NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दूर हुए चाचा-भतीजे के गिले-शिकवे, 'साथ चुनाव लड़ेगी सपा-प्रसपा'
अखिलेश यादव ने मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए लिखा, "प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को लगातार मजबूत कर रही है।"
रवि शंकर दुबे
16 Dec 2021
SP PSP

सियासत के सबसे बड़े सूबे में चुनावी हलचल अब तेज हो गई… सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी बिसाते बिछाने में लगी हुई हैं। माना जा रहा है कि इस बार बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच कडी़ टक्कर देखने को मिल सकती है। ऐसे में दोनों ही सूबे एक-दूसरे के नेताओं को तोड़ने और खुद की पार्टी में जोड़ने में लगे हुए हैं।

फिलहाल लंबे वक्त से छाई कयासों की बदली को खत्म करते हुुए अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच करीब 45 मिनट की मुलाकात हुई। इस बीच बताया गया कि अखिलेश यादव खुद शिवपाल से मिलने उनके घर पहुंच और चाचा शिवपाल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इतना ही नहीं शिवपाल ने भावुक होकर अखिलेश यादव को गले भी लगाया। जिसके बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बताया कि सपा और प्रसपा का गठबंधन तय हो गया है, यानी अब साफ़ है कि अखिलेश यादव की पार्टी को इससे और मजबूती मिलेगी।

लेकिन राजनीतिक में दो पार्टियों की नाव कहां तक जाएगी, ये सीटों के बंटवारे पर निर्भर होता हैं। ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी अपने चाचा शिवपाल की प्रगतिशील पार्टी को कितनी सीटों पर मना पाती है, जिसकी आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है।

 

प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।

क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है। #बाइस_में_बाइसिकल pic.twitter.com/x3k5wWX09A

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2021

खैर, मौजूदा दौर में अखिलेश की समाजवादी पार्टी ने पहले ही कई छोटी-छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन कर रखा है, जिसमें ये पार्टियां शामिल हैं:

1. महान दल

2. जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट)

3. राष्ट्रीय लोक दल

4. सुभासपा

5. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी

6. अपना दल (कमेरावादी)

7. पोलिटिकल जस्टिस पार्टी

8. आम आदमी पार्टी ( जल्द गठबन्धन की घोषणा होगी)

9. कांशीराम बहुजन मूल समाज पार्टी ( आज घोषणा होगी)

10. लेबर एस पार्टी ( विलय किया)

11. भारतीय किसान सेना( विलय किया)

12. बसपा के बागी और लालजी वर्मा और राम अचल राजभर

अखिलेश की समाजवादी के साथ जुड़ी इन सभी पार्टियों में सबसे ज्यादा नजरें जयंत चौधरी की आरएलडी और राजभर की सुभासपा पर हैैं, क्योंकि दोनों ही नेता अपने-अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं। बात आरएलडी की करें तो किसानों के मुद्दे ने अध्यक्ष जयंत चौधरी को पश्चिमी यूपी में नई संजीवनी दे दी है, जिसके जरिए वो यूपी में बीजेपी से घमासान करने को तैयार हैं। दूसरी ओर ओम प्रकाश राजभर भी राजभर समाज समेत पूर्वांचल में अच्छी पकड़ रखते हैं, इसके अलावा अखिलेश, राजा भैया की पार्टी के साथ तो गठबंधन कर ही चुके हैं। ऐसे में अब उनके चाचा शिवपाल का उनके पास वापस लौट आना, कार्यकर्ताओं में नया जोश तो भरेगा ही, साथी ही बीजेपी की चिंताए भी बढ़ा देगा।

SAMAJWADI PARTY
AKHILESH YADAV
Pragatisheel Samajwadi Party
PSP(L)
Shivpal Singh Yadav

Related Stories

राज्यसभा चुनाव: टिकट बंटवारे में दिग्गजों की ‘तपस्या’ ज़ाया, क़रीबियों पर विश्वास

ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

उत्तर प्रदेश विधानसभा में भारी बवाल

‘साइकिल’ पर सवार होकर राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल

कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस, सपा के समर्थन से दाखिल किया राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन

उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण

27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License