NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कृषि
भारत
राजनीति
सोयाबीन, बाजरा और तिल की फसलें बर्बाद, किसानों को उच्चित मुआवज़ा दे सरकार: माकपा
माकपा ने कहा है कि सोयाबीन, बाजरा और तिल उत्पादक किसानों को मुआवजे के लिए सिर्फ बीमा कंनियों के भरोसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए क्योंकि एक तो सभी किसान सभी फसलों का बीमा करवाते नहीं हैं, दूसरा फसल बीमा योजना का अनुभव यह है कि वह किसानों की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि बीमा कंनियों की तिजोरियां भरने के लिए है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
23 Sep 2021
CPI(M)

बारिश और अचानक नदियों में बांधों के गेट खोल देने से आई बाढ़ से  प्रभावित बाढ़ पीडि़त किसान और ग्रामीण गरीब सरकार की घोषणाओं के बाद  राहत या मुआवजे का इंतजार ही कर रहे हैं कि लगातार बारिश ने सोयाबीन, बाजरा और तिल की  की काई फसलों को बर्बाद कर दिया है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश को यदि सोया स्टेट के नाम से जाना जाता है तो बाजरा और तिल उत्तरी मध्य प्रदेश में खरीफ की  प्रमुख फसलें हैं।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट  पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा है कि लगातार की बारिश ने इन फसलों के दाने की चमक को फीका कर दिया है। जहां तिल का रंग काला  पड़ गया है वहीं बाजरा अपनी बाली और सोयाबीन अपनी फली में ही अंकुरित होने को है। जाहिर है कि इससे सिर्फ इन फसलों का उत्पादन ही प्रभावित नहीं होगा, बल्कि जो थोड़ा बहुत उत्पादन होगा भी, उसका उचित दाम भी किसान को नहीं मिलेगा।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट  पार्टी ने बयान में कहा है कि सोयाबीन, बाजरा और तिल उत्पादक किसानों को मुआवजे के लिए सिर्फ बीमा कंनियों के भरोसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि एक तो सभी किसान सभी फसलों का बीमा करवाते नहीं हैं, दूसरा फसल बीमा योजना का अनुभव यह है कि वह किसानो की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि बीमा कंनियों की तिजोरियां भरने के लिए है।

माकपा नेता ने कहा है कि बीमा कंनिया या तो किसानों के मुआवजे के दावे ही खारिज कर देती हैं या फिर  प्रीमियम राशि से भी कम मुआवजा देकर वे किसानों के जख्मों  पर नमक छिड़कती हैं।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि बाढ़  पीडि़तों के लिए राहत कार्यों के साथ ही उनकी फसलों, मकानों और  पशुओं की हुई क्षति के मुआवजा  प्रक्रिया को तेज किए जाने के साथ ही सोयाबीन, बाजरा और तिल की फसल के हुए नुकसान का सर्वे भी तुरंत शुरू कर किसानों के लिए मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट  पार्टी ने मांग की है कि मुख्यमंत्री को खुद  हल कर किसानों को मुआवजा राशि देने की घोषणा करनी चाहिए। 

agricultural crises
farmers
heavy rains
floods
CPI-M

Related Stories

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?

आख़िर किसानों की जायज़ मांगों के आगे झुकी शिवराज सरकार

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?

बिहार: कोल्ड स्टोरेज के अभाव में कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर आलू किसान

यूपी चुनाव : किसानों ने कहा- आय दोगुनी क्या होती, लागत तक नहीं निकल पा रही

उप्र चुनाव: उर्वरकों की कमी, एमएसपी पर 'खोखला' वादा घटा सकता है भाजपा का जनाधार

ग्राउंड  रिपोर्टः रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के गृह क्षेत्र के किसान यूरिया के लिए आधी रात से ही लगा रहे लाइन, योगी सरकार की इमेज तार-तार

ख़बर भी-नज़र भी: किसानों ने कहा- गो बैक मोदी!

पूर्वांचल से MSP के साथ उठी नई मांग, किसानों को कृषि वैज्ञानिक घोषित करे भारत सरकार!


बाकी खबरें

  • NEP
    न्यूज़क्लिक टीम
    नई शिक्षा नीति भारत को मध्य युग में ले जाएगी : मनोज झा
    23 Apr 2022
    राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को उस प्राचीन युग में वापस ले जाएगी जब केवल एक विशेष वर्ग वर्चस्व वाले समाज में एकलव्य को दूर में ही खड़ा होकर…
  • राज वाल्मीकि
    फ़ासीवादी व्यवस्था से टक्कर लेतीं  अजय सिंह की कविताएं
    23 Apr 2022
    अजय सिंह हमारे समय के एक बेबाक और बेख़ौफ़ कवि हैं। शायद यही वजह है कि उनकी कविताएं इतनी सीधे सीधे और साफ़ साफ़ बोलती हैं। इन्हीं कविताओं का नया संग्रह आया है—“यह स्मृति को बचाने का वक़्त है”, जिसका…
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    राजनीति की बर्बरता, मेवाणी 'अंदर', फ़ैज़ कविता बाहर
    23 Apr 2022
    देश के अलग-थलग हिस्सो मे अचानक बर्बरता का नंगा नाच क्यो होने लगा ? धर्म और राजनीति का ये कैसा चैहरा है ? इसके अलावा #HafteKiBaat मे मेवाणी की गिरफ्तारी और फ़ैज़ अहमद फैज की कविता को पाठ्यक्रम से…
  • जोए एलेक्जेंड्रा
    वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एकता और उम्मीद की राह दिखाते ALBA मूवमेंट्स 
    23 Apr 2022
    सामाजिक आंदोलनों का यह महाद्वीपीय मंच मौजूदा स्थिति का विश्लेषण करने और अगले दौर को लेकर रणनीतियों को तय करने के लिए अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में अपनी तीसरी महाद्वीपीय सभा का आयोजन करने जा रहा है।
  • रूबी सरकार
    अमित शाह का शाही दौरा और आदिवासी मुद्दे
    23 Apr 2022
    भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बुलाकर मेगा इवेंट किया गया। भोपाल एयरपोर्ट से लेकर भाजपा कार्यालय और जम्बूरी मैदान तक सुरक्षा, सजावट और स्वागत पर करीब 15 करोड़ खर्च किए गए। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License