NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
23 अक्टूबर से अब तक अफ़ग़ानिस्तान में क़रीब 80 नागरिक मारे गए
काबुल विश्वविद्यालय में आत्मघाती हमले में 20 छात्रों की मौत और छह घंटे की लंबी लड़ाई में दर्जनों लोगों के घायल होने के बाद अफगान सुरक्षा बलों ने 3 नवंबर को कुंडुज के इमाम साहिब में एक सैन्य चौकी के पास एक अन्य आत्मघाती कार बम हमलावर को मार गिराने का दावा किया।
पीपल्स डिस्पैच
03 Nov 2020
अफ़ग़ानिस्तान

काबुल विश्वविद्यालय में आत्मघाती हमले जिसमें क़रीब 20 छात्रों की मौत हो गई और छह घंटे की लंबी लड़ाई में दर्जनों लोगों के घायल होने के कुछ समय बाद सुरक्षा बलों ने 3 नवंबर को कुंडुज के इमाम साहिब में एक सैन्य चौकी के पास एक और आत्मघाती कार बम हमलावर को मार गिराया। अफगानिस्तान में दोहा में प्रतिद्वंद्वी तालिबान विद्रोहियों और अफगान सरकार के बीच चल रही अंतर-अफगान शांति वार्ता के बावजूद जमीनी हालात अस्थिर बने हुए हैं।

देश के प्रमुख संस्थानों में से एक काबुल विश्वविद्यालय के अंदर हमला 2 नवंबर को उस समय हुआ जब कम से कम तीन हमलावर विश्वविद्यालय के परिसर के अंदर घुस आए और परिसर के विधि विभाग के पास अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे।

23 अक्टूबर के बाद से देश में शिक्षा संस्थानों पर एक के बाद एक दूसरा हमला हुआ है। एक हफ्ते पहले यानी 24 अक्टूबर को काबुल के पश्चिम में 30 से अधिक छात्रों ने अपनी जान उस समय गंवा दी जब आत्मघाती हमलावर ने कोचिंग सेंटर के बाहर खुद को उड़ा लिया। इस घटना में 77 युवा घायल हो गए।

उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह सहित सरकारी अधिकारियों ने छात्रों पर हमले के लिए तालिबान को दोषी ठहराया है जबकि रिकंसिलिएशन काउंसिल के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने इसे "अमानवीय और जघन्य अपराध" क़रार दिया। इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि यह हमला "अफगानिस्तान में शांति के दुश्मनों द्वारा अक्षम्य अपराध" था।

हालांकि, तालिबान ने अब तक इस हमले में शामिल होने के हर दावे को ख़ारिज कर दिया है। इस बीच, सरकार ने 3 नवंबर को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में घोषित किया है।

अफगानिस्तान इंडिपेंडेंट ह्यूमन राइट्स कमीशन का अनुमान है कि आतंकवादियों द्वारा कई सुरक्षा चौकियों पर हमले में पिछले 10 दिनों से 30 बच्चों की मौत हो गई है। अफगान ह्यूमन राइट्स कमीशन के जबीहुल्ला फरहंग ने कहा “युद्धविराम की काफी ज़रूरत है। उन्हें अफगान लोगों के अधिकारों के उल्लंघन को रोकना चाहिए।“

अफगानिस्तान के काबुल, गजनी और ज़ाबुल प्रांतों में 23 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच कम से कम 80 नागरिकों की जान चली गई। इससे पहले पिछले हफ्ते खोस्त प्रांत और काबुल में दो हमले हुए थे जिसमें कम से कम 10 नागरिकों की मौत हो गई थी और 45 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

यूनाइटेड नेशन असिस्टेंस मिशन टू अफ़गानिस्तान (यूएनएएमए) के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान दुनिया का सबसे घातक स्थानों में से एक है। जनवरी से सितंबर के बीच लगभग 6000 अफगान नागरिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं। इसकी तिमाही रिपोर्ट 27 अक्टूबर को जारी की गई थी जिसमें यह बताया गया।

Afghanistan
University of Kabul
Attack in Kabul University
Vice President Amarullah Saleh

Related Stories

भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी

तालिबान को सत्ता संभाले 200 से ज़्यादा दिन लेकिन लड़कियों को नहीं मिल पा रही शिक्षा

रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं

काबुल में आगे बढ़ने को लेकर चीन की कूटनीति

तालिबान के आने के बाद अफ़ग़ान सिनेमा का भविष्य क्या है?

अफ़ग़ानिस्तान हो या यूक्रेन, युद्ध से क्या हासिल है अमेरिका को

बाइडेन का पहला साल : क्या कुछ बुनियादी अंतर आया?

सीमांत गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष: सभी रूढ़िवादिता को तोड़ती उनकी दिलेरी की याद में 

अफ़ग़ानिस्तान में सिविल सोसाइटी और अधिकार समूहों ने प्रोफ़ेसर फ़ैज़ुल्ला जलाल की रिहाई की मांग की

पाकिस्तान को मिला अफ़ग़ानिस्तान से झटका


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License