NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
सिंघु बॉर्डर:  स्थानीय लोगों के नाम पर गुंडागर्दी, किसानों पर पथराव, पुलिस पर भी उठे सवाल
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर नाकामी के बाद सिंघु बॉर्डर पर गड़बड़ फ़ैलाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। किसानों का कहना है कि जनता के नाम पर अब सरकार और भारतीय जनता पार्टी द्वारा गुंडों को आगे किया जा रहा है, लेकिन वे पूरी मज़बूती और शांति से डटे हैं और डटे रहेंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Jan 2021
सिंघु बॉर्डर

नयी दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों और खुद को स्थानीय निवासी बता रहे लोगों के बड़े समूह के बीच आज, शुक्रवार दोपहर झड़पें हो गईं। भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा तथा आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

आपको बता दें कि तमाम विरोध के बाद ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान मोर्चा और मज़बूत हो गया है। लेकिन इसी दौरान सिंघु बॉर्डर पर गड़बड़ फ़ैलाने की कोशिश तेज़ हो गई हैं। किसानों का कहना है कि जनता के नाम पर अब सरकार और भारतीय जनता पार्टी द्वारा गुंडों को आगे किया जा रहा है, लेकिन वे पूरी मज़बूती और शांति से डटे हैं और डटे रहेंगे। किसानों ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए।

स्थानीय लोगों के नाम पर सिंघु बॉर्डर पर जुटे लोग मांग कर रहे थे कि किसान सिंघु सीमा पर प्रदर्शन स्थल को खाली करें। उनके मुताबिक गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया।

उधर, अधिकारियों ने बताया कि सिंघु बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर आंदोलनकारी किसानों और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प के दौरान दिल्ली पुलिस के एक थाना प्रभारी (एसएचओ) घायल हुए हैं।

उत्तेजित लोगों का यह समूह हाथों में डंडे लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचा और किसानों के खिलाफ नारे लगाते हुए उनके वहां से जाने की मांग करने लगा। इन लोगों ने किसानों पर पथराव भी किया। जिसका किसानों की तरफ़ से भी जवाब दिया गया। 

किसानों ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। किसानों का कहना है कि पुलिस ने उपद्रवियों को आराम से उनके धरना स्थल तक आने दिया। उपद्रवियों ने उनके धरना स्थल पर तोड़फोड़ भी मचाई और पथराव किया, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही। जब स्थिति ज़्यादा बिगड़ने लगी और किसानों की तरफ़ से भी जवाब दिया जाने लगा तभी पुलिस एक्शन में आई।

(समाचार एजेंसी भाषा के कुछ इनपुट के साथ)

Singhu Border
Violence on Singhu Border
Attack on Farmers
Attack on Police
farmers protest update

Related Stories

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

किसान आंदोलन ने देश को संघर्ष ही नहीं, बल्कि सेवा का भाव भी सिखाया

इतवार की कविता : 'ईश्वर को किसान होना चाहिये...

किसान आंदोलन के एक साल बाद भी नहीं थके किसान, वही ऊर्जा और हौसले बरक़रार 

कृषि क़ानून रद्द: सरकार ने महीनों क्यों इंतज़ार किया?

किसान जानता है कि फसल पकना तो शुरुआत है, मंडी में दाम मिलने तक उसका काम पूरा नहीं होता

दिल्ली के बॉर्डर पर जश्न के बीच किसानों के होंठों पर एक ही सवाल: 'सरकार ने क्यों की इतनी देर'

किसान आंदोलन के 11 महीने पूरे, एसकेएम ने कहा- जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, किसान घर नहीं लौटेंगे

किसान आंदोलन का अब तक का हासिल


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License