NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
जामिया में सेमेस्टर परीक्षाओं का ऐलान, छात्रों में अभी भी डर का माहौल
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की बची हुई सेमेस्टर परीक्षाएं नौ जनवरी से और स्नातक की परीक्षाएं 16 जनवरी से शुरू होंगी। छात्रों का कहना है कि अभी उनके बीच डर और तनाव का माहौल है ऐसे में परीक्षाओं का ऐलान जल्दबाज़ी है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Jan 2020
jamia

दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नागरिकता (संशोधन) कानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया था। अब प्रशासन ने इसे सोमवार, 6 जनवरी से दोबारा खोलने का फैसला किया है इसके साथ ही परीक्षाओं का ऐलान भी कर दिया गया है।

क्या है परीक्षा की तारीख़?

समाचार एजेंसी 'भाषा' की ख़बर के अनुसार विश्वविद्यालय ने बताया कि अधिकतर स्नातकोत्तर (PG)पाठ्यक्रमों की बची हुई सेमेस्टर परीक्षाएं नौ जनवरी से शुरू होंगी, जबकि स्नातक पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं 16 जनवरी से शुरू होंगी। विश्वविद्यालय ने अभिभावकों से भी अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे तय तिथि पर परीक्षा के लिए आएं।

विश्वविद्यालय ने गंभीर रूप से बीमार/चिकित्सा के मामलों को अलग से देखने की बात भी कही है। साथ ही प्रशासन ने छात्रों को सलाह दी है कि वे सोशल मीडिया पर गलत सूचना और अफ़वाह के चलते पैदा होने वाले किसी भी भ्रम से बचने और अपडेट रहने के लिए नियमित रूप से विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट को देखते रहें।

छात्रों में अभी भी डर का माहौल

हमने परीक्षा के मुद्दे पर जामिया के कुछ छात्रों से बात की। जामिया में जन संचार की पढ़ाई कर रहे अहमद कबीर ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, ‘अभी छात्रों और उनके परिजनों में डर का माहौल है। जामिया में बीते दिनों जो भी हुआ उसके बाद छात्र तनावग्रस्त हैं। आख़िर हमारी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? क्या दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन हमें आश्वास्त कर सकता है कि अब हमारे कैंपस में पुलिस नहीं आएगी या हमें किसी ओर से कोई ख़तरा नहीं है। हम छात्र जब परिसर में खुद को सुरक्षित ही नहीं महसूस कर पा रहे तो ऐसे में हम परीक्षा कैसे देंगे?

जामिया के ही लॉ विभाग में पढ़ाई कर रहे छात्र मासूम रज़ा ने बताया, ‘हमें परीक्षा की सूचना मिली है लेकिन अभी छात्र इसके लिए तैयार नहीं हैं। जामिया में पिछले दिनों पुलिस की कार्रवाई और छात्रों के साथ मारपीट से सभी तनाव में हैं। प्रशासन परीक्षाओं को और टाल सकता था, जिससे छात्रों को थोड़ा समय मिल जाता और वो बेहतर कर पाते। हम सब अभी मानसिक रूप से इसके लिए तैयार नहीं हैं और न ही हमारे घरवाले।'

हालांकि इस संबंध में जामिया के जनसंपर्क अधिकारी अज़ीम का कहना है, ‘छात्रों की कॉर्डिनेशन कमिटी के सुझाव पर ही प्रशासन ने परीक्षा तारीखों का ऐलान किया है। छात्र ही चाहते थे कि परीक्षा जल्द हो। इसलिए हमने उन छात्रों की सुविधा का भी ध्यान रखा है जिन्हें किसी मदद की आवश्यकता है या कोई स्वस्थ नहीं है। उनके लिए प्रशासन उचित कदम उठाएगा।'

गौरतलब है कि नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने 15 दिसंबर को बड़ा प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े गए थे। इस टकराव में छात्र-छात्राओं समेत कई अन्य घायल हुए थे। इसी बीच सड़कों पर आगजनी और झड़प के बाद दिल्ली पुलिस जामिया विश्वविद्यालय के परिसर में घुस गई थी और कथित तौर पर बर्बरता की थी।

इस दौरान कई छात्रों व अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। लेकिन जामिया की इस घटना के बाद सीएए-एनआरसी और पुलिस बर्बरता के ख़िलाफ़ पूरे देश में आंदोलन शुरू हो गया, जो आज तक जारी है। दिल्ली में ही जामिया इलाके में जामिया के गेट नंबर 7 के बाहर और शाहीन बाग में आम लोगों ख़ासकर महिलाओं का धरना जारी है।  

Jamia Milia Islamia
Student Protests
Semester Exam
University Administration
central university
delhi police

Related Stories

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत

उत्तराखंड : हिमालयन इंस्टीट्यूट के सैकड़ों मेडिकल छात्रों का भविष्य संकट में

यूपी चुनाव : छात्र संगठनों का आरोप, कॉलेज यूनियन चुनाव में देरी के पीछे योगी सरकार का 'दबाव'

केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में तकरीबन 33% शिक्षण पद खाली 

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र, अचानक सिलेबस बदले जाने से नाराज़

डीयू: कैंपस खोलने को लेकर छात्रों के अनिश्चितकालीन धरने को एक महीना पूरा

उत्तराखंड: NIOS से डीएलएड करने वाले छात्रों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अनुमति नहीं

नहीं पढ़ने का अधिकार

डीयू: एनईपी लागू करने के ख़िलाफ़ शिक्षक, छात्रों का विरोध


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License