NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
'भारत बचाओ' : सीटू, किसान सभा और एआईएडबल्यूयू 25 जुलाई से शुरू करेंगे 15 दिन का अभियान
मज़दूरों, किसानों और खेत मज़दूरों के संगठनों का यह अभियान 9 अगस्त को 'भारत बचाओ' के नाम से होने वाले देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के मद्देनज़र किया जा रहा है।
रौनक छाबड़ा
14 Jul 2021
'भारत बचाओ'

सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन्स(सीटू), अखिल भारतीय किसान सभा(एआईकेएस) और ऑल इंडिया एग्रिकल्चर वर्कर्स यूनियन(एआईएडबल्यूयू) ने साझे तौर पर 25 जुलाई से 15 दिन लंबा देशव्यापी अभियान शुरू करने का फ़ैसला किया है। यह अभियान ऐसे समय पर हो रहा है जब केंद्र सरकार किसानों और मज़दूरों की मांगों को मानने की तरफ़ कोई क़दम बढ़ाती नहीं दिख रही है।

अभियान के तौर पर, तीनों संगठनों के सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों अपनी मांगों को लेकर जागरूकता फैलाएँगे। मज़दूरों, किसानों और खेत मज़दूरों के संगठनों का यह अभियान 9 अगस्त को 'भारत बचाओ' के नाम से होने वाले देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के मद्देनज़र किया जा रहा है।

इसी दिन 1942 में महात्मा गांधी के 'भारत छोड़ो' आंदोलन की शुरूआत की थी, जो अंग्रेज़ों को भारत से भगाने में अहम अभियान साबित हुआ था।

सीटू की अध्यक्ष के. हेमलता ने कहा कि "देश के धन निर्माता" - मजदूर, किसान और खेत मज़दूर एक साथ आकर नरेंद्र मोदी की सरकार के ख़िलाफ़ अभियान तेज़ करेंगे। उन्होंने मंगलवार को न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "हमारा पहला लक्ष्य यह होगा कि हम अपने सदस्यों को ही नहीं, आम जनता को भी मांगों के बारे में बताएंगे। हमें मोदी सरकार के ज़िद्दी रवैये के बारे में भी बात करनी होगी।"

हेमलता ने आगे बताया कि कुल 7 मांगें रखी जाएंगी। उनके अनुसार इनमें रुपये का नकद समर्थन शामिल होगा सभी गैर-आयकर दाता परिवारों 7,500 रुपये का नकद समर्थन, ज़रूरतमंद लोगों को राशन सहायता, सार्वभौमिक मुफ्त टीकाकरण, तीन कृषि कानूनों और श्रम संहिताओं को वापस लेने के साथ-साथ अन्य मांगें शामिल की जाएंगी।

एआईएडबल्यूयू के संयुक्त सचिव विक्रम सिंह ने न्यूज़क्लिक को बताया कि देश भर में अभियान के तौर पर विभिन्न प्रारंभिक कार्यक्रम किए जाएंगे। उन्होंने बताया, "उत्तर प्रदेश की राज्य यूनिट के लोग एक साइकल जत्था करने की तैयारी कर रहे हैं, हरियाणा में भी एक वाहन जत्था किया जाएगा। गाँव स्तर पर पंचायतें भी की जाएंगी।"

सिंह ने आगे कहा कि इन कार्यक्रमों में हिस्सेदारी के ज़रिये यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ चल रहा संघर्ष कमज़ोर न पड़े। यह अभियान ऐसे समय में हो रहा है जब मोदी सरकार द्वारा लाये गए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर हज़ारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का समर्थन मज़दूरों और खेत मज़दूरों के संगठनों ने भी किया।

देशव्यापी अभियान का साझा अभियान उस समय पर भी आया है जब संयुक्त किसान मोर्चा9एसकेएम) ने 22 जुलाई को संसद के बाहर धरने का आह्वान किया है। संसद का मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरू होने वाला है।

एसकेएम के ऐलान के अनुसार क़रीब 200 किसान- हर संगठन से 5 सदस्य मानसून सत्र के दौरान रोज़ संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

एआईकेएस के संयुक्त सचिव विजू कृष्णन ने कहा कि जब से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन शुरू हुआ है, किसान संगठन और ट्रेड यूनियनों ने एक दूसरे का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, "इसी तरह इस बार भी जब किसान दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे तब मज़दूर संगठन देश के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन करेंगे।"

9 अगस्त को "भारत बचाओ" दिवस के बारे में कृष्णन ने कहा, "यह पिछले साल के देशव्यापी प्रदर्शन के तौर पर ही हो रहा है। इसलिए यह दिन भी देश भर में उसी ताक़त के साथ मनाया जाएगा।"

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें।

‘Save India’: CITU, AIKS and AIAWU to Launch Fortnight-long Campaign from July 25

Centre of Indian Trade Unions
All India Kisan Sabha
All India Agricultural Workers Union
Samyukt Kisan Morcha
Save India Day
Parliament
Farm Laws
Labour Codes
Narendra modi
farmers protest
Quit India

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

देशव्यापी हड़ताल: दिल्ली में भी देखने को मिला व्यापक असर

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License