NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
“हिरासत में हौसले तोड़ने की पुरज़ोर कोशिश की गई.... वो सिर्फ टांग तोड़ पाए.....”
ज़मानत पर रिहा होने के बाद मज़दूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार ने चंडीगढ़ के अस्पताल में अपना इलाज कराया है। पुलिस हिरासत के दौरान उन्हें बुरी तरह टॉर्चर किए जाने का आरोप है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
05 Mar 2021
shivkumar

“जेल से सीधा चंडीगढ़ अस्पताल में आया हूं.... हिरासत में हौसले तोड़ने की पुरजोर कोशिश की गई..... वो सिर्फ टांग तोड़ पाए.....आप सभी के साथ से ही मजबूत बना हूं.... कितनी बड़ी है जेलें तेरी देख लिया है देखेंगे”

जेल से सीधा चंडीगढ़ अस्पताल में आया हूं.... हिरासत में हौंसले तोड़ने की पुरजोर कोशिश की गई..... वो सिर्फ टांग तोड़ पाए.....
आप सभी के साथ से ही मजबूत बना हूं....✊✊ कितनी बड़ी है जेलें तेरी
देख लिया है देखेंगे pic.twitter.com/4d723V2ty1

— Shiv Kumar (@ShivKumar_mas) March 5, 2021

यह कहना है मज़दूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार का। क़रीब डेढ़ महीने बाद गुरुवार को उन्हें ज़मानत पर जेल से रिहा किया गया। वे सोनीपत जेल में बंद थे। शुक्रवार को उन्होंने चंडीगढ़ के अस्पताल में अपना इलाज कराया। पुलिस हिरासत के दौरान उनके साथ भारी मारपीट और उत्पीड़न का आरोप है। शिव कुमार मज़दूर अधिकार कार्यकर्ता नौदीप कौर के ख़िलाफ़ दर्ज आपराधिक मामलों में सह-आरोपी हैं।

नौदीप कौर की गिरफ़्तारी के कुछ ही दिनों बाद ही शिव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था। कौर को 12 जनवरी को एक औद्योगिक इकाई का कथित रूप से घेराव करने और कंपनी से पैसे की मांग करने समेत हत्या के प्रयास और कुछ अन्य आरोपों के तहत दर्ज मामले में गिरफ़्तार किया गया था। 23 वर्षीय नौदीप को 26 फरवरी को ज़मानत पर रिहा किया गया था।  

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने ज़मानत देते हुए कहा था कि कौर के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे आरोप लगाना एक ‘‘बहस का मुद्दा’’ है, जिस पर सुनवायी के दौरान बाद में विचार किया जाएगा।

नौदीप ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि उन्हें 12 जनवरी को सोनीपत पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद एक पुलिस थाने में गंभीर रूप से पीटा गया था।

नौदीप कौर मजदूर अधिकार संगठन की एक सदस्य और पंजाब के मुक्तसर जिले के गिदड़ गांव की रहने वाली हैं। कौर ने दावा किया था कि उन्हें मामले में इसलिए झूठे ही फंसाया गया क्योंकि वह केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन लिए भारी समर्थन जुटाने में सफल रही थीं।

इससे पहले, सोनीपत की एक अदालत ने उगाही, दंगा करने और अन्य आरोपों के दो अलग मामलों में कौर को जमानत दे दी थी।

अब उनके साथी शिवकुमार बाहर आए। गुरुवार, 4 मार्च को मनदीप पुनिया ने भी सूचना दी- शिव कुमार सोनीपत जेल से रिहा हो गए हैं।

शिव कुमार सोनीपत जेल से रिहा हो गए हैं pic.twitter.com/Ac3lnuxz5y

— Mandeep Punia (@mandeeppunia1) March 4, 2021

नौदीप ने भी कहा- साथी का संघर्ष ज़िंदाबाद

साथी का संघर्ष ज़िंदाबाद ✊ #Shivkumar #NodeepKaur pic.twitter.com/s9QEGonQsI

— Nodeep Kaur (@NodeepKaur) March 4, 2021

किसान सत्याग्रह ट्विटर हैंडल से लिखा गया-

मजदूर कार्यकर्ता शिव कुमार करीब डेढ़ महीने बाद जमानत पर जेल से रिहा हुए हैं। उनके साथ नौदीप कौर हैं। दोनों ने पुलिस हिरासत में टॉर्चर का आरोप लगाया है। ये वो नौजवान हैं जिन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद किसान-मज़दूर की आवाज़ उठाने का रास्ता चुना।

मजदूर कार्यकर्ता शिव कुमार करीब डेढ़ महीने बाद जमानत पर जेल से रिहा हुए हैं। उनके साथ नौदीप कौर हैं। दोनों ने पुलिस हिरासत में टॉर्चर का आरोप लगाया है।

ये वो नौजवान हैं जिन्होंने तमाम मुश्किलों के बावजूद किसान-मज़दूर की आवाज़ उठाने का रास्ता चुना। @NodeepKaur pic.twitter.com/hNUPItgNtC

— Kisan Satyagrah (@KissanSatyagrah) March 4, 2021

जेल से बाहर निकलने के बाद शिव कुमार ने सभी का धन्यवाद करते हुए किसानों और श्रमिकों के अधिकार के लिए संघर्ष जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

उन्होंने लिखा, “46 दिन बाद बाहर आया हूं....सभी संघर्षशील साथियों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, वकीलो का धन्यवाद करना चाहूंगा उन्होंने सिर्फ़ मेरे लिए आवाज़ नही उठाई, मज़दूर-किसानों की एकता के लिए आवाज उठाई है। जंग जारी रहेगी जुल्म और शोषण के ख़िलाफ़”

46 दिन बाद बाहर आया हूं....सभी संघर्षशील साथियों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों ,वकीलो का धन्यवाद करना चाहूंगा उन्होंने सिर्फ मेरे लिए आवाज नही उठाई , मज़दूर -किसानों की एकता के लिए आवाज उठाई है। जंग जारी रहेगी जुल्म और शोषण के खिलाफ़@NodeepKaur @mandeeppunia1 pic.twitter.com/C5ZZOGl5Sp

— Shiv Kumar (@ShivKumar_mas) March 5, 2021

Shiv Kumar
Nodeep Kaur
Punjab and Haryana High Court
farmers protest

Related Stories

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

फरीदाबाद : आवास के मामले में सैकड़ों मजदूर परिवारों को हाईकोर्ट से मिली राहत

किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा

किसान आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी एक आशा की किरण है

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

यूपी चुनाव से पहले एसकेएम की मतदाताओं से अपील: 'चुनाव में बीजेपी को सबक़ सिखायें'


बाकी खबरें

  • कुशाल चौधरी, गोविंद शर्मा
    बिहार: रोटी-कपड़ा और ‘मिट्टी’ के लिए संघर्ष करते गया के कुम्हार-मज़दूर
    21 May 2022
    गर्मी के मौसम में मिट्टी के कुल्हड़ और मिट्टी के घड़ों/बर्तनों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन इससे ज्यादा रोज़गार पैदा नहीं होता है। सामान्य तौर पर, अधिकांश कुम्हार इस कला को छोड़ रहे हैं और सदियों पुरानी…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में ओमिक्रॉन के स्ट्रेन BA.4 का पहला मामला सामने आया 
    21 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,323 नए मामले सामने आए हैं | देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 34 हज़ार 145 हो गयी है। 
  • विनीत तिवारी
    प्रेम, सद्भाव और इंसानियत के साथ लोगों में ग़लत के ख़िलाफ़ ग़ुस्से की चेतना भरना भी ज़रूरी 
    21 May 2022
    "ढाई आखर प्रेम के"—आज़ादी के 75वें वर्ष में इप्टा की सांस्कृतिक यात्रा के बहाने कुछ ज़रूरी बातें   
  • लाल बहादुर सिंह
    किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है
    21 May 2022
    इस पूरे दौर में मोदी सरकार के नीतिगत बचकानेपन तथा शेखचिल्ली रवैये के कारण जहाँ दुनिया में जग हंसाई हुई और एक जिम्मेदार राष्ट्र व नेता की छवि पर बट्टा लगा, वहीं गरीबों की मुश्किलें भी बढ़ गईं तथा…
  • अजय गुदावर्ती
    कांग्रेस का संकट लोगों से जुड़ाव का नुक़सान भर नहीं, संगठनात्मक भी है
    21 May 2022
    कांग्रेस पार्टी ख़ुद को भाजपा के वास्तविक विकल्प के तौर पर देखती है, लेकिन ज़्यादातर मोर्चे के नीतिगत स्तर पर यह सत्तासीन पार्टी की तरह ही है। यही वजह है कि इसका आधार सिकुड़ता जा रहा है या उसमें…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License