NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बुद्धदेव भट्टाचार्य की हालत में कुछ सुधार लेकिन अभी स्थिति नाज़ुक
76 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री और वाम नेता भट्टाचार्य को सांस संबंधी तकलीफ बढ़ने के बाद बुधवार दोपहर निजी अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया।
भाषा
10 Dec 2020
बुद्धदेव भट्टाचार्य
फाइल फोटो। साभार : the week

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और वाम नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य की हालत में बृहस्पतिवार की सुबह थोड़ा सुधार हुआ लेकिन अब भी उनकी स्थिति ‘नाजुक’ है। अस्पताल के सूत्रों ने इस बारे में बताया।

उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की पांच सदस्यीय टीम उनकी स्थिति के बारे में आकलन करेगी और आगे के उपचार के बारे में फैसला किया जाएगा।

अस्पताल में बुद्धदेव का उपचार कर रहे एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया, ‘‘उनकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। उनका पीसीओटू स्तर भी बरकरार है और आज सुबह यह स्तर 42 रहा। सीओपीडी के मरीजों के लिए यह सामान्य है। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है और उनकी स्थिति नाजुक है।’’

भट्टाचार्य (76) को सांस संबंधी तकलीफ बढ़ने के बाद बुधवार दोपहर निजी अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया।

भट्टाचार्य में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई थी लेकिन उनके मस्तिष्क के सीटी स्कैन में कुछ विकार का पता चला था। डॉक्टरों की पांच सदस्यीय टीम लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही है।

माकपा के वरिष्ठ नेता भट्टाचार्य 2015 में माकपा के पोलित ब्यूरो और केंद्रीय कमेटी से बाहर हो गए थे।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अस्पताल पहुंचकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

Buddhadeb Bhattacharjee
Left leader
CPIM

Related Stories

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम

जम्मू-कश्मीर: अधिकारियों ने जामिया मस्जिद में महत्वपूर्ण रमज़ान की नमाज़ को रोक दिया

कोलकाता : वामपंथी दलों ने जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चलने और बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ निकाला मार्च


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License