NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
शाह से मिलने को तैयार शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी, कहा- बातचीत के लिये बुलाना सरकार का दायित्व
प्रदर्शन ''नेता विहीन'' है और यह गृह मंत्री पर निर्भर करता है कि वह बातचीत के लिये किन्हें बुलाना चाहते हैं। 
भाषा
15 Feb 2020
shaheen bagh

दिल्ली : शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने शनिवार को कहा कि वे नये नागरिकता कानून को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त करने के लिये केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिये तैयार हैं लेकिन बातचीत के लिये बुलाना सरकार का दायित्व है।

शाहीन बाग में बीते दो महीने से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर महिलाएं हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शन ''नेता विहीन'' है और यह गृह मंत्री पर निर्भर करता है कि वह बातचीत के लिये किन्हें बुलाना चाहते हैं।

प्रदर्शन स्थल पर मंच से एक वक्ता ने भी इस संबंध में घोषणा की।

शाहीन बाग के आयोजकों में से एक सैयद अहमद तासीर ने कहा, ''हम गृह मंत्री से मिलने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिये कि वे कितने लोगों से मिलना चाहते हैं।''

नियमित रूप से प्रदर्शन में हिस्सा लेने आ रही मेहरुन्निसा ने कहा कि प्रदर्शनकारी रविवार को गृह मंत्री के आवास की ओर मार्च करेंगे।

उन्होंने कहा, ''हम उनसे सीएए-एनआरसी-एनपीआर को वापस लेने के लिये कहेंगे।''

मेहरुन्निसा ने कहा कि जबतक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

गौरलतब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में समाचार चैनल से बातचीत के दौरान शाह ने कहा था जो व्यक्ति सीएए से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है, वह उनके कार्यालय से समय मांग सकता है। उसे तीन दिन के भीतर मिलने का समय दिया जाएगा।

Shaheen Bagh
CAA
NRC
NPR
Amit Shah
BJP

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

शाहीन बाग से खरगोन : मुस्लिम महिलाओं का शांतिपूर्ण संघर्ष !

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?


बाकी खबरें

  • BJP
    अनिल जैन
    खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं
    01 May 2022
    राजस्थान में वसुंधरा खेमा उनके चेहरे पर अगला चुनाव लड़ने का दबाव बना रहा है, तो प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया से लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसके खिलाफ है। ऐसी ही खींचतान महाराष्ट्र में भी…
  • ipta
    रवि शंकर दुबे
    समाज में सौहार्द की नई अलख जगा रही है इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा
    01 May 2022
    देश में फैली नफ़रत और धार्मिक उन्माद के ख़िलाफ़ भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) मोहब्बत बांटने निकला है। देशभर के गावों और शहरों में घूम कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किए जा रहे हैं।
  • प्रेम कुमार
    प्रधानमंत्री जी! पहले 4 करोड़ अंडरट्रायल कैदियों को न्याय जरूरी है! 
    01 May 2022
    4 करोड़ मामले ट्रायल कोर्ट में लंबित हैं तो न्याय व्यवस्था की पोल खुल जाती है। हाईकोर्ट में 40 लाख दीवानी मामले और 16 लाख आपराधिक मामले जुड़कर 56 लाख हो जाते हैं जो लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट की…
  • आज का कार्टून
    दिन-तारीख़ कई, लेकिन सबसे ख़ास एक मई
    01 May 2022
    कार्टूनिस्ट इरफ़ान की नज़र में एक मई का मतलब।
  • राज वाल्मीकि
    ज़रूरी है दलित आदिवासी मज़दूरों के हालात पर भी ग़ौर करना
    01 May 2022
    “मालिक हम से दस से बारह घंटे काम लेता है। मशीन पर खड़े होकर काम करना पड़ता है। मेरे घुटनों में दर्द रहने लगा है। आठ घंटे की मजदूरी के आठ-नौ हजार रुपये तनखा देता है। चार घंटे ओवर टाइम करनी पड़ती है तब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License