NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिशा रवि के ख़िलाफ़ एफ़आईआर से जुड़ी कुछ ख़बरें सनसनीखेज और पूर्वाग्रह से ग्रसित: अदालत
अदालत ने मीडिया प्रतिष्ठानों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि केवल सत्यापित सामग्री ही प्रकाशित की जाए जो उनके विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त हुई हो और वह जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में चल रही जांच बाधित न करें।
भाषा
19 Feb 2021
दिशा रवि
फोटो साभार : सोशल मीडिया

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि टूलकिट मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के बारे में मीडिया में आई कुछ खबरें ‘सनसनीखेज और पूर्वाग्रह से ग्रसित रिपोर्टिंग’ की ओर संकेत करती हैं। हालांकि अदालत ने सुनवाई के इस चरण में इस तरह की सामग्री को हटाने का निर्देश देने से इंकार कर दिया।

अदालत ने साथ ही मीडिया प्रतिष्ठानों से कहा कि लीक हुई जांच सामग्री प्रसारित नहीं की जाए।

गौरतलब है कि किसानों के प्रदर्शनों के समर्थन में एक टूलकिट को साझा करने में कथित भूमिका के चलते दिशा रवि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि इस तरह की समाचार सामग्री तथा दिल्ली पुलिस के ट्वीट को हटाने से संबंधित अंतरिम याचिका पर विचार बाद में किया जाएगा।

बहरहाल, उच्च न्यायालय ने मीडिया प्रतिष्ठानों से कहा कि लीक हुई जांच सामग्री को प्रसारित नहीं किया जाए क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह हलफनामा में दिए गए अपने इस रुख का पालन करे कि उसने जांच संबंधी कोई जानकारी प्रेस को लीक नहीं की और न ही उसका ऐसा कोई इरादा है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि टूलकिट मामले में पुलिस को कानून का और ऐसे मामलों की मीडिया कवरेज के सिलसिले में 2010 के एजेंसी के ज्ञापन का पालन करते हुए प्रेस वार्ता करने का अधिकार है।

अदालत ने मीडिया प्रतिष्ठानों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि केवल सत्यापित सामग्री ही प्रकाशित की जाए जो उनके विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त हुई हो और वह जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में चल रही जांच बाधित न करें।

अदालत दिशा रवि की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में जांच सामग्री को मीडिया में लीक करने से पुलिस को रोकने का अनुरोध किया है।

याचिका में मीडिया को उनकी व्हाट्सऐप पर हुई निजी बातचीत, उनके तथा अन्य पक्षों के बीच हुई बात प्रकाशित करने से रोकने का भी अनुरोध किया गया है।

पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने अदालत में हलफनामा दाखिल कर इस बात से स्पष्ट रूप से इनकार किया कि उसके (पुलिस) द्वारा कोई भी सूचना लीक की गई है। इसके साथ ही अदालत को यह आश्वासन भी दिया कि ऐसी कोई सूचना मीडिया के लिए लीक करने का उसका कोई इरादा भी नहीं है।

हालांकि राजू ने सुनवाई के दौरान कहा कि एजेंसी के कुछ अधिकारियों द्वारा जानकारी लीक करने की संभावना से पूरी तरह से इनकार भी नहीं किया जा सकता।

मीडिया घरानों ने अदालत को बताया कि वर्तमान मामले में उनकी जानकारी का स्रोत दिल्ली पुलिस और उसके ट्वीट हैं।

एएसजी चेतन शर्मा और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से पेश केंद्र सरकार के स्थायी वकील अजय दिगपाल ने अदालत को बताया कि याचिका विचार करने योग्य नहीं है क्योंकि उसके पास पहले ऐसी कोई शिकायत नहीं आई जिसमें किसी टीवी चैनल अथवा मीडिया संस्थान के खिलाफ मामले में कथित गलत जानकारी देने पर कार्रवाई करने की मांग की गई हो।

न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टेंर्डड्स अथॉरिटी ने अदालत में कहा कि याचिका में जिन मीडिया संस्थानों के नाम है उनके खिलाफ उसके पास कोई शिकायत आती, तो ही वह कोई कार्रवाई कर सकता है।

रवि ने अपनी याचिका में कहा कि वह ‘‘ पूर्वाग्रह से ग्रसित उनकी गिरफ्तारी और मीडिया ट्रायल से काफी दुखी हैं, जहां उन पर प्रतिवादी 1 (पुलिस) और कई मीडिया घरानों द्वारा स्पष्ट रूप से हमला किया जा रहा है।’’

उन्होंने यह भी दावा किया कि दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ द्वारा 13 फरवरी को बेंगलुरु से उनको गिरफ्तार किया जाना ‘‘पूरी तरह से गैरकानूनी और निराधार था।’’

उन्होंने दलील दी कि मौजूदा परिस्थितियों में इस बात की ‘‘काफी आशंका’’ है कि आम जनता इन खबरों से याचिकाकर्ता को दोषी मान ले।

याचिका में कहा, ‘‘ इन परिस्थितियों में, और प्रतिवादी को उनकी निजता, उनकी प्रतिष्ठा और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन करने से रोकने के लिए, याचिकाकर्ता वर्तमान याचिका को आगे बढ़ा रही है।’’

याचिका में आरोप लगाया गया है कि जांच संबंधी सामग्री मीडिया में लीक की जा रही है और पुलिस द्वारा किए जा रहे संवाददाता सम्मेलन ‘‘पूर्वाग्रह से ग्रसित’’ और ‘‘उनके निष्पक्ष सुनवाई और निर्दोष होने की संभावना के अधिकार का उल्लंघन करता है।’’

Disha Ravi
Delhi High court
delhi police

Related Stories

दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

क्या पुलिस लापरवाही की भेंट चढ़ गई दलित हरियाणवी सिंगर?

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!

शाहीन बाग़ : देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ!

शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'

जहांगीरपुरी : दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर ही सवाल उठा दिए अदालत ने!

अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’

मोदी-शाह राज में तीन राज्यों की पुलिस आपस मे भिड़ी!


बाकी खबरें

  • अनीस ज़रगर
    जम्मू-कश्मीर: अधिकारियों ने जामिया मस्जिद में महत्वपूर्ण रमज़ान की नमाज़ को रोक दिया
    29 Apr 2022
    प्रशासन का कहना है कि प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जामिया में इबादत गुजारों के लिए व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद सामूहिक इबादत को रोकने का ये निर्णय लिया गया है।
  • लाल बहादुर सिंह
    किधर जाएगा भारत— फ़ासीवाद या लोकतंत्र : रोज़गार-संकट से जूझते युवाओं की भूमिका अहम
    29 Apr 2022
    गहराता रोज़गार संकट और कठिन होती जीवन-स्थितियां भारत में फ़ासीवाद के राज्यारोहण का सबसे पक्का नुस्खा है। लेकिन तमाम फ़ासीवाद-विरोधी ताकतें एकताबद्ध प्रतिरोध में उतर पड़ें तो यही संकट समाज को रैडिकल…
  • ज़ाहिद खान
    इरफ़ान ख़ान : अदाकारी की इब्तिदा और इंतिहा
    29 Apr 2022
    29 अप्रैल 2020 को हमसे जिस्मानी तौर पर जुदा हुए इरफ़ान ख़ान अपनी लासानी अदाकारी से अपने चाहने वालों के दिलो ज़ेहन में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।
  • एजाज़ अशरफ़
    क्यों धार्मिक जुलूस विदेशी भूमि को फ़तह करने वाले सैनिकों जैसे लगते हैं
    29 Apr 2022
    इस तरह के जुलूस, मुसलमानों पर हिंदुओं का मनोवैज्ञानिक प्रभुत्व स्थापित करने और उन्हें अपने अधीन करने के मक़सद से निकाले जा रहे हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 3,377 नए मामले, 60 मरीज़ों की मौत
    29 Apr 2022
    दिल्ली में आज फिर कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई, दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,490 नए मामले दर्ज़ किए गए |
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License