पश्चिम बंगाल और असम में 69 विधानसभा सीटों को कवर करने के लिए दूसरे चरण का मतदान गुरुवार को हो रहे हैं। चुनाव आयोग ने राज्य प्रशासन के साथ मिलकर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराने के लिए सभी इंतजाम सुनिश्चित कर रखे हैं। पश्चिम बंगाल में 30 विधानसभा क्षेत्रों और असम में 39 सीटों पर मतदान हो रहा है। इस चरण में दोनों राज्य में कई बड़े राजनेताओं की किस्मत दांव पर लगी है।
सुबह नौ बजे तक बंगाल और असम में वोटिंग ने रफ्तार पकड़ ली है। सुबह नौ बजे तक बंगाल में 15.72 फीसदी और असम में 10.51 फीसदी मतदान हुआ है । बंगाल में कुछ जगहों से हिंसा की खबरें भी आ रही हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत मतदान शुरू होने से पहले बृहस्पतिवार तड़के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की कथित रूप से चाकू घोंपकर हत्या कर दी गयी। जबकी सीपीएम ने तृणमूल पर लगाया लोगों को वोट न डालने देने का आरोप। घटाला में सीपीएम ने प्रदर्शन किया जिसके बाद पुलिस बल ने बंद रास्ते खुलवाएं।
इसके साथ ही कई जगहों पर ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की शिकायत भी आ रही है। पश्चिम बंगाल के अलावा असम से भी ईवीएम में गड़बड़ी की खबरें हैं। जागीरोड पोलिंग बूथ पर दो ईवीएम काम नहीं कर रही हैं, जिसके बाद लोगों ने हंगामा किया।
बंगाल में दूसरे चरण में 30 सीटों पर वोटिंग जारी, सभी की नजरें नंदीग्राम पर
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के 30 सीटों पर मतदान हो रहे है, जिसमें 75 लाख मतदाता 191 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे किंतु इस चरण में सबकी नजरें हाई प्रोफाइल नंदीग्राम सीट पर टिकी हैं, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पूर्व सहयोगी एवं भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ मैदान में हैं।
अधिकारियों ने चुनाव पूर्व बताया था कि निर्वाचन आयोग ने सभी 10,620 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया है और केंद्रीय बलों की करीब 651 कंपनियों को तैनात किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 199 कंपनियां पूर्व मेदिनीपुर में, 210 कंपनियां पश्चिम मेदिनीपुर में, 170 कंपनियां दक्षिण 24 परगना में और 72 कंपनियां बांकुड़ा में तैनात की जाएंगी।
तृणमूल कांग्रेस और भाजपा इस चरण की सभी 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि माकपा ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारें हैं। वहीं संजुक्त (संयुक्त) मोर्चा में शामिल कांग्रेस ने 13 सीटों पर और आईएसएफ ने दो सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं।
यह मतदान सख्त कोविड-19 दिशा-निर्देशों के बीच हो रहा है। पश्चिम मेदिनीपुर की नौ सीटों, बांकुड़ा की आठ, दक्षिण 24 परगना की चार और पूर्व मेदिनीपुर की नौ सीटों पर बृहस्पतिवार को सुबह सात बजे से वोट डाले गए। पूर्व मेदिनीपुर शुभेंदु अधिकारी का गृह जिला है और इसी जिले में नंदीग्राम सीट आती है। यहां उनका मुकाबला तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी से है।
नंदीग्राम ने 2007 में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के जरिए शक्तिशाली वाम सरकार की जड़ें हिला दी थीं। नंदीग्राम सीट पर अधिकारी की लड़ाई उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता के लिए महत्वपूर्ण है।
अधिकारी की इस सीट से जीत उन्हें बंगाल के बड़े नेताओं की जमात में शामिल करा देगी और भाजपा को बहुमत मिलने की सूरत में वह मुख्यमंत्री पद के अन्य दावेदारों से आगे निकल सकते हैं।
बनर्जी के लिए इस सीट से जीतना सरकार की अगुवाई करने और पार्टी को एकजुट रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
दूसरी ओर, वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन ने नंदीग्राम सीट से माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी को टिकट दिया है। इस सीट पर अपनी पार्टी की खोई जमीन को वापस हासिल करना उनके लिए चुनौती है।
बनर्जी पिछले चार दिनों से नंदीग्राम में डेरा डाली हुई हैं। भाजपा ने अधिकारी के पक्ष में प्रचार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती समेत ‘बड़े चेहरों’ को उतारा है। अधिकारी ने 2016 में इस सीट से जीत हासिल की थी।
इन 30 सीटों में से 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल ने 23 सीटों पर जीत प्राप्त की थी जबकि पांच पर वाम मोर्चा के उम्मीदवार जीते थे और एक-एक सीट कांग्रेस एवं भाजपा के खाते में गई थी।
राज्य में 2019 के चुनाव में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं जब भाजपा ने आदिवासी बहुल जंगल महल क्षेत्र और मेदिनीपुर पट्टी पर व्यापक उपस्थिति दर्ज कराते हुए सभी पांचों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि तृणमूलल दक्षिण 24 परगना जिले में अपना प्रभुत्व कायम रखने में कामयाब रही थी जहां अल्पसंख्यकों की अच्छी-खासी आबादी है।
तृणमूल ने सबांग सीट से राज्यसभा सदस्य मानस भुइयां को उतारा है। वह तृणमूल से भाजपा में गए अमूल्य मैती के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
बांकुड़ा सीट से तृणमूल ने बंगाली फिल्मों की लोकप्रिय अभिनेत्री सयंतिका बनर्जी को टिकट दिया है। वह भाजपा के नीलाद्री शेखर डाना और संजुक्त मोर्चा की राधा रानी बनर्जी के खिलाफ मैदान में हैं।
डेब्रा सीट से दो पूर्व आईपीएस अधिकारी एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं। भाजपा की भारती घोष तृणमूल के हुमांयू कबीर को चुनौती दो रही हैं। दोनों ने सक्रिय राजनीति में आने के लिए पुलिस विभाग के वरिष्ठ पदों से इस्तीफा दिया है।
असम में दूसरे चरण के चुनाव में पांच मंत्री, उपाध्यक्ष हैं चुनाव मैदान में
असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को 39 सीटों पर होने जा रहे मतदान में पांच मंत्रियों, (विधानसभा) उपाध्यक्ष और कुछ अहम विपक्षी नेताओं के राजनीतिक तकदीर का फैसला होगा।
इस चरण में 26 महिलाओं समेत 345 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिसके लिए बृहस्पतिवार को सुबह सात बजे से लेकर शाम छह बजे तक कड़ी सुरक्षा एवं कोविड-19 के दिशानिर्देशों के कड़े अनुपालन के बीच वोट डाले जायेंगे।
इस चरण में सत्तारूढ़ भाजपा 34 सीटों पर ताल ठोक रही है जबकि उसकी सहयोगी पार्टियां असम गण परिषद(अगप) एवं यूनाईटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) क्रमश: छह और तीन सीटों पर जोर-आजमाइश कर रही हैं।
हालांकि पाठरकांडी और अल्गापुर में भाजपा और अगप के बीच दोस्ताना मुकाबला है। माजबात और कलैगांव में भी भाजपा और यूपीपीएल के बीच दोस्ताना संघर्ष है।
महागठबंधन से जुड़ी कांग्रेस 28 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि एआईयूडीएफ सात एवं बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) चार सीटों पर विरोधी दलों से दो दो हाथ करेंगी । नवगठित असम जातिया परिषद (एजेपी) 19 सीटों पर चुनाव मैदान में है।
इस चरण में 25 सीटों पर राजग और महागठबंधन में सीधा मुकाबला है जबकि बाकी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है।
भाजपा मंत्री परिमल सुक्लावैद्य का धोलाई में कांग्रेस प्रत्याशी कामाख्या प्रसाद माला से सीधा मुकाबला है। भाजपा के विधानसभा उपाध्यक्ष अमीनुल हक लस्कर का सोनाई में एआईयूडीएफ के करमी उद्दीन बारभूइंया से सीधी टक्कर है।
मंत्री पीजूष हजारिका का जागीरोड सीट (अनुसूचित जाति आरक्षित) पर कांग्रेस के स्वप्न कुमार मंडल और एजेपी के बुबुल दास के साथ त्रिकोणीय संघर्ष है। उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी भाबेश कलिता का रंगिया निर्वाचन क्षेत्र में एजेपी के बाबुल शहरिया से सीधी टक्कर होगी।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )