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मौजूदा क्रांति की तस्वीर बनाई जा रही है
'ये दीवारें हमारे समाचार पत्र हैं’, युवा कलाकारों के दल से मिलिए जिन्होंने 15 दिसंबर 2019 को विश्वविद्यालय में क्रूर पुलिस कार्रवाई के जवाब में अपनी भावनाओं और गुस्से को व्यक्त करने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया की दीवारों को रंगना शुरू कर दिया।
न्यूज़क्लिक टीम
03 Feb 2020

'ये दीवारें हमारे समाचार पत्र हैं’, युवा कलाकारों के दल से मिलिए जिन्होंने 15 दिसंबर 2019 को विश्वविद्यालय में क्रूर पुलिस कार्रवाई के जवाब में अपनी भावनाओं और गुस्से को व्यक्त करने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया की दीवारों को रंगना शुरू कर दिया।

उनका जुड़ाव और दोस्ती आपको हिला देगी। दर्द और विरोध की उनकी अभिव्यक्ति आपको प्रेरित करेगी।

युवा छात्रों और कलाकारों का ये समूह राष्ट्रीय राजधानी में धरने-प्रदर्शनों के विभिन्न स्थलों का दौरा कर रहा है और वहां पेंट करने की पेशकश कर रहा है। वे ऐसा समझते हैं कि उनका स्वागत होता है और उन्हें कलाकारी करने के लिए वस्तुएं और भोजन दी जाती है। वे हिंदुस्तानी कविता और क्रांतिकारी गीतों को बैनरों पर लिखते हैं। वे प्रदर्शनकारियों की भीड़ में मौजूद महिलाओं और बच्चों की तरह तरह की तस्वीरें बनाते हैं। वे पुलिस द्वारा मारे गए गोलियों, छर्रों और आंसू-गैस के गोले से घायल छात्रों के चेहरे उकेरते हैं। वे इतिहास के साथ-साथ वर्तमान समय के नेताओं की भी तस्वीर बनाते हैं जैसे कि महात्मा गांधी, बाबासाहेब अम्बेडकर, मौलाना आज़ाद और भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद रावण।

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Art of Resistance
Art and resistance
Jamia Millia Islamia
Young Artists
Protest art

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License