NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बात बोलेगी: सावित्री बाई फुले को याद करना, मतलब बुल्ली बाई की विकृत सोच पर हमला बोलना
सवाल यह है कि जिन लोगों ने, सावित्री बाई फुले के ऊपर कीचड़ डाला था, उनके ख़िलाफ गंदी-अश्लील टिप्पणी की थी, वे 2022 में कहां हैं। वे पहले से अधिक खूंखार हो गये हैं, पहले से ज्यादा बड़े अपराधी—जिन्हें सरकारों-सरकारी मशीनरी का पूरा खुल्लम-खुल्ला समर्थन हासिल है।
भाषा सिंह
03 Jan 2022

आज देश के कई हिस्सों में देश की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फुले को याद किया गया। छोटे-बड़े कार्यक्रम हुए, जहां महिलाओं-खास तौर से वंचित समाज की औरतों के लिए शिक्षा और ज्ञान का रास्ता खोलने, विधवाओं के लिए सम्मान भरा जीवन सुनिश्चित करने, विधवा विवाह-प्रसूतिगृह शुरू करने के सावित्री बाई फुले के क्रांतिकारी कदमों को सलाम पेश किया गया। उनके साथ-साथ, उनकी अभिन्न साथी फातिमा शेख को भी सलाम पेश किया गया—क्योंकि उनके साथ मिलकर ही उन्होंने मनुस्मृति के घटाटोप अंधकार में घिरे भारत में शिक्षा की मशाल जलाई थी। हम सब भारतीय महिलाओं और पुरुषों के लिए, 3 जनवरी 1831 को जन्मी सावित्री बाई फुले ने संघर्ष की एक ऐसी इबारत लिखी, जो आज भी हौसला देती है। सवाल यह है कि जिन लोगों ने, सावित्री बाई फुले के ऊपर कीचड़ डाला था, उनके ख़िलाफ गंदी-अश्लील टिप्पणी की थी, वे 2022 में कहां हैं। वे पहले से अधिक खूंखार हो गये हैं, पहले से ज्यादा बड़े अपराधी—जिन्हें सरकारों-सरकारी मशीनरी का पूरा खुल्लम-खुल्ला समर्थन हासिल है—आज 2022 में ये भारतीय महिलाओं के ऊपर कीचड़ बम फेंक रहे हैं और उसका नाम है बुल्ली बाई.

क्या विडंबना है कि आज जब हम सावित्री बाई फुले की क्रांतिकारी विरासत को याद कर रहे हैं, तब हमें अपने आसपास बुल्ली बाई-सुल्ली डील्स करते मानवता विरोधी-घिनौने लोगों की जमात नजर आ रही है। जो लोग सावित्री बाई फुले पर कीचड़ फेंकते थे, वे आज 2022 की शुरुआत भारत की महिला नागरिकों को ऑनलाइन बेचने में लगे हैं। ऐसा व पहली बार नहीं कर रहे, इससे पहले 2021 में यही बलात्कारी सोच –‘सुल्ली डील्स’ के नाम पर ऑनलाइन मुसलमान औरतों की बोली लगा कर अट्टाहास कर रही थी। सुल्ली डील्स से बुल्ली बाई तक का सफर इस विकृत मानसिकता ने महज़ छह महीने लगाए और इस तरह से साबित किया कि भारतीय औरत को सरेआम जलील करने वाला तंत्र कितना विकराल हो गया है।

जुलाई 2021 को जब सुल्ली डील्स सामने आया था, तब भी अश्लील फोटो को मॉर्फ ( morph) करके मुस्लिम समाज की लड़कियों की फोटो के गलत ढंग से जोड़कर पब्लिक प्लेटफॉर्म पर डाली गईं और फिर उनकी बोलियां लगाई गईं। इस पर जब आपत्ति जताई गई, तो यह प्लेटफॉर्म गायब हो गया, लेकिन पकड़ा कोई भी नहीं गया। सरकारी मशीनरी, पुलिस प्रशासन जो बात-बात पर तमाम लोगों के गढ़े मुर्दे उखाड़ने का दावा करता है, वह सुल्ली डील्स के पीछे के मास्टरमाइंड की हवा तक नहीं लगा पाया। देश के संविधान-कानून व्यवस्था, महिला की गरिमा, निजता सबकी धज्जियां सरेआम उड़ती रहीं, लेकिन सिस्टम हिला-डुला तक नहीं।

इसके बाद, भारतीय लोकतंत्र को 2022 को वेलकम गिफ्ट मिला बुल्ली बाई के रूप में, जहां एक बार फिर नरसंहार को रचाने वाली मानसिकता ने औरतों की मंडी सजाई थी। करीब 100 मुसलमान औरतों की खरीद-फरोख्त करने वाली नपुंसक भीड़ भारतीय संविधान को धता बता रही थी। यह वीभत्य नाच, राजनीतिक इशारों पर है। मुसलमानों के कत्लेआम का सार्वजनिक मंचों से उद्घोष करने वाले देशद्रोहियों की सोच ही पैदा करती है सुल्ली डील्स और बुल्ली बाई। जिस तरह से गंदगी का यह खुला खेल चल रहा है, वह भारत को मध्य युगीन बर्बरता की ओर ढकेलने वाला है।

लेकिन ये लोग भूल जाते हैं, कि भारत की विरासत सावित्री बाई फुले औऱ फातिमा शेख की विरासत है। जब 1831 में जन्मी ये दोनों शख्सियतें उस समय मनुस्मृति और पितृसत्ता से दो-दो हाथ करते हुए आगे बढ़ी, तब आज की भारतीय नागरिक कैसे हिम्मत हार मान लेगी। इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए, पूरी मजबूती औऱ दृढ़ता से वे भारतीय नागरिक सामने आईं, जिनके चेहरों को इन घिनौने प्लेटफॉर्म पर बिक्री के लिए डाला गया था, उन्होंने जाकर पुलिस में रिपोर्ट लिखाई, सोशल मीडिया पर खुद इस साजिश का पर्दाफाश किया।

आज जब हम याद करते हैं सावित्री बाई फुले को तो आज बुल्ली बाई करने वाली विकृत-बलात्कारी, मानवताविरोधी सोच के खिलाफ आज बुलंद करनी जरूरी है। वरना हम, सावित्री बाई पर कीचड़ फेंकने वालों के साथ ही खड़े होंगे और अगली पीढ़ी को अंधकार युग में ढकेलेंगे। 

(लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

Savitribai Phule
Savitribai Phule Birth Anniversary
Bulli Bai
Sulli Deals
violence against women
Attacks on Minorities in India
BJP-RSS
Muslim women

Related Stories

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

शाहीन बाग से खरगोन : मुस्लिम महिलाओं का शांतिपूर्ण संघर्ष !

लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

भारत में सामाजिक सुधार और महिलाओं का बौद्धिक विद्रोह

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

कोलकाता : वामपंथी दलों ने जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चलने और बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ निकाला मार्च

बात बोलेगी: मुंह को लगा नफ़रत का ख़ून


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान
    24 May 2022
    वामदलों ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बेरज़गारी के विरोध में 25 मई यानी कल से 31 मई तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।
  • सबरंग इंडिया
    UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध
    24 May 2022
    संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत ने दावा किया है कि देश में 10 करोड़ से ज्यादा आदिवासी और दूसरे समुदायों के मिलाकर कुल क़रीब 30 करोड़ लोग किसी ना किसी तरह से भोजन, जीविका और आय के लिए जंगलों पर आश्रित…
  • प्रबीर पुरकायस्थ
    कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक
    24 May 2022
    भारत की साख के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्य देशों में अकेला ऐसा देश है, जिसने इस विश्व संगठन की रिपोर्ट को ठुकराया है।
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी मस्जिद की परछाई देश की राजनीति पर लगातार रहेगी?
    23 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ज्ञानवापी मस्जिद और उससे जुड़े मुगल साम्राज्य के छठे सम्राट औरंगज़ेब के इतिहास पर चर्चा कर रहे हैं|
  • सोनिया यादव
    तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?
    23 May 2022
    पुलिस पर एनकाउंटर के बहाने अक्सर मानवाधिकार-आरटीआई कार्यकर्ताओं को मारने के आरोप लगते रहे हैं। एनकाउंटर के विरोध करने वालों का तर्क है कि जो भी सत्ता या प्रशासन की विचारधारा से मेल नहीं खाता, उन्हें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License