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पेंशन में सुधार की मांग को लेकर रिटायर्ड बैंक कर्मचारियों का धरना
बैंक पेंशनरों और सेवानिवृत्त लोगों के लंबित मुद्दों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही। लगभग दो दशकों से धरना, प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। लेकिन इन मुद्दों को हल करने की दिशा में कोई क़दम नहीं उठाया गया इसलिए ये प्रदर्शन किया जा रहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Nov 2019
retired bank employee's

बैंक पेंशनर्स और संस्थाओं के रिटायर्ड कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर गुरुवार, 21 नवंबर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। को-ओर्डिनेशन ऑफ़ बैंक पेंशनर्स और रिटायर्ड आर्गेनाईज़ेशन (सीआरपीआरओ) द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में सभी सार्वजनिक बैंकों के रिटायर्ड कर्मियों ने हिस्सा लिया और सरकार से अपने अधिकारों की गुहार लगाई।

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, "सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सभी सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद जो पेंशन मिलती है, उसमें हर साल बढ़ोतरी होती है लेकिन हमारी पेंशन में कोई रिविज़न नहीं होता। हमें कोई मेडिकल सुविधा नहीं मिलती और तो और सरकार मेडिकल बीमा के नाम पर हमसे मोटा प्रीमियम वसूल कर लेती है।"

सीआरपीआरओ के केवी आचार्य ने बताया, "हम लोग बहुत परेशान हैं, सरकार हमारी सुन नहीं रही। सभी सरकारी कर्मचारियों यहां तक कि आरबीआई की पेंशन में भी वृद्धि होती है लेकिन हमारी पेंशन जस की तस बनी हुई है। हम इस संबंध में वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय बैंक संघ के साथ लंबे समय से अपनी लंबित मांगों को उठाते रहे हैं लेकिन सरकार और आईबीए की ओर से अभी तक कोई इस पर कोई क़दम नहीं उठाया गया है। हमें केवल आश्वासन ही मिले हैं।"

फ़ेडरेशन ऑफ़ एसबीआई पेंशनर्स के अशोक सहगल ने कहा, "हम बीस साल से सरकार से गुहार लगा रहे हैं और सरकार इसे अनसुना कर रही है। जबकी फ़ैमिली पेंशन में वृद्धि हमारा हक़ है। अगर आगे भी सरकार का यही रवैया रहा तो हम भूख हड़ताल और संसद तक मार्च करेंगे क्योंकि सरकार बिना इसके सुनती नहीं है।"

नेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ बैंक वर्कर्स के पूर्व महासचिव अश्विनी राणा ने बताया, "आज हम अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन वित्त मंत्रालय के सचिव को सौंपने जा रहे हैं। हमारी मुख्य मांगों में फ़ैमिली पेंशन में सुधार, संशोधन, चिकित्सा बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति, 2002 के पूर्व सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के लिए 100% डीए का समायोजन, एसबीआई के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को पेंशन का अंतिम 50% मूल वेतन और प्रतिनियुक्ति इसके साथ ही पेंशन और ग्रेच्युटी की गणना के उद्देश्य से विशेष भत्ते की प्रतिपूर्ति भी शामिल है।"

संयुक्त संयोजकों में से एक रमेश बाबू ने अपनी बात रखते हुए कहा, "फ़ैमिली पेंशन का पैसा आरबाई और सरकारी कर्मचारियों को 30 प्रतिशन के हिसाब से मिलता है तो हमें 15 प्रतिशत के हिसाब से दिया जाता है। हमारे पेंशन फ़ंड में लगभग 3 लाख करोड़ पड़े हैं, जो हमने अपने पीएफ़ से सरेंडर किया है लेकिन सरकार और प्रबंधन इसे ख़र्च नहीं कर रही है। वेज रिविज़न हर पांच साल में होता है। इसके साथ ही हमारी पेंशन का रिविज़न भी होना चाहिए, जो नहीं होता।"

बैंक पेंशनरों और सेवानिवृत्त लोगों के लंबित मुद्दों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही। लगभग दो दशकों से धरना, प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। लेकिन इन मुद्दों को हल करने की दिशा में कोई क़दम नहीं उठाया गया इसलिए ये प्रदर्शन किया जा रहा है।

सिंडिकेट बैंक से रिटायर्ड अधिकारी विजय अग्रवाल ने न्यूज़क्लिक को बताया, "किसी भी सभ्य समाज में सरकार अपने रिटायर्ड लोगों का ध्यान रखती है, ख़ासकर उनका जो सीनियर सिटीज़न हैं। सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को सीजीएचएस के ज़रिये मेडिकल की मुफ़्त सुविधा प्रदान करती है लेकिन हम बैंक कर्मियों को ये सुविधा नहीं मिलती। जो बैंकों के डायरेक्टर और बड़े पदों पर काम करते हैं उन्हें सभी सुविधाएं दी जाती हैं लेकिन हम जैसे लोगों को लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।"

Retired bank employee's protest
Demand for pension reform
CRPRO
National Organization of Bank Workers
Ashwini Rana
Syndicate Bank

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