NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
पेंशन में सुधार की मांग को लेकर रिटायर्ड बैंक कर्मचारियों का धरना
बैंक पेंशनरों और सेवानिवृत्त लोगों के लंबित मुद्दों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही। लगभग दो दशकों से धरना, प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। लेकिन इन मुद्दों को हल करने की दिशा में कोई क़दम नहीं उठाया गया इसलिए ये प्रदर्शन किया जा रहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Nov 2019
retired bank employee's

बैंक पेंशनर्स और संस्थाओं के रिटायर्ड कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर गुरुवार, 21 नवंबर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। को-ओर्डिनेशन ऑफ़ बैंक पेंशनर्स और रिटायर्ड आर्गेनाईज़ेशन (सीआरपीआरओ) द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में सभी सार्वजनिक बैंकों के रिटायर्ड कर्मियों ने हिस्सा लिया और सरकार से अपने अधिकारों की गुहार लगाई।

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, "सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सभी सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद जो पेंशन मिलती है, उसमें हर साल बढ़ोतरी होती है लेकिन हमारी पेंशन में कोई रिविज़न नहीं होता। हमें कोई मेडिकल सुविधा नहीं मिलती और तो और सरकार मेडिकल बीमा के नाम पर हमसे मोटा प्रीमियम वसूल कर लेती है।"

सीआरपीआरओ के केवी आचार्य ने बताया, "हम लोग बहुत परेशान हैं, सरकार हमारी सुन नहीं रही। सभी सरकारी कर्मचारियों यहां तक कि आरबीआई की पेंशन में भी वृद्धि होती है लेकिन हमारी पेंशन जस की तस बनी हुई है। हम इस संबंध में वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और भारतीय बैंक संघ के साथ लंबे समय से अपनी लंबित मांगों को उठाते रहे हैं लेकिन सरकार और आईबीए की ओर से अभी तक कोई इस पर कोई क़दम नहीं उठाया गया है। हमें केवल आश्वासन ही मिले हैं।"

फ़ेडरेशन ऑफ़ एसबीआई पेंशनर्स के अशोक सहगल ने कहा, "हम बीस साल से सरकार से गुहार लगा रहे हैं और सरकार इसे अनसुना कर रही है। जबकी फ़ैमिली पेंशन में वृद्धि हमारा हक़ है। अगर आगे भी सरकार का यही रवैया रहा तो हम भूख हड़ताल और संसद तक मार्च करेंगे क्योंकि सरकार बिना इसके सुनती नहीं है।"

नेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ बैंक वर्कर्स के पूर्व महासचिव अश्विनी राणा ने बताया, "आज हम अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन वित्त मंत्रालय के सचिव को सौंपने जा रहे हैं। हमारी मुख्य मांगों में फ़ैमिली पेंशन में सुधार, संशोधन, चिकित्सा बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति, 2002 के पूर्व सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के लिए 100% डीए का समायोजन, एसबीआई के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को पेंशन का अंतिम 50% मूल वेतन और प्रतिनियुक्ति इसके साथ ही पेंशन और ग्रेच्युटी की गणना के उद्देश्य से विशेष भत्ते की प्रतिपूर्ति भी शामिल है।"

संयुक्त संयोजकों में से एक रमेश बाबू ने अपनी बात रखते हुए कहा, "फ़ैमिली पेंशन का पैसा आरबाई और सरकारी कर्मचारियों को 30 प्रतिशन के हिसाब से मिलता है तो हमें 15 प्रतिशत के हिसाब से दिया जाता है। हमारे पेंशन फ़ंड में लगभग 3 लाख करोड़ पड़े हैं, जो हमने अपने पीएफ़ से सरेंडर किया है लेकिन सरकार और प्रबंधन इसे ख़र्च नहीं कर रही है। वेज रिविज़न हर पांच साल में होता है। इसके साथ ही हमारी पेंशन का रिविज़न भी होना चाहिए, जो नहीं होता।"

बैंक पेंशनरों और सेवानिवृत्त लोगों के लंबित मुद्दों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही। लगभग दो दशकों से धरना, प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। लेकिन इन मुद्दों को हल करने की दिशा में कोई क़दम नहीं उठाया गया इसलिए ये प्रदर्शन किया जा रहा है।

सिंडिकेट बैंक से रिटायर्ड अधिकारी विजय अग्रवाल ने न्यूज़क्लिक को बताया, "किसी भी सभ्य समाज में सरकार अपने रिटायर्ड लोगों का ध्यान रखती है, ख़ासकर उनका जो सीनियर सिटीज़न हैं। सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को सीजीएचएस के ज़रिये मेडिकल की मुफ़्त सुविधा प्रदान करती है लेकिन हम बैंक कर्मियों को ये सुविधा नहीं मिलती। जो बैंकों के डायरेक्टर और बड़े पदों पर काम करते हैं उन्हें सभी सुविधाएं दी जाती हैं लेकिन हम जैसे लोगों को लगातार नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।"

Retired bank employee's protest
Demand for pension reform
CRPRO
National Organization of Bank Workers
Ashwini Rana
Syndicate Bank

Related Stories


बाकी खबरें

  • भाषा
    कांग्रेस की ‘‘महंगाई मैराथन’’ : विजेताओं को पेट्रोल, सोयाबीन तेल और नींबू दिए गए
    30 Apr 2022
    “दौड़ के विजेताओं को ये अनूठे पुरस्कार इसलिए दिए गए ताकि कमरतोड़ महंगाई को लेकर जनता की पीड़ा सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं तक पहुंच सके”।
  • भाषा
    मप्र : बोर्ड परीक्षा में असफल होने के बाद दो छात्राओं ने ख़ुदकुशी की
    30 Apr 2022
    मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को घोषित किया गया था।
  • भाषा
    पटियाला में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं, तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला
    30 Apr 2022
    पटियाला में काली माता मंदिर के बाहर शुक्रवार को दो समूहों के बीच झड़प के दौरान एक-दूसरे पर पथराव किया गया और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी।
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बर्बादी बेहाली मे भी दंगा दमन का हथकंडा!
    30 Apr 2022
    महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक विभाजन जैसे मसले अपने मुल्क की स्थायी समस्या हो गये हैं. ऐसे गहन संकट में अयोध्या जैसी नगरी को दंगा-फसाद में झोकने की साजिश खतरे का बड़ा संकेत है. बहुसंख्यक समुदाय के ऐसे…
  • राजा मुज़फ़्फ़र भट
    जम्मू-कश्मीर: बढ़ रहे हैं जबरन भूमि अधिग्रहण के मामले, नहीं मिल रहा उचित मुआवज़ा
    30 Apr 2022
    जम्मू कश्मीर में आम लोग नौकरशाहों के रहमोकरम पर जी रहे हैं। ग्राम स्तर तक के पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर जिला विकास परिषद सदस्य अपने अधिकारों का निर्वहन कर पाने में असमर्थ हैं क्योंकि उन्हें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License