NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रो. हनी बाबू की गिरफ़्तारी का चौतरफ़ा विरोध
प्रो. हनी बाबू की गिरफ़्तारी के के बाद से ही डीयू एचसीयू और जेएनयू के अध्यापकों और छात्रों ने उनके साथ एकजुटता जाहिर की है। इसके आलावा अन्य सामाजिक सरोकार रखने वाले कई लोगो ने गिरफ़्तारी की निंदा की और इसे विरोध की आवाज़ को दबाने की साज़िश कहा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Jul 2020
प्रो. हनी बाबू

दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), जो अब भीमा कोरेगांव मामले की जांच कर रही है, उसने मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग के एक एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू को गिरफ्तार किया। यह जानकारी एनआईए के एक अधिकारी ने पीटीआई को दी।

प्रो. हनी बाबू की गिरफ़्तारी के के बाद से ही डीयू एचसीयू और जेएनयू के अध्यापकों और छात्रों ने उनके साथ एकजुटता जाहिर की है। इसके आलावा अन्य सामाजिक सरोकार रखने वाले कई लोगो ने गिरफ़्तारी की निंदा की और इसे विरोध की आवाज़ को दबाने की साज़िश कहा।

सूत्रों के मुताबिक, हनी बाबू से एनआईए के मुंबई कार्यालय में 23 जुलाई से पूछताछ की जा रही थी। उन्हें एनआईए ने 12 जुलाई को मुंबई में पेश होने के लिए बुलाया था।

गिरफ़्तारी पर एनआईए ने क्या कहा?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ हनी बाबू की पत्नी जेनी के अनुसार, उन्हें एनआईए से फोन आया जिसमें कहा गया कि बाबू को उनके कंप्यूटर में पाए गए एक "हिडन फ़ोल्डर" के आधार पर गिरफ्तार किया गया था जोकि सितंबर 2019 में उनके आवास पर छापे के दौरान जब्त किया गया था।

गिरफ्तारी पर, एनआईए की एक विज्ञप्ति में कहा गया है: "आगे की जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोपी हनी बाबू नक्सल गतिविधियों और माओवादी विचारधारा का प्रचार कर रहे थे और अन्य गिरफ्तार अभियुक्तों के साथ सह-साजिश कर्ता रहे थे।"

एनआईए के बयान में कहा गया है कि हनी बाबू को 29 जुलाई को मुंबई में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा और “उनकी पुलिस हिरासत की मांग की जाएगी।”

कोरेगांव भीमा युद्ध की 200वीं वर्षगांठ से पहले पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा में 31 दिसंबर 2017 को एलगार परिषद का आयोजन किया गया था।

एनआईए के अनुसार, 31 दिसंबर, 2017 को इस कार्यक्रम के दौरान दिये गए भाषणों की वजह से जिले के कोरेगांव-भीमा गांव के आस-पास एक जनवरी 2018 को जातीय हिंसा भड़क गई, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे।

हालांकि, सभी आरोपियों ने पुणे पुलिस द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है।

देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी के इस साल मई में विधानसभा चुनाव हारने के बाद इस केस को केंद्र ने महाराष्ट्र सरकार से एनआईए को स्थानांतरित कर दिया था।

यह याद रहे कि पहले भी पुणे पुलिस हनी बाबू के घर पर छाप मार चुकी है। लगभग 10 महीने पहले, पुणे पुलिस ने माओवादियों से कथित संपर्क रखने को लेकर 2017 के एलगार परिषद मामले में प्रोफेसर हनी बाबू के नोएडा स्थित घर पर छापा मारा था और उनका लैपटॉप और मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और पुस्तकें ज़ब्त की थीं। उस समय हनी बाबू ने बतया था कि अधिकारीयों ने उनसे उनके सोशल मीडिया अकाउंटों और ईमेल अकाउंटों का पासवर्ड भी बदलवाया था।

हनी बाबू की गिरफ़्तारी का हो रहा है भारी विरोध

जाने माने एन्टी-कास्ट कार्यकर्ता, 54 वर्षीय हनी बाबू, उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के निवासी हैं, इस मामले में गिरफ्तार होने वाले वे 12वें व्यक्ति हैं। अन्य 11 अधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, शोमा सेन, सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, अरुण फरेरा, सुधीर धवले, रोना विल्सन, वर्नोन गोंसाल्वेस, वरवरा राव, आनंद तेलतुम्बडे और गौतम नवलखा हैं, जिनमें से सभी को बार-बार जमानत देने से इनकार किया गया है।

प्रोफेसर और उनकी पत्नी, जेनी रोवेना, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं, दोनों एन्टी-कास्ट मूवमेंट के कार्यकर्ता हैं और अलायंस फॉर सोशल जस्टिस का हिस्सा हैं, , जो छात्रों, शिक्षकों, हाशिए के वर्गों से आए प्रशासन के कर्मचारियों को संगठन है। इसके साथ ही बाबू ‘कमेटी फॉर द डिफेंस एंड रिलीज ऑफ डॉक्टर जीएन साईबाबा’ के सक्रिय सदस्य भी हैं।

हनी बाबू के बारे में कहा जाता है कि प्रो. हनी बाबू ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण नीति के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 13 सूत्रीय रोस्टर प्रणाली के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया था। जिसका उद्देश्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों में एससी/एसटी/ओबीसी को भर्ती से बाहर करना था। इसके साथ ही वे लंबे समय से मजदूरों, मेहनतकशो, दलितों और छात्रों की लड़ाई में शामिल होते रहे हैं।

sumit.PNG

सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से हनी बाबू की गिरफ़्तारी का भारी विरोध हो रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि बीते दिनों जितनी भी गिरफ्तारी हुईं हैं या लोगों ने पुलिस के दमन का सामना किया है, वे सभी कार्यकर्ता बहुत पहले से जनता की लड़ाई लड़ रहे थे। चाहे वह सुधा भारद्वाज हो या फिर हनी बाबू। इस तरह इन झूठे केसों से सरकार उन सभी आवाजों को दबा रही है जो सरकार का विरोध कर रहे हैं। क्या सरकार लोगों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है। सभी लोग प्रो.  हनी बाबू के साथ-साथ भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार बाक़ी तमाम बुद्धिजीवियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।

professor honey babu
elagar parishad
Delhi University
Pune Police
NIA
student teacher protest
#StandWithProfHanyBabu
#ReleaseBhimaKoregaonArrestee

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

दिल्ली: दलित प्रोफेसर मामले में SC आयोग का आदेश, DU रजिस्ट्रार व दौलत राम के प्राचार्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज

डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी

ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली

‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को लेकर छात्रों में असमंजस, शासन-प्रशासन से लगा रहे हैं गुहार

यूजीसी का फ़रमान, हमें मंज़ूर नहीं, बोले DU के छात्र, शिक्षक

नई शिक्षा नीति ‘वर्ण व्यवस्था की बहाली सुनिश्चित करती है' 

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

भड़काऊ बयान देने का मामला : पुणे पुलिस ने कालीचरण को हिरासत में लिया


बाकी खबरें

  • Nisha Yadav
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    चंदौली: निशा यादव हत्या मामले में सड़क पर उतरे किसान-मज़दूर, आरोपियों की गिरफ़्तारी की माँग उठी
    14 May 2022
    प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा- निशा यादव का कत्ल करने के आरोपियों के खिलाफ दफ़ा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
  • Delimitation
    रश्मि सहगल
    कैसे जम्मू-कश्मीर का परिसीमन जम्मू क्षेत्र के लिए फ़ायदे का सौदा है
    14 May 2022
    दोबारा तैयार किये गये राजनीतिक निर्वाचन क्षेत्रों ने विवाद के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं, जो इस बात का संकेत देते हैं कि विधानसभा चुनाव इस पूर्ववर्ती राज्य में अपेक्षित समय से देर में हो सकते हैं।
  • mnrega workers
    सरोजिनी बिष्ट
    मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?
    14 May 2022
    "किसी मज़दूर ने 40 दिन, तो किसी ने 35, तो किसी ने 45 दिन काम किया। इसमें से बस सब के खाते में 6 दिन का पैसा आया और बाकी भुगतान का फ़र्ज़ीवाड़ा कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन द्वारा जो सूची उन्हें दी गई है…
  • 5 वर्ष से कम उम्र के एनीमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, 67 फीसदी बच्चे प्रभावित: एनएफएचएस-5
    एम.ओबैद
    5 वर्ष से कम उम्र के एनीमिया से ग्रसित बच्चों की संख्या में वृद्धि, 67 फीसदी बच्चे प्रभावित: एनएफएचएस-5
    14 May 2022
    सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 में किए गए सर्वेक्षण में 5 वर्ष से कम उम्र (6-59 महीने) के 58.6 प्रतिशत बच्चे इससे ग्रसित थे जबकि एनएफएचएस-5 के 2019-21 के सर्वे में इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की…
  • masjid
    विजय विनीत
    ज्ञानवापी मस्जिद: कड़ी सुरक्षा के बीच चार तहखानों की वीडियोग्राफी, 50 फीसदी सर्वे पूरा
    14 May 2022
    शनिवार को सर्वे का काम दोपहर 12 बजे तक चला। इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के करीब आधे हिस्से का सर्वे हुआ। सबसे पहले उन तहखानों की वीडियोग्राफी कराई गई, जहां हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License