NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एसएसपी नोएडा केस: डीजीपी बोले- वैभव कृष्ण से पूछा गया है गोपनीय दस्तावेज क्यों वायरल किया?
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि गलत तरीके से ठेके लिये जाने के मामले में एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण ने जो गोपनीय दस्तावेज भेजे थे, वे मीडिया में वायरल हो गये हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
03 Jan 2020
SSP Vaibhav Krishna
Image courtesy: Amar Ujala

लखनऊ: गलत तरीके से ठेके लेने के मामले में नोएडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) द्वारा शासन को भेजे गये गोपनीय दस्तावेज कथित रूप से मीडिया में लीक होने के बीच उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने शुक्रवार को कहा कि एसएसपी से पूछा गया है कि उन्होंने वह गुप्त जानकारी क्यों वायरल की।

डीजीपी ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि गलत तरीके से ठेके लिये जाने के मामले में एसएसपी नोएडा वैभव कृष्ण ने जो गोपनीय दस्तावेज भेजे थे, वे मीडिया में वायरल हो गये हैं।

उन्होंने कहा “हम लोगों का मानना है कि एसएसपी नोएडा ने एक अनाधिकृत संवाद किया। यह सेवा नियमों के खिलाफ है, इसीलिये हमने आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) मेरठ से कहा है कि उनसे यह पूछा जाए कि उन्होंने गोपनीय दस्तावेज को क्यों वायरल किया या उसे किसी को दिया।”

सिंह ने कहा कि उस गोपनीय पत्र, जिसकी कॉपी आपके पास है, उसमें कई चीजों का जिक्र किया गया था। उसमें अतुल शुक्ला, सकीना, मुहम्मद जुहेब, विष्णु कुमार पांडे, अनुभव भल्ला और अमित शुक्ल समेत छह लोगों का जिक्र किया गया, जो गलत दस्तावेज के आधार पर टेंडर लेना चाहते थे।

उन्होंने बताया, “गृह विभाग ने शासन के स्तर पर जांच करवायी और उनके विरुद्ध कार्रवाई करवायी गयी। उनमें से दो को जेल भेजा गया है, जबकि दो ने अदालत से स्थगनादेश ले लिया है, जबकि बाकी फरार हैं।”

उन्होंने बताया कि गत अगस्त में नोएडा में पांच पत्रकारों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई हुई थी। पत्रकारिता की आड़ में अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वालों पर पुलिस द्वारा एक मुकदमा दर्ज किया गया था।

मामले में जांच के लिए एडीजी मेरठ को 15 दिन का और वक्त

इस बारे में एसएसपी नोएडा ने पूरे तथ्यों की जानकारी और कुछ अन्य गोपनीय दस्तावेज यूपी सरकार, गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय को भेजे थे। इसकी जांच कर रहे मेरठ के अपर पुलिस महानिदेशक ने गत 26 दिसम्बर को जांच के लिये 15 दिन का और समय मांगा जो उन्हें दे दिया गया है।

सिंह ने बताया “इसी बीच, एक वीडियो क्लिप वायरल हुआ है, जिसके सम्बन्ध में एसएसपी नोएडा ने एक मुकदमा सेक्टर 20 थाने में दर्ज कराया है। जब हमें यह पता चला तो हमने उस मुकदमे को निष्पक्षता के लिये हापुड़ स्थानांतरित कर दिया है जो वहां के एसपी के अधीन होगा। आईजी मेरठ करीबी से उसकी निगरानी करेंगे, ताकि तथ्यों की सही जानकारी के साथ जांच हो सके।”

डीजीपी ने कहा कि मीडिया में लीक हुए उस गोपनीय दस्तावेज में कई और लोगों के नाम भी शामिल थे और अभी एजेंसियों से इस आडियो क्लिप की प्रामाणिकता जांचनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सारी चीजों की प्रामाणिकता होनी जरूरी है। हमने साइबर क्राइम की मदद ली है और एसटीएफ की भी मदद ले रहे हैं।

इससे पहले फर्जी वीडियो मामले में हुआ था मुकदमा

आपको बता दें कि गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण के तीन कथित फर्जी अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करने वाले अपराधियों के खिलाफ एसएसपी ने बुधवार देर रात मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस घटना की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि उक्त वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले के खुलासे के लिए साइबर सेल व थाना सेक्टर 20 पुलिस की एक टीम बनाकर जांच की जा रही है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर दो दिनों से वायरल हो रहे हैं। वीडियो जारी होने के बाद बीती रात पुलिस कप्तान ने प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि उनकी छवि को खराब करने के लिए षडयंत्र रचा गया है।

उन्होंने कहा कि एक साल की पोस्टिंग के दौरान उन्होंने संगठित अपराध करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। भ्रष्टाचार में शामिल पुलिस विभाग के कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। अवैध उगाही में शामिल कई तथाकथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है। तथा उत्तर प्रदेश में व्यापक पैमाने पर चल रहे होमगार्ड वेतन घोटाले का खुलासा किया है।

एसएसपी ने बताया कि उनकी छवि को खराब करने की नीयत से ही कुछ लोगों ने उनके खिलाफ षड्यंत्र कर फर्जी अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है। उन्होंने बताया कि एक माह पूर्व उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी है। जिसमें कई आईपीएस अफसरों तथा पत्रकारों व नेताओं के एक संगठित गिरोह का खुलासा किया गया है जो उत्तर प्रदेश में ठेका दिलवाने, पोस्टिंग करवाने, अपराधिक कृत्य को संरक्षण देने आदि का काम करते हैं।

उन्होंने शक जताया कि उक्त गिरोह के लोगों ने ही उनके खिलाफ षड्यंत्र रच कर फर्जी वीडियो को वायरल किया है।

योगी आदित्यनाथ ने मांगी रिपोर्ट

वहीं, यह मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री कार्यालय, अपर मुख्य सचिव (गृह) और डीजीपी से गोपनीय रिपोर्ट पर जानकारी मांगी है।

एसएसपी वैभव कृष्ण के मुताबिक, उन्होंने एसएसपी (गाजियाबाद) सुधीर कुमार सिंह, एसपी (सुलतानपुर) हिमांशु कुमार, एसएसपी (एसटीएफ) राजीव नारायण मिश्र, एसपी (बांदा) गणेश साहा और एसपी (रामपुर) डॉ. अजय पाल शर्मा के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजी थी।

एसएसपी ने साजिश के लिए इन्हीं अफसरों पर आरोप लगाए हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

SSP Noida case
Vaibhav Krishna
UttarPradesh
Yogi Adityanath
yogi sarkar

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?

उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    'राम का नाम बदनाम ना करो'
    17 Apr 2022
    यह आराधना करने का नया तरीका है जो भक्तों ने, राम भक्तों ने नहीं, सरकार जी के भक्तों ने, योगी जी के भक्तों ने, बीजेपी के भक्तों ने ईजाद किया है।
  • फ़ाइल फ़ोटो- PTI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?
    17 Apr 2022
    हर हफ़्ते की कुछ ज़रूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन..
  • hate
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज
    16 Apr 2022
    देश भर में राम नवमी के मौक़े पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जगह जगह प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में दिल्ली में जंतर मंतर पर नागरिक समाज के कई लोग इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि सरकार हिंसा और…
  • hafte ki baaat
    न्यूज़क्लिक टीम
    अखिलेश भाजपा से क्यों नहीं लड़ सकते और उप-चुनाव के नतीजे
    16 Apr 2022
    भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर क्यों इस कदर आश्वस्त है? क्या अखिलेश यादव भी मायावती जी की तरह अब भाजपा से निकट भविष्य में कभी लड़ नहींं सकते? किस बात से वह भाजपा से खुलकर भिडना नहीं चाहते?
  • EVM
    रवि शंकर दुबे
    लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा
    16 Apr 2022
    देश में एक लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के नतीजे नए संकेत दे रहे हैं। चार अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License