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आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अल्जीरिया में सुरक्षा बलों ने 10 सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया
गिरफ्तार किए गए लोगों में कार्यकर्ता समीर बेनालर्बी शामिल हैं जो देश के भ्रष्ट और अक्षम सरकार तथा राजनीतिक व्यवस्था के विरोध में लोकप्रिय हिरक आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति हैं। ये आंदोलन फरवरी से यहां चल रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
09 Mar 2020
अल्जीरिया
Image courtesy: The Guardian

शनिवार 7 मार्च को अल्जीरिया की पुलिस ने राजधानी अल्जीयर्स में सरकार विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा रहे प्रमुख 'हिरक' आंदोलन के कार्यकर्ता समीर बेनालर्बी सहित दस प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। एएफपी समाचार एजेंसी से जुड़े एक पत्रकार ने ये जानकारी दी।

हिरक आंदोलन द्वारा ऑनलाइन आह्वान के बाद लगभग 300 प्रदर्शनकारी राजधानी में रैली निकालने की कोशिश कर रहे थे। धरना स्थल के पास पुलिस की भारी संख्या में मौजूदगी भी बताई गई थी। विरोध प्रदर्शनों को तितर बितर करते हुए और उन्हें रैली में हिस्सा लेने से रोकते हुए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई की।

देश के पूर्वी हिस्से के अन्य बड़े शहरों जैसे कॉन्स्टेंटाइन, अन्नबा, और अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन किए गए, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने अपने विरोध को दर्ज किया और देश को नुकसान पहुंचाने वाले व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए निंदा की साथ ही सरकार द्वारा देश के नागरिकों के स्वतंत्रत वाक्य तथा अभिव्यक्ति के अधिकारों का हनन को लेकर भी निंदा की है।

उन्होंने सरकार के दबाव के कारण देश के मीडिया, विशेष रूप से सरकार के स्वामित्व वाले टेलीविजन और निजी चैनलों को भी विरोध प्रदर्शन का निष्पक्ष तरीके से कवर न करने पर निंदा की है। कैदी समर्थित संघ ने पुष्टि की कि बेनार्लबी को भी सुरक्षा बलों ने हिरासत में लिया था।

प्रदर्शनकारियों को अल्जीरियाई ध्वज लहराते हुए देखा गया साथ ही वे पिछले पांच महीनों से जेल में बंद राजनीतिक कार्यकर्ता करीम तबू के चित्र वाले पोस्टर लिए हुए थे। तबू पर "सेना के मनोबल को कमजोर करने" के आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने यूथ एक्शन रैली (आरएजे) के अध्यक्ष अब्दुल वाहाब फ़ेरसोई को रिहा करने की भी मांग की और ऐलान किया कि हिरक आंदोलन का समर्थन करने के लिए पुलिसकर्मी तौफ़िक हसनी को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि हसनी को पुलिस कानूनों के अनुसार बर्खास्त किया जा सकता है।

मुकदमे का सामना कर रहे हसनी को पिछले सप्ताह रिहा कर दिया गया था और बाद में उन्होंने मौरिस ऑडिन चौक पर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और प्रदर्शनकारियों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी एक बयान जारी किया है जिसमें उसने सरकार से सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को तत्काल और बिना शर्त रिहा करने का आह्वान किया है जिन्हें केवल वाक्य की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति, संघ, सभा करने और शांति के अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए हिरासत में लिया गया है।

संगठन ने पिछले शनिवार 29 फरवरी के बाद सरकार की "मनमानी गिरफ्तारियों" की आलोचना की थी। एक विरोध मार्च के बाद 56 प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तार किया गया था।

Algeria
Anti-government protesters
Algerian Police
International Human Rights Organization
NGO
Amnesty International

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