NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
चुनावों में वाम दलों की भूमिका
देश में दो राज्यों की विधानसभा और अन्य राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजों के बीच हम एक नज़र डाल रहे हैं कि इन चुनावों में वामपंथी दलों की क्या भूमिका रही है। इन चुनावों में सीपीएम ने 3 सीटों पर जीत हासिल की।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Oct 2019
left parties
Image courtesy: India Today

हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के नतीजे लगभग आ चुके हैं और लोगों में तमाम असंतुष्टि के बावजूद भारतीय जनता पार्टी दोनों जगहों पर दोबारा अपनी सरकार बनाने में कामयाब होती नज़र आ रही है। हालांकि, बीजेपी को सीटों में कमी का सामना ज़रूर करना पड़ा है। इस सब के बीच हम एक नज़र डाल रहे हैं कि दो राज्यों की विधानसभा और उपचुनावों में वामपंथी दलों की क्या भूमिका रही है।

विधानसभा चुनाव

महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में से एक सीट दहानु पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक दहानु सीपीएम  के प्रत्याशी निकोले विनोद भीवा ने 72, 068 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के प्रत्याशी को चार हज़ार से ज़्यादा वोटों से हराया। सीपीएम को यहां 43.45 प्रतिशत वोट मिला।

इसके अलावा विधानसभा चुनाव की किसी भी सीट पर किसी भी वामपंथी दल ने चुनाव नहीं लड़ा है।

उपचुनाव

उपचुनाव में सीपीएम को 2 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है। ये दो सीटें केरल की कोन्नी और वट्टियूर्कवु हैं। केरल में वामपंथी दल सीपीएम ने कुल 5 से 4 सीटों पर चुनाव लड़ा।

कोन्नी सीट की बात करें तो सीपीएम के प्रत्याशी एडवोकेट केयू जेनिश कुमार, और वट्टियूर्कवु सीट से एडवोकेट वीके प्रशांत विजयी हुए हैं।

असम की जनिया सीट से सीपीएम के रुस्तम अली ने और रंगपारा सीट से रॉयल सोरेंग ने चुनाव लड़ा था, लेकिन उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।

बिहार की सीटें किशनगंज, दरौंधा, नाथनगर और बेल्हर से सीपीआई और सीपीआई-एमएल ने चुनाव तो लड़ा है लेकिन वहाँ भी अच्छा प्रदर्शन देखने को नहीं मिला है। और इन सीटों पर जनता दल(यूनाइटेड) आगे चल रही है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश की 6, गुजरात की एक और छत्तीसगढ़ की एक सीट पर वामपंथी दलों ने चुनाव लड़े हैं, लेकिन उनमें भी प्रदर्शन अच्छा नहीं देखा गया है।

कुल मिला कर देखा जाए तो 2 राज्यों के विधानसभा और 17 राज्यों के उपचुनावों में वामपंथी दल सीपीएम, सीपीआई और सीपीआईएमएल ने कुल 18 सीटों पर चुनाव लड़ा है। जिनमें से सीपीएम को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक और केरल उपचुनाव में दो सीटों पर जीत मिली है।

Role of left parties in election
Left politics
maharastra election
haryana Election
CPM
Bye Elections
CPI(M)
CPIML

Related Stories

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर

जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग

कोलकाता : वामपंथी दलों ने जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चलने और बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ निकाला मार्च

हिंदुत्व एजेंडे से उत्पन्न चुनौती का मुकाबला करने को तैयार है वाम: येचुरी

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License