NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
ख़ास ख़बर: यूपी में ख़राब गुणवत्ता वाले पीपीई किट की सप्लाई!, इस्तेमाल पर लगी रोक  
यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने जो पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट मेडिकल कॉलेजों में भेजी है वह मानक पर खरी नहीं उतरी है।
असद रिज़वी
17 Apr 2020
पीपीई किट
Image courtesy: Outlook India

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों को दी जा रही पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की ओर से कई मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पीपीई किट की सप्लाई की गई थी। लेकिन कॉरपोरेशन ने जो पीपीई किट मेडिकल कॉलेजों में भेजी है वह मानक पर खरी नहीं उतरी है। इसके चलते उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग ने करीब 24 मेडिकल कॉलेजों को निर्देशित किया है कि ऐसी अधोमानक (खराब गुणवत्ता वाली) किट का प्रयोग नहीं करें।

उत्तर प्रदेश चिकित्सा विभाग को मेरठ और नोएडा के मेडिकल कॉलेज से शिकायत मिली कि उनको खराब गुणवत्ता वाले पीपीई किट की सप्लाई  हो रही है। शिकायत मिलते ही उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग तुरंत सक्रिय हो गया और उसने राज्य के 24 अन्य मेडिकल कॉलेज को पत्र लिख कर बताया कि सप्लाई किए जा रहे पीपीई किट खराब गुणवत्ता वाले हैं और उनको तुरंत वापस किया जाये।

जिन मेडिकल कॉलेज को पीपीई किट वापिस करने के लिए पत्र भेजा गया है उनमें राजधानी लखनऊ की किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (सैफई इटावा), जीएमआईसी गौतमबुद्धनगर ग्रेटर नोएडा, और  एसएससीएच पीजीटीआई नोएडा शामिल हैं। इसके संस्थानो के कुलसचिव और निदेशकों को पत्र भेजा गया है। वहीं, कानपुर,आगरा प्रयागराज, मेरठ, झाँसी, गोरखपुर, कन्नौज, जालौन, बाँदा,बदायूँ, अंबेडकरनगर, सहारनपुर और आज़मगढ़ के मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को भी PPE किट को लेकर पत्र भेजा गया है। इसके अलावा स्वशासी राज्य चिकित्सा कॉलेज (बस्ती, बहराइच,फ़िरोज़ाबाद, शाहजहाँपुर और अयोध्या) के प्रधानाचार्य को भी पत्र द्वारा किट गुणवत्ता की कमी के बारे में अवगत कराया गया है।

21ad7675-da9d-48a2-9877-70144b66ee9e.jpg

उत्तर प्रदेश चिकित्सा विभाग के निदेशक ने अपने पत्र में इस सभी मेडिकल संस्थानों से कहा है कि उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई व ड्रग कॉर्परेशन द्वारा भेजे गए पीपीई किट को गुणवक्ता के आधार पर अधोमानक पाया गया है। इसलिए उनको तुरंत वापिस किया जाए और इनका प्रयोग बिल्कुल नहीं किया जाए। इसके अलावा नए किट भारत सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शन के अनुसार गुणवक्ता युक्त और दूसरी सामग्री का प्रबंध किया जाए। सभी संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि ऐसा करने के बाद उत्तर प्रदेश चिकित्सा विभाग को अवगत भी किया जाए।

निदेशक उत्तर प्रदेश चिकित्सा विभाग डॉ केके गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई व ड्रग कॉरपोरेशन द्वारा भेजे गए पीपीई किट मानक के अनुसार नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके विरोध में बाद कई मेडिकल संस्थानो ने अवमानक पीपीई  किट बदल दी है। डॉ केके गुप्ता के अनुसार इस संकट के समय में यह बहुत ग़लती है कि मेडिकल संस्थानों को खराब गुणवत्ता वाले पीपीई किट भेजे गए।

यह पूछे जाने पर की इस समस्या को हल कैसे किया जाएगा? उन्होंने कहा की दूसरी जगहों से किट ख़रीदे जायेंगे, लेकिन कहां से ख़रीदना है इसका फ़ैसला मेडिकल कॉलेज का प्रबंधन, कुलसचिव, निदेशक और प्रधानाचार्य को लेना होगा।

हालाँकि उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई व ड्रग कॉर्परेशन ने कहा है कि भेजी गई किट में कोई समस्या नहीं है। कॉर्परेशन की निदेशक श्रुति सिंह से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि सभी किट मानक के अनुसार बनी है और आईएसओ के और विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित हैं। हालाँकि उन्होंने माना की भेजी गई किट को स्वाइन फ्लू के मानकों पर बनाया गया है। क्योंकि कोरोना की किट के लिए सरकार द्वारा कोई मार्गदर्शन उस समय तक नहीं आया था जब यह किट तैयार की जा रही थी।

जब निदेशक श्रुति सिंह से पूछा गया कि कुछ मेडिकल कॉलेज आप द्वारा भेजी गई किट की गुणवक्ता और नाप पर प्रश्न उठा रहे हैं। तब उन्होंने कहाकि नाप सही है और शू-कवर के साथ आती है।जबकि गुणवक्ता की शिकायत पर उन्होंने कहा की इसका परीक्षण किया जा रहा है।

दूसरी ओर प्रांतीय चिकित्सक सेवा संघ (पीएमएसएच) ने कहा है अवमानक किट की ख़बर से भय बना हुआ है। पीएमएसएच के अध्यक्ष डॉक्टर सचिन वैश ने मांग की है कि इसकी जाँच होनी चाहिए है कि कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टरों को स्वाइन फ्लू की किट कैसे भेजी गई।

(असद रिज़वी स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

Coronavirus
COVID-19
UttarPradesh
health care facilities
PPE kit
UP Medical Supply Corporation
Uttar Pradesh Medical Department
Yogi Adityanath
yogi sarkar

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License