NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन की मदद करने पर सऊदी अदालत ने 69 लोगों को सज़ा सुनाई
हमास ने दावा किया है कि यह फ़ैसला सऊदी अरब और इज़रायल के बीच के संबंधों का परिणाम है। हिरासत में लिए गए और सज़ा दिए गए 69 जॉर्डन और फ़िलिस्तीनी नागरिकों में से अधिकांश हमास के सदस्य हैं जो दशकों से सऊदी अरब के निवासी थे।
पीपल्स डिस्पैच
09 Aug 2021
इज़रायल के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन की मदद करने पर सऊदी अदालत ने 69 लोगों को सज़ा सुनाई

सऊदी की एक टेरर कोर्ट ने रविवार 8 अगस्त को 69 फिलिस्तीनियों और जॉर्डन के नागरिकों को फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास को उनके सक्रिय समर्थन के लिए सामूहिक सुनवाई में सजा सुनाई। ये सजा तीन साल से लेकर 22 साल तक के लिए जेल की सजा है।

सऊदी अधिकारियों ने फरवरी 2019 में दशकों से सऊदी अरब में रह रहे दर्जनों जॉर्डन और फ़िलिस्तीनी नागरिकों को हिरासत में लिया है। इन बंदियों में व्यवसायी, छात्र, शिक्षाविद शामिल हैं। उन सभी पर फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास को वित्तीय सहायता देने का आरोप लगाया गया। सऊदी अरब की टेरर कोर्ट में उनके मुकदमे को COVID-19 महामारी के कारण महीनों तक टाला गया था।

हमास को मुस्लिम बोरदरहुड की एक शाखा के रूप में माना जाता है जिसे सऊदी अरब, ईजिप्ट और कुछ अन्य खाड़ी देशों द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित किया गया है।

हमास और इस्लामिक जिहाद दोनों ने रविवार को अलग-अलग बयानों में इस फैसले की निंदा की। हमास ने बयान में कहा कि उसके सदस्यों के खिलाफ सजा "क्रूर और अनुचित" है क्योंकि "किंगडम और इसके लोगों के लिए कोई अपराध किए बिना उन्होंने उन लोगों की मदद की है जिससे वे संबंध रखते हैं"। इसने सऊदी अधिकारियों से उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने के लिए भी कहा।

इस्लामिक जिहाद ने इन शब्दों को "अन्यायपूर्ण और अनुचित" और "इस्लामी कानून और अरबवाद के मूल्य के साथ असंगत" कहा। एनाडोलु एजेंसी ने ये रिपोर्ट प्रकाशित किया।

दोषी पाए जाने वालों में से कुछ लोगों को 22 साल जेल की सजा भी हुई थी। रविवार को हमास के जिन सदस्यों को सजा सुनाई गई उनमें इसके सऊदी अरब के 82 वर्षीय प्रतिनिधि मोहम्मद अल-खुदैरी और उनका बेटा शामिल है। उन्हें क्रमशः 15 साल और तीन साल की सजा सुनाई गई थी।

खुदैरी दशकों से हमास के दूत के रूप में सऊदी अरब में काम कर रहे हैं। उन्हें अप्रैल 2019 में हिरासत में लिया गया था।

इजरायल और सऊदी अरब के बीच बढ़ते संबंधों को भी अब फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन के खिलाफ सऊदी अरब की कार्रवाई के रूप में देखा जाता है। पिछले साल सऊदी अरब के कुछ अरब देशों और इज़रायल के बीच अमेरिका की तरफ से रिश्तों को सामान्य करने के समझौते जिन्हें अब्राहम समझौते के रुप में जाना जाता है उसमें शामिल होने की अटकलें थीं। हालांकि सऊदी अरब ने इस समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया है, लेकिन व्यापक रूप से यह माना जाता है कि उसके इजरायल के साथ अप्रत्यक्ष मधुर संबंध हैं।

Israel
Palestine
Saudi Arab
COVID-19

Related Stories

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License