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भारत
राजनीति
संयुक्त मोर्चा ने बंगाल के मतदाताओं से लोकतंत्र एवं धर्मनिर्पेक्षता को मज़बूत करने की अपील की
मतदाताओं को जारी अपील की शुरूआत में ही तीन कृषि-क़ानूनों को ख़ारिज करने की मांग के साथ मज़दूर विरोधी श्रम संहिता में संशोधन का पुरज़ोर विरोध किया गया है।
संदीप चक्रवर्ती
26 Mar 2021
Translated by महेश कुमार
संयुक्त मोर्चा
तस्वीर सौजन्य: द हिन्दू 

वाम मोर्चा, कांग्रेस और इंडियन सेकुलर फ्रंट के चुनाव पूर्व गठबंधन से बने संयुक्त मोर्चा ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की बहाली और धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने को अपनी प्रमुख प्राथमिकता बनाने के लिए राज्य के मतदाताओं के प्रति एक संयुक्त अपील जारी की है। वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बसु ने कोलकाता के मुजफ्फर अहमद भवन में संयुक्त मोर्चा के सभी घटकों की तरफ से उपरोक्त अपील को जारी किया है।

संयुक्त मोर्चा की यह अपील इस सप्ताह के शुरुवात में वाम मोर्चा और कांग्रेस द्वारा चुनावी घोषणापत्र के प्रकाशन के बाद आई है।

अपील में स्पष्ट रूपसे तीन कृषि-कानूनों को खारिज करने और श्रम संहिता में मजदूर विरोधी संशोधन के खिलाफ विरोध दर्ज़ किया गया है। अपील में नवउदारवादी आर्थिक नीतियों के चलते देश के आम साधारण लोगों की बिगड़ती स्थिति का भी उल्लेख किया गया है। अपील आगे कहती है कि वर्तमान समय में धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों का बेज़ा हनन हुआ है।

मोर्चा ने राज्य में टीईटी जैसी परीक्षाओं को समय पर कराने और राज्य में हर किस्म की गुंडागर्दी को समाप्त करने का आश्वासन भी दिया है। बाद में, प्रेस से बात करते हुए, बिमान बसु ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी का आईटी सेल, वामपंथियों के सत्ता में आने के बारे में दोषपूर्ण अभियान चला रहा है, और वे कह रहे हैं कि वर्ष "21 वें राम और 26 वें वाम"। बॉस ने सभी को ऐसे अभियानों के प्रति सतर्क रहने का अनुरोध किया है।

लगातार ज़हरीला अभियान 

संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए, बासु ने भाजपा के सभी उन आरोपों का जोरदार खंडन किया, जिसमें संयुक्त मोर्चे घटक आईएसएफ को "सांप्रदायिक" संगठन होने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि आईएसएफ उम्मीदवारों की सूची में बहुसंख्यक समुदाय से काफी लोग मौजूद हैं और इस संतुलन से आईएसएफ ने राजनीति के प्रति गैर-सांप्रदायिक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा मीडिया के दिग्गजों को खरीद चुकी हैं, जो संयुक्त मोर्चा के खिलाफ बदनामी भरा और जहरीला अभियान चला रहे हैं।

भाजपा पर हमला करते हुए बसु ने कहा कि अमित शाह असम में ‘डबल इंजन सरकार’ के बारे जो बार कर रहे हैं, वे उसे पश्चिम बंगाल के बारे में क्यों नहीं कह रहे हैं। “उत्तर प्रदेश, असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में भाजपा की डबल इंजन सरकार की क्या हालत क्या है? त्रिपुरा में उन्होंने जो सबसे पहला कदम उठाया, उसमें उन्होने 10,323 शिक्षकों को बर्खास्त किया और उन्हें पीटा।”

उन्होंने यह भी बताया कि बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार के तहत बसों, रेलवे और यहां तक कि जलमार्गों में भी वे घृणा और जहरीला प्रचार चला रहे हैं। 

उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने मेदिनीपुर और हल्दिया में जो बड़ी सभाएं करने का दावा किया है उसके लिए अधिकतर लोगों को बसों के जरिए अन्य राज्यों से लाया गया था, जबकि वामपंथी पार्टियों की ब्रिगेड रैली में लोग राज्य से अपनी पहल पर सभा में भाग लेने आए थे। 

बॉस ने कहा कि, वामपंथी प्रथा के विपरीत जिसमें लोग अभियानों से प्राभावित होकर ब्रिगेड रैली में आते हैं, बीजेपी को कार्यकर्ताओं और आयोजकों को हर कदम पर लोगों को सभा में लाने के लिए पैसा बांटना पड़ता है। 

सीएए एनआरसी पर टीएमसी का डबल रोल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उस टिप्पणी पर तीखा हमला करते हुए कि वामपंथियों को वोट देने से राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू कर दिया जाएगा, उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री, प्रशांत किशोर की मेंटरशिप के तहत, सहानुभूति हासिल करने के लिए षड्यंत्रकारी चाले चल रही है और पलस्तर का ड्रामा कर रही है। बॉस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आश्वासन देते हुए कहा कि, 'अगर चुनाव में मोर्चा जीता तो पश्चिम बंगाल में सीएए, एनआरसी और एनपीआर किसी भी कीमत पर लागू नहीं किए जाएंगे।'

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, कांग्रेस नेता और सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि जब सीएए एनपीआर एनआरसी के बारे में विधेयक संसद के उच्च सदन में पेश किया गया तो टीएमसी ने  नापाक भूमिका निभाई थी और विपक्षी एकता का दामन छोड़ते हुए भाजपा के साथ जा खड़ी हुई  थी। 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडियन सेकुलर फ्रंट की तरफ से बोलते हुए फिल्म निर्माता सौमित्रा घोषदस्तीदार ने कहा कि वे संयुक्त मोर्चा के साथ रहेंगे और मोर्चे के प्रति उनकी निष्ठा है। जब एआईएमआईएम द्वारा उम्मीदवारों को खड़ा करने की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि चुनाव कोई भी लड़ सकता है और बात कर सकता है, लेकिन वे संयुक्त मोर्चा के साथ रहेंगे।

पत्रकारों को जवाब देते हुए, बिमान बसु ने दोहराया कि जिन छह सीटों पर सीट-साझा करने का निर्णय नहीं हुआ है उसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा, और इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें 

‘Restore Democracy, Maintain Secularism’: Sangjukto Morcha Makes Joint Appeal to Bengal Voters

West Bengal Elections 2021
Left Front
Sanjukta Morcha
ISF
mamata banerjee
Biman Basu

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