NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
लंबे संघर्ष के बाद सफ़ूरा ज़रगर को मिली ज़मानत
जामिया मिलिया इस्लामिया की शोध छात्रा और जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) की सदस्य सफ़ूरा ज़रगर पर दिल्‍ली हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। उन्हें दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
23 Jun 2020
 सफ़ूरा ज़रगर
image courtesy : India Today

दिल्ली दंगा मामले में कथित आरोपी जामिया मिलिया इस्लामिया की शोध छात्रा और जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) की सदस्य सफूरा जरगर को दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी। कोर्ट में केंद्र सरकार सफूरा जरगर को मानवीय आधार पर जेल से छोड़ने पर को तैयार हो गई। इसके बाद हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्‍लामिया विश्‍विद्यालय की छात्रा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। जमानत के साथ ही कोर्ट ने कुछ शर्त भी रखे हैं।

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए उन्होंने कहा कि सफूरा को मानवीय आधार पर छोड़ने को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन इसे एक मिशाल के तौर पर नहीं माना जाए। इसके साथ ही वो जिस मामले में जाँच हो रही है। उसकी किसी गतिविधियों में शामिल न हो और वो इस दौरान दिल्ली में ही रहे है। इस पर जरगर की वकील ने कहा कि उन्हें डॉक्टर की सलाह लेने के लिए फरीदाबाद जाना पड़ सकता है।

केंद्र की स्‍वीकृति को देखते हुए जस्टिस राजीव शखधर की पीठ ने 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सफूरा जरगर को सशर्त जमानत दे दी हैं। कोर्ट ने अपनी शर्तों में केंद्र के लगभग सभी आपत्तियों को शामिल किया हैं।

निम्नलिखित शर्तों के साथ मिली जमानत:

1. सफूरा उन गतिविधियों में शामिल नहीं होंगी जिनकी जांच की जा रही है।
2. जांच को प्रभावित नहीं करेंगी।
3. सफूरा को दिल्ली के बाहर जाने से पहले संबंधित अदालत की अनुमति लेनी होगी।
4. सफूरा को हर 15 दिनों में एक बार फ़ोन के द्वारा जांच अधिकारी के संपर्क में रहना होगा।

इसके साथ ही कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले के आदेश को किसी अन्य मामले में मिसाल के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। बता दें कि सफूरा जरगर पर दिल्‍ली हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। उन्हें दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया था।

उनके प्रेग्‍नेंट होने की सूचना के बाद उन्‍हें जमानत पर रिहा करने की मांग भी उठी थी। वह फिलहाल 23 हफ्तों की प्रेग्नेंट हैं और तिहाड़ जेल में बंद हैं। जबकि तिहाड़ में कोरोना संक्रमण के मामले भी आये है। सफूरा को 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें दिल्ली पुलिस ने फरवरी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने को लेकर गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा था कि इन भाषणों से दिल्ली में हिंसा भड़की।

हालांकि बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने सफूरा जरगर को जमानत पर रिहा किए जाने का विरोध किया था। पुलिस ने उनके गर्ववती होने के आधार पर जमानत देने के तर्क पर कहा था कि गत 10 वर्षों में दिल्ली की जेलों में 39 बच्चों का जन्म हुआ है। इसके साथ ही पुलिस ने कहा था कि गंभीर अपराध में शामिल गर्भवती कैदी के लिए अलग से जमानत का कोई प्रावधान नहीं है।

क्या है सफ़ूरा ज़रगर का पूरा मामला?

27 वर्षीय सफ़ूरा ज़रगर दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया की एमफिल छात्रा हैं। वो जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (JCC) की मेंबर हैं। मीडिया कोऑर्डिनेटर का भी काम करती थीं। लॉकडाउन के बीच 10 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने फरवरी में जाफ़राबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हुए प्रदर्शन को लीड करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था।

सफ़ूरा के वकील ने अगले ही दिन अधिकारियों को उनकी प्रेगनेंसी की जानकारी देते हुए बेल की अपील की थी। सफ़ूरा 13 अप्रैल को ज़मानत पर बाहर आ पातीं, इससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने 6 मार्च को हुई एक FIR के तहत उन्हें दिल्ली दंगे भड़काने की साजिश करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सफ़ूरा पर एंटी टेरर एक्ट यानी अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया है। 

Safoora Zargar
Safoora Zargar on Bail
Delhi Violence
delhi police
CAA
Jamia Milia Islamia
JCC
UAPA

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

जहांगीरपुरी : दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए अदालत ने!

अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’

मोदी-शाह राज में तीन राज्यों की पुलिस आपस मे भिड़ी!

चुनावी वादे पूरे नहीं करने की नाकामी को छिपाने के लिए शाह सीएए का मुद्दा उठा रहे हैं: माकपा


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    केरल: RSS और PFI की दुश्मनी के चलते पिछले 6 महीने में 5 लोगों ने गंवाई जान
    23 Apr 2022
    केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हत्याओं और राज्य में सामाजिक सौहार्द्र को खराब करने की कोशिशों की निंदा की है। उन्होंने जनता से उन ताकतों को "अलग-थलग करने की अपील की है, जिन्होंने सांप्रदायिक…
  • राजेंद्र शर्मा
    फ़ैज़, कबीर, मीरा, मुक्तिबोध, फ़िराक़ को कोर्स-निकाला!
    23 Apr 2022
    कटाक्ष: इन विरोधियों को तो मोदी राज बुलडोज़र चलाए, तो आपत्ति है। कोर्स से कवियों को हटाए तब भी आपत्ति। तेल का दाम बढ़ाए, तब भी आपत्ति। पुराने भारत के उद्योगों को बेच-बेचकर खाए तो भी आपत्ति है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लापरवाही की खुराकः बिहार में अलग-अलग जगह पर सैकड़ों बच्चे हुए बीमार
    23 Apr 2022
    बच्चों को दवा की खुराक देने में लापरवाही के चलते बीमार होने की खबरें बिहार के भागलपुर समेत अन्य जगहों से आई हैं जिसमें मुंगेर, बेगूसराय और सीवन शामिल हैं।
  • डेविड वोरहोल्ट
    विंबलडन: रूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध ग़लत व्यक्तियों को युद्ध की सज़ा देने जैसा है! 
    23 Apr 2022
    विंबलडन ने घोषणा की है कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को इस साल खेल से बाहर रखा जाएगा। 
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    प्रशांत किशोर को लेकर मच रहा शोर और उसकी हक़ीक़त
    23 Apr 2022
    एक ऐसे वक्त जबकि देश संवैधानिक मूल्यों, बहुलवाद और अपने सेकुलर चरित्र की रक्षा के लिए जूझ रहा है तब कांग्रेस पार्टी को अपनी विरासत का स्मरण करते हुए देश की मूल तासीर को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License