नयी दिल्ली: एक बार फिर वही नौबत आ गई जिसका डर था। दिल्ली में सप्ताहांत यानी शनिवार-रविवार के कर्फ़्यू का ऐलान किया गया है। उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। पिछले दिनों उन्होंने पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में जमकर चुनावी रैली की हैं।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ के प्रसार के कारण संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देजनर दिल्ली सरकार ने सप्ताहांत पर कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में आवश्यक सेवाओं के अलावा, सभी सरकारी अधिकारी घर से काम करेंगे। निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति होगी।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक के बाद उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘शनिवार और रविवार को कर्फ्यू रहेगा। लोगों से अनुरोध किया जाता है कि बेहद जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।’’
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को डर है कि बस स्टॉप और मेट्रो स्टेशन संक्रमण के तेजी से फैलने का केन्द्र बन सकते हैं, क्योंकि बैठने की क्षमता आधी होने से वहां लंबी कतारें लग रही हैं। इसलिए, बसों और मेट्रो को पूर्ण क्षमता के साथ चलाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बिना मास्क के यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी।
सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली में अभी कोरोना वायरस संक्रमण के 11 हजार मरीज उपचाराधीन हैं, जिनमें से 350 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 124 मरीजों को ऑक्सीजन की मदद दी गई, जबकि कम से कम सात मरीज वेंटिलेटर पर हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण की दर के पांच प्रतिशत के पार चले जाने के बाद डीडीएमए ने 28 दिसंबर को ‘येलो अलर्ट’ की घोषणा की थी, जिसके तहत सिनेमाघर और जिम बंद कर दिए गए थे। गैर-आवश्यक सामान की दुकानों को सम-विषम आधार पर खोलने और मेट्रो तथा बसों में यात्रियों के बैठने की क्षमता 50 प्रतिशत करने का निर्देश भी दिया था।
डीडीएमए की क्रमवार प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के अनुसार, पांच दिन तक लगातार संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक रहने पर ‘रेड अलर्ट’ की घोषणा की जाती है, जिसके तहत पूर्ण कर्फ्यू लागू किया जाता है और राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतर आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ जाती हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि अधिकतर मरीजों में संक्रमण के लक्षण मामूली हैं या कोई लक्षण ही नहीं है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है।
जैन ने कहा था कि शहर में संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए कोरोना वायरस का नया स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ जिम्मेदार है तथा अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की दर में वृद्धि के साथ ही और पाबंदियां लगाईं जाएंगी।
दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 के 4,099 नए मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 6.46 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
अरविंद केजरीवाल कोरोना वायरस से संक्रमित
इसी बीच ख़बर है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने खुद दी। उन्होंने मंगलवार को बताया कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और घर पर ही पृथक रह रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उन सभी लोगों से जांच कराने और दूसरों से खुद को पृथक करने की अपील की, जो पिछले कुछ दिनों में उनके सम्पर्क में आए हैं।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया हूं। मामूली लक्षण हैं। घर पर ही पृथक रह रहा हूं। पिछले कुछ दिनों में मेरे सम्पर्क में आए लोग, कृपया खुद को दूसरों से दूर रखें और जांच कराएं।’’
अधिकारियों के अनुसार, केजरीवाल पहली बार कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। पिछले साल अप्रैल में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल संक्रमित पाई गईं थी, हालांकि केजरीवाल में लक्षण थे लेकिन जांच में उनके संक्रमित ना होने की पुष्टि हुई थी।
सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ पूरे परिवार की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है। वह और उनका परिवार पृथक-वास में है। मुख्यमंत्री के साथ काम करने वाले कर्मियों को भी जांच कराने और पृथक रहने को कहा गया है।’’
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय सहित केजरीवाल मंत्रिमंडल के अधिकतर मंत्री पिछले साल संक्रमित पाए गए थे।
देहरादून में एक रैली करने के एक दिन बाद केजरीवाल संक्रमित पाए गए हैं।
केजरीवाल पिछले कुछ दिनों से पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में प्रचार अभियान में जुटे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) इन राज्यों में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही है।
चंडीगढ़ नगर निगम के 35 में से 14 वार्ड में ‘आप’ की जीत के बाद 30 दिसंबर को केजरीवाल ने चंडीगढ़ में विजय मार्च का नेतृत्व भी किया था। उन्होंने 31 दिसंबर को पटियाला में एक शांति मार्च में भाग लिया था। दो जनवरी को उन्होंने लखनऊ में एक रैली की और तीन जनवरी को वे चुनाव प्रचार के लिए देहरादून गए थे, जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)