NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
लॉकडाउन के बीच भी नहीं थम रही यौन हिंसा, ललितपुर में नाबालिग़ से दुष्कर्म की कोशिश
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी लॉकडाउन में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में बढ़ोत्तरी पर चिंता व्यक्त की थी। आयोग द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार लॉकडाउन के पहले 10 दिनों में उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 90 शिकायतें मिली हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Apr 2020
यौन हिंसा
प्रतीकात्मक तस्वीर

देश-दुनिया में जहां कोरोना का कहर जारी है तो वहीं उत्तर प्रदेश में महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। ताजा मामला ललितपुर गांव का है, जहां प्रधान पर एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म का आरोप लगा है। पीड़ित बच्ची फिलहाल झांसी मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।

इस वक्त पूरे देश में लॉकडाउन लागू है, चप्पे-चप्पे पर पुलिस और प्रशासन निगरानी कर रही है, इसके बावजूद प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के साथ एक के बाद एक हो रहे अपराधों ने लोगों का सरकार और प्रशासन से विश्वास उठा दिया है। बेहतर क़ानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के तमाम दावे करने वाली बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के “रामराज्य” के वायदे खोखले साबित हो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला?

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक घटना ललीतपुर गांव के तालबेहट कोतवाली क्षेत्र की है। शनिवार, 4 अप्रैल की शाम 7 बजे पीड़ित बच्ची को उसके पड़ोस में रहने वाले हर्षपुर गांव के प्रधान अशोक यादव ने कथित तौर पर किसी काम से अपने घर बुलाया। बच्ची के घर आने के बाद प्रधान ने उसे कमरे में बंद कर दिया और दुष्कर्म का कोशिश की। इस बीच प्रधान की पत्नी भी आ गई और बच्ची को पीटने लगी। बच्ची किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंची और उसने खुद पर मिट्टी का तेल डालकर अपने आप को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद परिजनों ने उसे तालबेहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया। लेकिन, हालत गम्भीर होने पर डॉक्टरों ने उसे झांसी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।

पीड़िता की आपबीती

स्थानीय पत्रकार अवधेश सिंह ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में बताया कि पीड़ित बच्ची की उम्र करीब 15 साल है और वो इस हादसे में लगभग 80 फीसदी झुलस गई है। पीड़िता और आरोपी का घर आस-पास ही है, दोनों परिवारों में ठीक-ठाक संबंध भी हैं। लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक कई बार पीड़िता के पिता प्रधान के घर ही खेती-किसानी का काम भी करते थे।

अवधेश के अनुसार पीड़िता ने इस घटना के बारे में परिवारजनों को बताया, “शनिवार की देर शाम ग्राम प्रधान अशोक यादव ने मुझे किसी काम से बुलाया था। जब मैं उनके घर गई तो उसने मुझे कमरे में बंद कर जबरदस्ती कपड़े उतार दिए। इसी दौरान प्रधान की पत्नी वहां आ गई और मुझे इस हालत में देखकर आग बबूला हो गई। प्रधान की पत्नी ने मुझे बहुत मारा-पीटा। मैं घर भागकर आई और मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली।”

पुलिस क्या कहती है?

घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक कैप्टन एमएम बेग ने कहा कि प्रधान और उसकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। पीड़िता के पिता और मामा ने भी ग्राम प्रधान पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी पुत्री के साथ रेप का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस तहरीर के आधार पर पूरा मामला दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।

बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी लॉकडाउन में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में बढ़ोत्तरी पर चिंता व्यक्त की थी। आयोग द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार लॉकडाउन के पहले 10 दिनों में उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 90 शिकायतें मिली हैं तो दिल्ली से 37 और बिहार, महाराष्ट्रा से 18, मध्य प्रदेश से 11, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान से 9 मामले दर्ज हुए हैं।

इसे पढ़ें : लॉकडाउन के चलते घरेलू हिंसा के मामले बढ़े, महिला उत्पीड़न में यूपी सबसे आगे

ग़ौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक दुष्कर्म और महिलाओं के साथ यौन हिंसा की ख़बरें सामने आ रही हैं। प्रदेश में बीजेपी की योगी सरकार 2017 से सत्ता में है लेकिन क़ानून-व्यवस्था के अन्य मोर्चों के साथ ही सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी नाकाम ही रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध पूरे देश में सबसे ज़्यादा हैं। पुलिस हर दो घंटे में बलात्कार का एक मामला दर्ज करती है, जबकि राज्य में हर 90 मिनट में एक बच्चे के ख़िलाफ़ अपराध की सूचना दी जाती है। 2018 में बलात्कार के 4,322 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि नाबालिगों के मामलों में, 2017 में 139 के मुकाबले 2018 में 144 लड़कियों के बलात्कार के मामले सामने आए थे।

“हिंसा युद्ध के मैदान तक ही सीमित नहीं है”

आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्रसंघ प्रमुख ने भी लॉकडाउन के दौरान महिलाओं की रक्षा करने की सरकारों से अपील की है।

इसे पढ़ें : कोरोना संकट के बीच दुनियाभर में बढ़े घरेलू हिंसा के मामले

एएफपी की ख़बर के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने दुनिया भर की सरकारों से अपील की है कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने की कार्रवाई के दौरान महिलाओं की रक्षा भी सुनिश्चित की जाए।

गुतारेस ने कई भाषाओं में वीडियो और बयान जारी करके कहा, ‘‘हिंसा युद्ध के मैदान तक ही सीमित नहीं है।’’

गुतारेस ने कहा, ‘‘कई महिलाओं और लड़कियों के लिए वहीं सबसे अधिक खतरा है, जहां उन्हें सबसे सुरक्षित होना चाहिए। उनके अपने घरों में।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ सप्ताह में आर्थिक एवं सामाजिक दबाव एवं आशंकाएं बढ़ी हैं और ऐसे में हमने घरेलू हिंसा में वैश्विक स्तर पर खतरनाक बढ़ोतरी देखी है।’’

गुतारेस ने कहा, ‘‘मैं सभी सरकारों से अपील करता हूं कि वे महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने और उनकी परेशानी को दूर करने को कोविड-19 के खिलाफ राष्ट्रीय कार्रवाई योजनाओं में अहम हिस्सा बनाएं।’’

गुतारेस ने दवाइयों और राशन की दुकानों में आपात चेतावनी प्रणालियां बनाने और महिलाओं के लिए ऐसे सुरक्षित तरीके खोजने की अपील की है कि वे ‘‘अपना उत्पीड़न करने वालों को सतर्क किए बिना सहायता मांग सकें।’’

महासचिव ने कहा, ‘‘कोविड- 19 को काबू करने के प्रयासों के दौरान हम मिलकर युद्ध भूमि से लेकर घरों तक हर जगह हिंसा को रोक सकते हैं और हमें उसे रोकना चाहिए।’’

उन्होंने ‘‘विश्वभर के घरों में शांति की अपील’’ की।

Lockdown
India Lockdown
crimes against women
violence against women
National women commission
UttarPradesh
women security
Yogi Adityanath
Lalitpur
yogi sarkar

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License