NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सऊदी महिला अधिकार कार्यकर्ता लुजैन अल-हथलौल को गुरुवार को जेल से रिहा किया जाएगा
लुजैन की बहन ने बताया कि जज के आदेश के अनुसार लुजैन की होने वाली रिहाई में प्रोबेशन की शर्त शामिल है इसके साथ ही सऊदी अरब के बाहर यात्रा करने पर रोक है।
पीपल्स डिस्पैच
10 Feb 2021
सऊदी महिला अधिकार कार्यकर्ता

जेल में 1,000 दिनों से अधिक समय बिताने के बाद सऊदी अरब की महिला अधिकार कार्यकर्ता लुजैन अल-हथलौल को रिहा किया जाएगा। मंगलवार 9 फरवरी को अल जजीरा ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया जिसमें इसका जिक्र किया गया है। लुजैन की अलिया अल हथलौल के एक ट्वीट के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया कि लुजैन को गुरुवार को एक न्यायाधीश के आदेश के बाद रिहा किए जाने की उम्मीद है। हालांकि, जानी-मानी कार्यकर्ता को उनकी रिहाई के बाद प्रोबेशन में रहने का आदेश दिया गया है और साथ ही यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि वे सऊदी अरब के बाहर यात्रा न कर सकें।

एएलक्यूएसटी ऑफ ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात में जहां वे रह रही थीं वहां से गिरफ्तार होने के बाद से लुजैन गत सोमवार को जेल में 1,000 दिन पूरे कर चुकी हैं। सऊदी अरब में महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने को लेकर उनकी गिरफ्तारी हुई। इन अधिकारों की मांगों में विशेष रूप से सऊदी महिलाओं के लिए गाड़ी चलाने का अधिकार शामिल है। उनकी गिरफ्तारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व के नेताओं, मानवाधिकार संगठनों और अन्य हस्तियों ने आलोचना की और सऊदी अरब से लुजैन को बिना शर्त रिहा करने का आह्वान किया।

लुजैन की तत्काल रिहाई के लिए बार-बार अपील किए जाने के बावजूद सऊदी सरकार ने उन्हें न केवल अवैध हिरासत में रखा बल्कि कथित तौर पर उन्हें अपमानजनक और क्रूर मानसिक व शारीरिक यातनाओं से भी गुजरना पड़ा।

पिछले साल दिसंबर में सऊदी टेररिज्म कोर्ट ने लुजैन को आतंकवाद से संबंधित आरोपों को लेकर दोषी ठहराया था इनमें 'परिवर्तन के लिए आंदोलन करना,' 'विदेशी एजेंडा चलाना' और 'सरकारी आदेश को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट का उपयोग करना' शामिल है। उन्हें 5 साल और 8 महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी जिसमें से अदालत ने 2 साल और 10 महीने को इस शर्त पर निलंबित कर दिया कि अगर वे अगले तीन साल तक "कोई अपराध नहीं करती हैं" तो ये लागू होगा। साथ ही उनके द्वारा अब तक जेल में बिताए गए समय को भी इस सजा में शामिल किया था।

लुजैन की रिहाई के समाचार पर मानवाधिकार संगठनों और कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया।

Saudi Arab
Human Rights
saudi human rights
al-hathloul
Loujain al-Hathloul

Related Stories

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

जलविद्युत बांध जलवायु संकट का हल नहीं होने के 10 कारण 

चिली की नई संविधान सभा में मज़दूरों और मज़दूरों के हक़ों को प्राथमिकता..

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

यूक्रेन युद्ध से रूस-चीन के संबंधों में मिली नई दिशा

मणिपुर चुनाव: भाजपा के धनबल-भ्रष्ट दावों की काट है जनता का घोषणापत्र

कैसे सैन्य शासन के विरोध ने म्यांमार को 2021 के तख़्तापलट के बाद से बदल दिया है

कैसे चीन पश्चिम के लिए ओलंपिक दैत्य बना


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License