NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एसकेएम का सरकार को अल्टीमेटम: मांगें पूरी नहीं की तो शहीदों के 'अंतिम अरदास' दिवस पर बड़े कार्यक्रम का किया जाएगा एलान
रिपोर्टों से मालूम होता है कि केंद्रीय राज्य ग्रह मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और मंत्री वास्तव में जमानत पर बाहर हैं। एसकेएम ने मोदी सरकार को मंत्री के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने या कड़े विरोध का सामना करने की चेतावनी दी है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Oct 2021
SKM

लखीमपुर हिंसा में सरकार भले ही दावा कर रही हो कि उसने पूरे मामले को शांत कर लिया है, परन्तु किसान संयुक्त मोर्चा जिसके नेतृत्व में ये पूरा आंदोलन चल रहा है उसने साफ किया है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी, केंद्र सरकार के गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पद से इस्तीफा देने की एसकेएम की मांगें मान नहीं ली जाती हैं।  उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम जारी कर कहा है कि यदि यह मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो शहीदों के 'अंतिम अरदास' दिवस पर बड़े कार्यक्रम का एलान किया जाएगा।  

इस घटना को लकेर प्रदेश ही नहीं पूरे देश और दुनिया में बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना हो रही है। इसके साथ ही किसान जिन मुख्य मांगों को लेकर पिछले दस महीनों से सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं उन को लेकर भी देशभर में आंदोलन जारी है।  
  
चार शहीद किसानों और  स्थानीय पत्रकार के शवों की  अंत्येष्टि हो गई है। हालांकि, एसकेएम ने चेतावनी दी है कि न्याय मिलने तक लड़ाई खत्म नहीं होगी।  एसकेएम ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उनके संवैधानिक पद से हटाने या इस्तीफे की अपनी मांग भी दोहराई है।  

मोर्चे ने कहा है, "मोदी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, जिनका आपराधिक इतिहास अब यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण जनता के सामने आ गया है। लेकिन बेशर्मी से एक मंत्री के रूप में अपने पद पर बने हुए हैं। एसकेएम का कहना है कि उनकी बर्खास्तगी लंबे समय से लंबित है। यह शर्मनाक है कि एक मंत्री, वह भी गृह मामलों के, जिसका इतना आपराधिक व हत्यारा चरित्र और इतिहास है, उसे मोदी सरकार उसे आश्रय दे रही थी। जबकि एसकेएम ने कुछ सप्ताह पहले 25 सितंबर को एक सार्वजनिक सभा में उनके द्वारा किसानों को दी गई खुली धमकी के बारे में सवाल उठाए थे।"

रिपोर्टों से मालूम होता है कि अजय मिश्रा और आशीष मिश्रा दोनों पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, और मंत्री वास्तव में जमानत पर बाहर हैं। एसकेएम ने मोदी सरकार को मंत्री के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने या कड़े विरोध का सामना करने की चेतावनी दी है। उसने उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान  लखीमपुर खीरी के बर्बरतापूर्ण  घटनाक्रम पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की भी निंदा की है।

इस बीच, अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को भी यूपी पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। एसकेएम ने कहा कि वह न्याय के लिए अपना संघर्ष नहीं छोड़ेगी। हालांकि यह स्पष्ट है कि यूपी पुलिस ने रविवार को ही उसे गिरफ्तार करने के बजाय उसे और उसके साथियों को हत्या और नरसंहार के स्थान से भागने के लिए कवर दिया था।

एसकेएम ने कहा कि वे किसान नेता तजिंदर सिंह विर्क के खिलाफ मामला दर्ज करने की निंदा करता है। स्पष्ट रूप से लखीमपुर खीरी में उन पर हमला हुआ था और उन्हें निशाना बनाकर घायल किया गया था। एसकेएम की मांग है कि घटना में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के पिता विजय मिश्रा द्वारा दर्ज किया गया मामला तुरंत वापस लिया जाए। ग्राउंड ज़ीरो से वीडियो क्लिप स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि तजिंदर विर्क पर "थार" वाहन ने पीछे से हमला किया गया था, जब वह शांति से सड़क पर चल रहे थे और बाद में, जब उनका खून बह रहा था। और वे बेहोश अवस्था में सड़क पर गिर पड़े तो अन्य किसान उनकी मदद के लिए सामने आए। एसकेएम ने कहा कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना एक क्रूर मजाक है और गहरी साजिश का हिस्सा है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

एसकेएम ने इस शिकायत की गहन जांच की भी मांग की कि यूपी पुलिस के अधिकारियों ने पत्रकार रमन कश्यप को बचाने की कोशिश नहीं की, जिन्हें आशीष मिश्रा के काफिले ने कुचल दिया था। इलाज के बजाय सीधे मुर्दाघर ले जाने के बाद इलाज के अभाव में रमन कश्यप की जान नहीं बचाई जा सकी। रमन कश्यप का अंतिम संस्कार आज किया गया है। मृतक पत्रकार के पिता द्वारा दर्ज की गई शिकायत को यूपी पुलिस द्वारा प्राथमिकी के रूप में दर्ज किया जाना बाकी है और एसकेएम ने मामला दर्ज करने की मांग की है।

लखीमपुर खीरी हत्याकांड में शहीद हुए चारों किसानों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। डॉक्टरों की एक अन्य टीम द्वारा बहराइच में दूसरे पोस्टमार्टम के बाद गुरविंदर सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। रिपोर्ट का इंतजार है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने दोहराया है कि वह लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड मामले में न्याय के लिए अपने संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा। साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ भी जो राज्य की पुलिस को स्पष्ट रूप से दंड मुक्त करते रहे हैं, उनके खिलाफ भी एसकेएम संघर्ष जारी रखेगा। मोर्चा ने आगे कहा, "एक राज्य सरकार का मुख्यमंत्री जो संवैधानिक पद पर है और खुले तौर पर हिंसा भड़का रहा है, यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। और हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक कि खट्टर इस्तीफा नहीं देते या हटा नहीं दिए जाते।"

एसकेएम ने यह भी कहा कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर कार्य योजना की घोषणा करेगा।

हरियाणा के भिवानी में बुधवार को एक कॉलेज के बाहर सैकड़ों किसान जमा हो गए जहां हरियाणा राज्य के कृषि मंत्री जेपी दलाल एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। भाजपा और राज्य सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए किसान काले झंडे लेकर आए थे।

राजस्थान में भी श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के किसान जो धान खरीद और सिंचाई के पानी की मांग कर रहे हैं, ने अपनी मांगों के हल करने में गहलोत सरकार की उदासीनता की ओर इशारा किया है। किसान उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिन्होंने किसानों के खिलाफ हिंसा की है। एसकेएम की मांग है कि सरकार द्वारा एमएसपी पर धान की खरीद सभी मंडियों और राज्यों में शुरू की जानी चाहिए, जहां किसान अपना धान बिक्री के लिए ला रहे हैं।

कर्नाटक में गन्ना किसानों ने कई दिन पहले विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की  थी। इसी को ले कर किसानों ने बंगलुरू में  बड़ी रैली कर धरना दिया। यहां के किसान मांग कर रहे हैं कि गन्ने का कानूनी रूप से गारंटीकृत मूल्य कम से कम रु. 350/- प्रति क्विंटल तय किया जाए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया है कि एक सप्ताह के भीतर वह मामले की समीक्षा करेंगे और कीमतों पर पुनर्विचार करेंगे। इस आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना फिलहाल समाप्त कर दिया है।

पंजाब और हरियाणा दोनों जगहों पर घाटे में चल रहे कपास किसान, जिनकी फसल पिंक बॉलवॉर्म के हमले से क्षतिग्रस्त हो गई है, उनका संघर्ष भी जारी है। किसानों द्वारा मानसा और सिरसा जैसे कई स्थानों पर तत्काल मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर स्थित जसपुर मंडी में आज किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत में आज चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की जयंती मनाई गई। इसी तरह आज हरियाणा के सिरसा के कालांवाली में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। यह महापंचायत तीन केंद्रीय किसान विरोधी कानूनों के लागू होने के तुरंत बाद, 6 अक्टूबर 2020 को सिरसा में शुरू हुए पक्के मोर्चा के एक साल के पूरा होने के अवसर पर यह महापंचायत की गई  ।

चंपारण से वाराणसी तक लोकनीति सत्याग्रह पदयात्रा का आज छठवां दिन है। प्रधानमंत्री से यात्रा का सवाल था: “देश में बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार पर फैसला कब करेंगे?”

लखीमपुर खीरी हत्याकांड को न केवल भारत के विभिन्न राज्यों (तमिलनाडु, राजस्थान, केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, पंजाब, झारखंड आदि) के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों और अन्य लोगों की ओर से, बल्कि ब्रिटेन और कनाडा के सांसदों से भी कड़ी प्रतिक्रिया मिली है। घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में एक ब्रिटिश सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि वे क्रोधित हैं और मांग की कि अधिकारियों को न्याय देना चाहिए। ब्रिटेन की एक अन्य सांसद प्रीत कौर गिल के अलावा कनाडा के सांसदों में टिम उप्पल, रूबी सहोता, मनिंदर सिद्धू, रणदीप एस सराय, सोनिया सिद्धू, जसराज सिंह हल्लन और अन्य शामिल हैं। ये मुख्य रूप से अन्य देशों में पंजाब मूल के सांसद हैं। इन सांसदों ने शोक जताया और न्याय की मांग की।

उत्तराखंड में नानकमट्टा भाजपा विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा को बिजती गांव में स्थानीय किसानों के घेराव और काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ा। किसान एमएसपी पर धान खरीद की  मांग कर रहे थे।

SKM
Lakhimpur Kheri
kisan andolan
Modi government
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License