्त हो गई।

टिकट नहीं मिलने पर नाराज रेवाड़ी से भाजपा के मौजूदा विधायक रणधीर कापड़ीवास ने कहा कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे हैं।

गुड़गांव से भाजपा के मौजूदा विधायक उमेश अग्रवाल ने इस निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पत्नी अनीता को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा है।

पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पुत्र एवं कांग्रेस नेता रणजीत सिंह चौटाला पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद रानिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। रानिया से कांग्रेस ने विनीत कंबोज को टिकट दिया है।

कुछ अन्य सीटें भी हैं, जहां दोनों दलों के बागी नेता चुनाव मैदान में तो नहीं उतरे हैं लेकिन जिन्हें उनकी मूल पार्टी से उम्मीदवार बनाया गया है उनके खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है।

भाजपा ने कापड़ीवास की जगह सुनील मुसेपुर को टिकट दिया है।

यह पूछे जाने पर कि चुनाव मैदान में वह क्यों उतरे हैं, कापड़ीवास ने कहा, ‘‘मैं भाजपा का वफादार कार्यकर्ता रहा हूं। हमेशा पार्टी के ध्वज को ऊंचा रखा है और जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया है। मैं कभी भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में नहीं रहा हूं लेकिन नहीं जानता कि मुझे किसी चीज की कीमत चुकानी पड़ी है।

कापड़ीवास ने कहा, ‘‘जब एक बाहरी को उतारा गया तो मेरे समर्थकों ने मुझसे कहा कि मुझे (चुनाव) लड़ना चाहिए और मैं मुकाबले में उतरा। मैं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरा हूं। ’’

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने अपने मौजूदा 48 विधायकों में राव नरबीर सिंह और विपुल गोयल सहित 12 को टिकट नहीं दिया।
भगवा पार्टी ने कई दलबदलू नेताओं को शामिल किया है, जिनमें से ज्यादातर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) से हैं।

कांग्रेस के खेमे में भी अंदरूनी कलह बढ़ गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अशोक तंवर ने दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास के बाहर बुधवार को प्रदर्शन किया था। उन्होंने हरियाणा में टिकट बंटवारे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। शनिवार को तंवर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

उल्लेखनीय है कि चुनाव के कुछ सप्ताह पहले तंवर को हटा कर कुमारी शैलजा को पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख बनाया गया और उनके प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता बनाए गए।

अपने बेटे चिरंजीव राव को कांग्रेस द्वारा रेवाड़ी से टिकट दिये जाने के बावजूद पूर्व मंत्री अजय सिंह यादव नाखुश हैं।

उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट में गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची के बारे में कहा था, ‘‘इनमें से ज्यादातर दलबदलू और गैर कांग्रेसी हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में खुल कर (पार्टी का) विरोध किया था।’’

हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनावों में 47 सीटें जीती थी। इस साल जींद उपचुनाव जीतने के बाद पार्टी के विधायकों की संख्या 48 हो गयी थी। इस बार पार्टी ने 75 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।

दूसरी तरफ कांग्रेस के 17 विधायक हैं।

भाजपा और कांग्रेस के अलावा इंडियन नेशनल लोकदल, शिरोमणि अकाली दल, जननायक जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, स्वराज इंडिया और लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी भी चुनाव मैदान में हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Haryana Assembly Elections
BJP
Congress
AAP
BAHUJAN SAMAJ PARTY

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    शहरों की बसावट पर सोचेंगे तो बुल्डोज़र सरकार की लोककल्याण विरोधी मंशा पर चलाने का मन करेगा!
    25 Apr 2022
    दिल्ली में 1797 अवैध कॉलोनियां हैं। इसमें सैनिक फार्म, छतरपुर, वसंत कुंज, सैदुलाजब जैसे 69 ऐसे इलाके भी हैं, जो अवैध हैं, जहां अच्छी खासी रसूखदार और अमीर लोगों की आबादी रहती है। क्या सरकार इन पर…
  • रश्मि सहगल
    RTI क़ानून, हिंदू-राष्ट्र और मनरेगा पर क्या कहती हैं अरुणा रॉय? 
    25 Apr 2022
    “मौजूदा सरकार संसद के ज़रिये ज़बरदस्त संशोधन करते हुए RTI क़ानून पर सीधा हमला करने में सफल रही है। इससे यह क़ानून कमज़ोर हुआ है।”
  • मुकुंद झा
    जहांगीरपुरी: दोनों समुदायों ने निकाली तिरंगा यात्रा, दिया शांति और सौहार्द का संदेश!
    25 Apr 2022
    “आज हम यही विश्वास पुनः दिलाने निकले हैं कि हम फिर से ईद और नवरात्रे, दीवाली, होली और मोहर्रम एक साथ मनाएंगे।"
  • रवि शंकर दुबे
    कांग्रेस और प्रशांत किशोर... क्या सोचते हैं राजनीति के जानकार?
    25 Apr 2022
    कांग्रेस को उसकी पुरानी पहचान दिलाने के लिए प्रशांत किशोर को पार्टी में कोई पद दिया जा सकता है। इसको लेकर एक्सपर्ट्स क्या सोचते हैं।
  • विजय विनीत
    ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?
    25 Apr 2022
    "चंदौली के किसान डबल इंजन की सरकार के "वोकल फॉर लोकल" के नारे में फंसकर बर्बाद हो गए। अब तो यही लगता है कि हमारे पीएम सिर्फ झूठ बोलते हैं। हम बर्बाद हो चुके हैं और वो दुनिया भर में हमारी खुशहाली का…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License