NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
स्पेन : वामपंथी पार्टियों ने फ़्रांकों शासन के अधिकारियों को मिले सैनिक चिन्ह वापस लेने की मांग की
स्पेन में 1939 से 1975 तक जनरल फ्रांसिसको फ़्रांकों के शासन ने क्रूरता के साथ मानवाधिकारों का हनन किया था।
पीपल्स डिस्पैच
20 May 2020
स्पेन

सोमवार मई 18 को Podemos-Left coalition और Spanish Socialist Workers' Party (PSOE) सहित स्पेनिश कांग्रेस के वामपंथी डेलिगेशन ने फ़्रांसिस्को फ़्रांकों की तानाशाही के दौरान उनके अधिकारियों को मिले सैनिक चिन्हों को वापस लेने का प्रस्ताव जारी किया। इनमें से कई अधिकारियों पर आलोकतांत्रिक गतिविधियों में शामिल होने और मानवाधिकार हनन करने के इल्ज़ाम लगे हैं। इस प्रस्ताव में ख़ास तौर पर टॉर्चर के आरोपी एक पूर्व पुलिस ऑफिसर अंटोनिओ गोंज़लेज़ का मेडल निरस्त करने की बात कही गई है, जिनकी 7 मई को मौत हो गई है।

प्रस्ताव के बारे में PSOE और Podemos के कांग्रेस डेलीगेशन ने बताया इन सैनिक चिन्हों को वापस लिया जाना "सत्य, न्याय, पुनर्मूल्यांकन, और गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन के पीड़ितों, तानाशाही के ख़िलाफ़ लड़ने वालों और लोकतंत्र के पुनर्निर्माण के लिए लड़ने वालों की ग़ैर-पुनरावृत्ति की दिशा में एक और क़दम है, जिन्हें उनके शासन के विपरीत राजनीतिक विचारों के लिए सताया गया था।"

बयान में आगे कहा गया है, "स्पेन में लोकतंत्र स्थापित होने और देश में मानवाधिकार सुरक्षित रखने वाले सिस्टम का गठन होने के बाद भी इन सैनिक चिन्हों और आर्थिक फ़ायदों को जारी रखा गया है।"

Mundo Obrero ने रिपोर्ट किया है कि हालिया आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1979 से पहले फ़्रांको टनाशशी के अधिकारियों को 115 पुलिस मेडल दिये गए थे जो आज भी मान्य हैं।

जनरल फ़्रांसिस्को फ़्रांकों ने 1939 से 1975 तक स्पेन में दमनकारी शासन का नेतृत्व किया था, जो उसके सत्तावाद और व्यापक मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए कुख्यात था। राजनैतिक दमन के बीच स्पेन में और विदेशों में प्रगतिशीलों ने फ़्रांकों के शासन को हज़ारों मौतों और और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक्सिस बलों द्वारा किए गए युद्ध अपराधों में इसकी जटिलता के लिए के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है। 

 

Spain
franco regime
left parties in spain
decorations of franco regime
revocation of decoration in spain

Related Stories

स्पेन : 'कंप्यूटर एरर' की वजह से पास हुआ श्रम सुधार बिल

स्पेन की शीर्ष अदालत का कथित युद्ध अपराधों की शिकायतों में पोलिसारियो फ्रंट के प्रमुख की हिरासत से इनकार

मोरक्को के प्रवासियों के सीमावर्ती शहर सेउटा में प्रवेश करते ही स्पेन ने सुरक्षा बढ़ा दी

स्पेन : अलकोआ के सैन सिप्रियन संयंत्र के श्रमिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

बास्क : सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक क़ैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की

कोरोना अपडेट: विश्व भर में 92 हज़ार के क़रीब नए मामले, 5,735 लोगों की मौत

महामारी के न्यूमोनिया में राष्ट्रवादी बुख़ार!

कोरोना अपडेट: विश्व भर में 84 हज़ार से अधिक नये मामले, 7,793 और लोगों की मौत

विश्वव्यापी महामारी और समाजवाद का विकल्प 

कोरोना वायरस ने अमेरिका सहित पश्चिमी दुनिया की कमज़ोरियों से पर्दा उठा दिया है


बाकी खबरें

  • Lenin
    अनीश अंकुर
    लेनिन: ‘‘कल बहुत जल्दी होता... और कल बहुत देर हो चुकी होगी... समय है आज’’
    22 Apr 2022
    लेनिन के जन्म की 152वीं सालगिरह पर पुनर्प्रकाशित: कहा जाता है कि सत्रहवी शताब्दी की अंग्रेज़ क्रांति क्रामवेल के बगैर, अठारहवीं सदी की फ्रांसीसी क्रांति रॉब्सपीयर के बगैर भी संपन्न होती लेकिन बीसवीं…
  • न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,451 नए मामले, 54 मरीज़ों की मौत 
    22 Apr 2022
    दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को बूस्टर डोज मुफ्त देने का ऐलान किया है। 
  • पीपल्स डिस्पैच
    नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर
    22 Apr 2022
    जर्मनी, कनाडा, यूके, नीदरलैंड और रोमानिया उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने यूक्रेन को और ज़्यादा हथियारों की आपूर्ति का वादा किया है। अमेरिका पहले ही एक हफ़्ते में एक अरब डॉलर क़ीमत के हथियारों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    सामूहिक विनाश के प्रवासी पक्षी
    22 Apr 2022
    रूसियों ने चौंकाने वाला दावा किया है कि, पेंटागन की जैव-प्रयोगशालाओं में तैयार किए गए डिजिटलीकृत प्रवासी पक्षी वास्तव में उनके क़ब्ज़े में आ गए हैं।
  • रश्मि सहगल
    उत्तराखंड समान नागरिक संहिता चाहता है, इसका क्या मतलब है?
    21 Apr 2022
    भाजपा के नेता समय-समय पर, मतदाताओं का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण करने के लिए, यूसीसी का मुद्दा उछालते रहते हैं। फिर, यह केवल एक संहिता का मामला नहीं है, जो मुसलमानों को फिक्रमंद करता है। यह हिंदुओं पर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License