NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सेंट्रल विस्टा निर्माण के खिलाफ याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध; उच्च न्यायालय ने अर्जी दायर करने को कहा
याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि ‘‘चरमराती’’ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और निर्माण स्थल पर कार्यरत श्रमिकों का जीवन जोखिम में होने के मद्देनजर परियोजना का जारी रहना चिंता का विषय है।  
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 May 2021
सेंट्रल विस्टा

नयी दिल्ली: कोविड-19 वैश्विक महामारी के बढ़ते मामलों के बीच यहां सेंट्रल विस्टा के निर्माण पर रोक लगाने के लिये दायर जनहित याचिका पर शीघ्र सुनवाई का दिल्ली उच्च न्यायालय से सोमवार को अनुरोध किया गया।  सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के निर्माण कार्य को "आवश्यक सेवाओं" के दायरे में लाने के लिए विपक्षी नेताओं ने भी सरकार पर निशाना साधा है। लेकिन सरकार को इनसे कोई फ़र्क पड़ता नहीं दिख रहा है।  

वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ के समक्ष इसका उल्लेख किया जिस पर अदालत ने कहा कि इसके पहले अर्जी दायर की जाए।

लूथरा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सात मई को याचिकाकर्ताओं से कहा था कि यदि वे याचिका पर शीघ्र सुनवाई चाहते हैं तो वे दिल्ली उच्च न्यायालय जायें और इसी वजह से उन्होंने उच्च न्यायालय में इस मामले का जिक्र किया।

याचिकाकर्ताओं आन्या मल्होत्रा और सोहेल हाशमी उच्च न्यायालय के चार मई के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुचे थे जिसमें अदालत ने जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए 13 दिन के बाद यानी 17 मई की तारीख तय की थी।

अदालत ने कहा था कि वह पहले उच्चतम न्यायालय के पांच जनवरी के फैसले पर गौर करना चाहती है। अदालत ने कहा था कि वह देखना चाहती है कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर आगे बढ़ने की मंजूरी देते हुए शीर्ष अदालत ने क्या कहा है।

याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय में दायर याचिका में दलील दी थी कि यह परियोजना आवश्यक गतिविधि नहीं है और इसलिए, महामारी के मद्देनजर इस पर रोक लगाई जा सकती है।

लूथरा ने पीठ से कहा था कि यह मामला अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि देश एक अभूतपूर्व मानवीय संकट का सामना कर रहा है।

उन्होंने कहा था कि वह राजपथ, सेंट्रल विस्टा विस्तार और उद्यान में चल रहे निर्माण कार्य को जारी रखने की प्रदान की गई अनुमति की चुनौती से चिंतित हैं।

लूथरा ने कहा था, ‘‘मजदूरों को सराय काले खां और करोल बाग क्षेत्र से राजपथ और सेंट्रल विस्टा तक ले जाया जा रहा है, जहां निर्माण कार्य चल रहा है। इससे उनके बीच संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है।’’

उन्होंने सोमवार को मामले की शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करते हुए अदालत में भी यही दलील दी। शीघ्र सुनवाई की अर्जी पर 11 मई को उच्च न्यायालय में सुनवाई हो सकती है।

लूथरा ने कहा था कि जब देश में लॉकडाउन पर विचार कर रहा है और यहां तक कि इंडियन प्रीमियर लीग को भी स्थगित कर दिया गया है, ऐसे में निर्माण गतिविधि को अनुमति नहीं दी जा सकती।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि यदि परियोजना को महामारी के दौरान जारी रहने की अनुमति दी गई तो इससे काफी संक्रमण फैल सकता है।

उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि ‘‘चरमराती’’ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और निर्माण स्थल पर कार्यरत श्रमिकों का जीवन जोखिम में होने के मद्देनजर परियोजना का जारी रहना चिंता का विषय है।

अधिवक्ताओं गौतम खजांची और प्रद्युम्न कायस्थ के माध्यम से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि इस परियोजना में राजपथ और इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक पर निर्माण गतिविधि प्रस्तावित है।

इस परियोजना के तहत एक नए संसद भवन, एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है।

विपक्ष भी सेंट्रल विस्टा परियोजना पर सरकार की कर रहे हैं आलोचना

देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है।  पुरे देश में त्रहिमाम है, खासकर दिल्ली की हालत बेहद नाज़ुक है, लोगो को ऑक्सीजन और ज़रूरी दवाइयाँ नहीं मिल पा रही है।  इसके आभाव में लोगो अपनी जाने गंवा रहे है। आदलत भी इस परिस्थति के लिए  रोजाना केंद्र और दिल्ली सरकार को लताड़ रहा है।  माहमारी को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में  लॉकडाउन लगाया गया है।  ऐसे में केंद्र सरकार का ध्यान जहाँ लोगो की जान बचाने पर होना चाहिए वहां वो नए संसद भवन को एक जरूरी काम के दायरे में रखा है।  दिल्ली में लगे लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की सुचारू आवाजाही के लिए सरकार द्वारा अपनी महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के निर्माण कार्य को "आवश्यक सेवाओं" के दायरे में लाने के लिए विपक्षी दल भी  सरकार की आलोचना करते रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी मेंकई  सप्ताह से  लॉकडाउन जारी रहने के बीच परियोजना का कार्य जारी है , जबकि लॉकडाउन के दौरान अधिकतर निर्माण स्थलों पर कार्य ठप रहा। परियोजना के तहत निर्माण कार्य को ‘‘आवश्यक सेवाओं’’ में शामिल किया गया, जिसकी विपक्ष ने आलोचना की है।  

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री के लिए नया घर बनाने की बजाय लोगों की जान बचाने के लिए संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जब देश के लोग ऑक्सीजन, वैक्सीन, हॉस्पिटल बेड, दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं तब सरकार 13000 करोड़ से प्रधानमंत्री का नया घर बनवाने की बजाए सारे संसाधन लोगों की जान बचाने के काम में डाले तो बेहतर होगा।’’

प्रियंका ने कहा कि इस तरह के खर्चों से जनता को यह संदेश जाता है कि सरकार की प्राथमिकताएं किसी और दिशा में हैं। गौरतलब है कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति को बताया कि महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत प्रधानमंत्री आवास का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा। समिति ने परियोजना के लिये अपनी मंजूरी दी है। इस परियोजना को विकसित कर रहे सीपीडब्ल्यूडी ने विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) को सूचित किया कि संसद की इमारत के विस्तार और संसद की नई इमारत का निर्माण नवंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा और प्रधानमंत्री आवास का निर्माण 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।

 माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कोरोना वायरस महामारी के बावजूद सेंट्रल विस्टा परियोजना को जारी रखने की सरकार की योजनाओं को ‘‘हास्यास्पद’’ बताया था। येचुरी ने परियोजना के तहत शेष भवनों के लिए केंद्र द्वारा आवश्यक पर्यावरण मंजूरी देने संबंधी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मंजूरी के समय को लेकर सवाल किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह हास्यास्पद है। ऑक्सीजन और टीकों के लिए पैसे नहीं हैं जबकि हमारे भाई और बहन अस्पताल में बेड के लिए इंतजार करते करते दम तोड़ रहे हैं। लेकिन मोदी अपनी दंभी महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए जनता के पैसों की बर्बादी करेंगे। इस अपराध को बंद करिए।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कोविड महामारी संकट के बीच ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के तहत काम आगे बढ़ाए जाने को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने केंद्र सरकार से उसकी प्राथमिकताओं को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, 'कोविड संकट है। जांच नहीं, टीका नहीं, ऑक्सीजन नहीं, आईसीयू नहीं....प्राथमिकताएं!'

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

Central Vista
Central Vista Project
COVID-19
Delhi High court
Congress
BJP
left parties

Related Stories

दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • language
    न्यूज़क्लिक टीम
    बहुभाषी भारत में केवल एक राष्ट्र भाषा नहीं हो सकती
    05 May 2022
    क्या हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देना चाहिए? भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष से लेकर अब तक हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की जद्दोजहद कैसी रही है? अगर हिंदी राष्ट्रभाषा के तौर पर नहीं बनेगी तो अंग्रेजी का…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    "राजनीतिक रोटी" सेकने के लिए लाउडस्पीकर को बनाया जा रहा मुद्दा?
    05 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार सवाल उठा रहे हैं कि देश में बढ़ते साम्प्रदायिकता से आखिर फ़ायदा किसका हो रहा है।
  • चमन लाल
    भगत सिंह पर लिखी नई पुस्तक औपनिवेशिक भारत में बर्तानवी कानून के शासन को झूठा करार देती है 
    05 May 2022
    द एग्ज़िक्युशन ऑफ़ भगत सिंह: लीगल हेरेसीज़ ऑफ़ द राज में महान स्वतंत्रता सेनानी के झूठे मुकदमे का पर्दाफ़ाश किया गया है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल
    05 May 2022
    राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगर गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाला फ़ैसला आता है, तो एक ही जेंडर में शादी करने जैसे दूसरे अधिकार भी ख़तरे में पड़ सकते हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    अंकुश के बावजूद ओजोन-नष्ट करने वाले हाइड्रो क्लोरोफ्लोरोकार्बन की वायुमंडल में वृद्धि
    05 May 2022
    हाल के एक आकलन में कहा गया है कि 2017 और 2021 की अवधि के बीच हर साल एचसीएफसी-141बी का उत्सर्जन बढ़ा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License