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नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देश भर से मिल रहा समर्थन
इस हड़ताल की वजह से अस्पतालों में भर्ती मरीजों का इलाज सरकार के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों की हड़ताल को मिलता हुआ देशव्यापी समर्थन भी सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें दिखा रहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Dec 2021
neet pg
सांकेतिक तस्वीर। साभार : ट्विटर

दिल्ली के बाद अब देश के हर राज्य में रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है... पीजी 2021 की काउंसलिंग में देरी को लेकर राजस्थान के फोरडा यानी फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया है, जिसके बाद अस्पतालों में भर्ती मरीजों का इलाज सरकार के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों की हड़ताल को मिलता हुआ देशव्यापी समर्थन भी सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें दिखा रहा है।

राजस्थान में सोमवार देर शाम को फोरडा की एक बैठक में अहम फैसला लिया गया... बैठक के बाद कहा गया कि 26 नवंबर, 2021 को शुरू हुई डॉक्टरों की ये हड़ताल आगे भी जारी रहेगी... साथ ही साथ मामले का समाधान नहीं होने तक ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार करने का भी फैसला लिया गया।

दरअसल फोरडा के अध्यक्ष और प्रतिनिधिमंडल की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ दो बार मुलाकात हो चुकी है... इसके बाद भी कोई हल नहीं निकल सका... यही कारण है कि अब डॉक्टर अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर बहिष्कार का रास्ता अख्तियार कर चुके हैं....

डॉक्टरों की हड़ताल और उनकी मांगो को लेकर जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स के उपाध्यक्ष डॉ पुखराज पहाड़िया ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.... उनका कहना है कि रेजिडेंट डॉक्टरों को चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और भामाशाह योजना से संबंधित काम में लगा दिया गया है... जिस कारण उन्हें पढ़ाई के लिए और अस्पतालों में मरीज देखने के लिए ठीक से समय नहीं मिलता है... जिसको लेकर डॉ पहाड़िया ने रेजिडेंट डॉक्टरों को इन कामों से अलग करने की मांग भी की है...

वहीं फोरडा की ओर से ये भी दावा किया गया है कि देश में 40,000 डॉक्टरों की कमी है....जिसके कारण COVID-19 की तीसरी लहर से निपटना बेहद मुश्किल है।

आपको बता दे सुप्रीम कोर्ट में नीट पीजी प्रवेश परीक्षा में ईडब्ल्यूएस आरक्षण कोटा के तहत आय सीमा को लेकर सुनवाई लंबित है... इस कारण, केंद्र सरकार ने नीट पीजी काउंसलिंग को रोक दिया है... न्यायलय में अगली सुनवाई 06 जनवरी, 2022 को होनी है और तब तक नीट पीजी की काउसंलिंग शुरू होने के आसार बेहद कम है...

अब इन तमाम समस्याओं को लेकर ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, झारंखड, असम, राजस्थान समेत कई राज्यों से डॉक्टरों की हड़ताल को पूरा समर्थन मिल रहा है।

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