NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
व्यंग्य: भगवानों के नेता- देव नरेंद्र मोदी!
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आखिर खुलासा कर ही दिया कि नरेंद्र मोदी सिर्फ इंसानों के ही नहीं बल्कि भगवानों के भी नेता हैं। ये खुलासा एक अजब लीला के दौरान हुआ।
राज कुमार
24 Jun 2020
modi

बात कलयुग की है। एक बार, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी को सरेंडर मोदी लिखकर ट्वीट करना चाहा। ठीक उसी वक़्त राहुल गांधी की लेखनी पर स्वयं देव नरेंद्र अवतरित हो गये और सरेंडर की वर्तनी बदल दी। यानी स्पेलिंग मिस्टेक करा दिया। राहुल गांधी जो सरेंडर लिखना चाह रहे थे, दैवीय प्रभाव से सुरेंद्र लिख बैठे। इसी दैवीय लीला के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अधिकारिक तौर पर घोषणा करनी पड़ी कि नरेंद्र मोदी भगवानों के भी नेता हैं।

देव नरेंद्र सबसे बड़े भगवान हैं। ऐतिहासिक दस्तावेज़ भी इस बात की पुष्टि करते हैं। ऋंडपेद के भषम अध्याय के डेढवें श्लोक में नरेंद्र मोदी के कलयुग में अवतार का ज़िक्र है। स्पेलिंग लीला का उसमें ज़िक्र नहीं है। तो, भाजपा ने इस लीला को ऋंडपेद में जोड़ने के लिए इतिहास के पुनर्लेखन करने का आदेश दे दिया है। ये काम बिल्डर पसरीजा को सौंपा गया है। पसरीजा बेस्ट सेलर लेखक रहे हैं। उनकी पुस्तक "सफलता की कुंजी” के लिए उन्हें सर्वोच्च सम्मान से नवाज़ा गया है।

पृथ्वी लोक में भी अनेक उदाहरण हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि नरेंद्र मोदी सचमुच भगवानों के नेता हैं और सबसे बड़े भगवान हैं। हालांकि कुछ नास्तिक और बुद्धिजीवी लोग इस बात को मज़ाक समझते हैं। लेकिन मैं उदाहरण के साथ उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना चाहूंगा।

उदाहरण एक
जिस प्रकार, तमाम दुनियावी वास्तविक समस्याओं से विरक्त होकर भगवान अपने आसन में सिर्फ धंसे ही रहते हैं। उसी प्रकार, देश की तमाम समस्याओं से मुंह मोड़कर देव नरेंद्र 2014 से प्रधानमंत्री की कुर्सी में धंसे हुए हैं।

उदाहरण दो
जिस तरह भगवान अपने भक्तों की याचनाओं को नहीं सुनते उसी तरह देव नरेंद्र भी कर्मचारी, दुकानदार, बेरोज़गार, किसान, मज़दूर किसी की अर्ज़ियां नहीं सुनते। जिस तरह भक्त भगवान की कृपा का इंतज़ार करते रहते हैं, उसी तरह से देश के लोग अच्छे दिनों का इंतज़ार कर रहे हैं।

उदाहरण तीन
जिस तरह भगवान अपने मानने वालों की परीक्षा लेते हैं ठीक उसी तरह देव नरेंद्र भी देश की जनता की परीक्षा लेते हैं। पेट्रोल के दाम, महंगाई, बदइंतज़ाम, कोरोना, मज़दूरों का पलायन, बेरोज़गारी, अपराधीकरण, सांप्रदायीकरण, लुढ़की हुई अर्थव्यवस्था ये सब कलयुग में जनता की परीक्षा के ही औज़ार हैं।

उदाहरण चार
जिस तरह भगवान लीलाएं करते हैं उसी तरह देव नरेंद्र भी लीलाएं करते हैं। बाल्यावस्था में मगरमच्छ कांड। गोधरा कांड। गुलेल, कोबरा-पोस्ट कांड। इलेक्शन के बाद गुफा प्रवास लीला आदि-आदि।

उदाहरण पांच
जिस तरह भगवान को अपना गुणगान, चढ़ावा और सेवा पसंद होती है, ठीक उसी तरह देव नरेंद्र को भी मस्के का चस्का है। आप माने या ना माने लेकिन यही सत्य है कि वो सिर्फ पूजने के लिये बने हैं।

इसलिये, गर्व से कहो कि सिर्फ भगवानों के ही नहीं बल्कि गधे, खच्चर, अजगर, नेवला, कूप-मंडूक, कूढ़-मगज़ सबके नेता देव नरेंद्र हैं। ये उपरोक्त उदाहरण तमाम बुद्धिजीवियों, नास्तिकों और कम्युनिस्टों की बोलती बंद कर देंगे। इस मैसेज़ को ज्यादा से ज्यादा फॉरवर्ड करो।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।) 

Satire
Political satire
Narendra modi
modi bhakt
Modi Magic
BJP
JP Nadda

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद

उर्दू पत्रकारिता : 200 सालों का सफ़र और चुनौतियां

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

राय-शुमारी: आरएसएस के निशाने पर भारत की समूची गैर-वैदिक विरासत!, बौद्ध और सिख समुदाय पर भी हमला

बना रहे रस: वे बनारस से उसकी आत्मा छीनना चाहते हैं

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...


बाकी खबरें

  • सत्यम् तिवारी
    वाद-विवाद; विनोद कुमार शुक्ल : "मुझे अब तक मालूम नहीं हुआ था, कि मैं ठगा जा रहा हूँ"
    16 Mar 2022
    लेखक-प्रकाशक की अनबन, किताबों में प्रूफ़ की ग़लतियाँ, प्रकाशकों की मनमानी; ये बातें हिंदी साहित्य के लिए नई नहीं हैं। मगर पिछले 10 दिनों में जो घटनाएं सामने आई हैं
  • pramod samvant
    राज कुमार
    फ़ैक्ट चेकः प्रमोद सावंत के बयान की पड़ताल,क्या कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार कांग्रेस ने किये?
    16 Mar 2022
    भाजपा के नेता महत्वपूर्ण तथ्यों को इधर-उधर कर दे रहे हैं। इंटरनेट पर इस समय इस बारे में काफी ग़लत प्रचार मौजूद है। एक तथ्य को लेकर काफी विवाद है कि उस समय यानी 1990 केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।…
  • election result
    नीलू व्यास
    विधानसभा चुनाव परिणाम: लोकतंत्र को गूंगा-बहरा बनाने की प्रक्रिया
    16 Mar 2022
    जब कोई मतदाता सरकार से प्राप्त होने लाभों के लिए खुद को ‘ऋणी’ महसूस करता है और बेरोजगारी, स्वास्थ्य कुप्रबंधन इत्यादि को लेकर जवाबदेही की मांग करने में विफल रहता है, तो इसे कहीं से भी लोकतंत्र के लिए…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    फ़ेसबुक पर 23 अज्ञात विज्ञापनदाताओं ने बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए जमा किये 5 करोड़ रुपये
    16 Mar 2022
    किसी भी राजनीतिक पार्टी को प्रश्रय ना देने और उससे जुड़ी पोस्ट को खुद से प्रोत्सान न देने के अपने नियम का फ़ेसबुक ने धड़ल्ले से उल्लंघन किया है। फ़ेसबुक ने कुछ अज्ञात और अप्रत्यक्ष ढंग
  • Delimitation
    अनीस ज़रगर
    जम्मू-कश्मीर: परिसीमन आयोग ने प्रस्तावों को तैयार किया, 21 मार्च तक ऐतराज़ दर्ज करने का समय
    16 Mar 2022
    आयोग लोगों के साथ बैठकें करने के लिए ​28​​ और ​29​​ मार्च को केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करेगा।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License