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अमेरिका
बेरोज़गारी सहायता में कटौती के राज्यों के फ़ैसले से अमेरिकी कर्मचारियों पर संकट
अमेरिका में 12 राज्यों ने 300 अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त फेडेरल बेरोजगारी लाभ को समय से पहले समाप्त कर दिया है वहीं अन्य 14 राज्यों ने आने वाले हफ्तों में इसको अपनाने की योजना बनाई है। इन सहायता और प्रोत्साहन योजनाओं पर निर्भर 15 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित होंगे।
पीपल्स डिस्पैच
22 Jun 2021
बेरोज़गारी सहायता में कटौती के राज्यों के फ़ैसले से अमेरिकी कर्मचारियों पर संकट

अमेरिका में राज्य सरकारें महामारी से प्रभावित कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त फेडेरल बेरोजगारी लाभ को समाप्त करने में जल्दी दिखा रहे हैं। 4 सितंबर को ये सहायता समाप्त होने से डेढ़ महीने पहले यानी शनिवार 19 जून को, नौ राज्य सरकारें अतिरिक्त फेडेरल बेरोजगारी लाभ में कटौती करने वाले राज्यों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गई।

विचाराधीन मुद्दा पूरक फेडेरल पैनडेमिक अनएम्प्लायमेंट कम्पेंसेशन पिछले साल दिसंबर में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा पारित 1.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा था जिसने मौजूदा बेरोजगारी सहायता के साथ प्रति सप्ताह अतिरिक्त यूएसडी 300 की पेशकश की थी। ये और ऐसे कई अन्य उपायों ने मार्च 2020 में पारित CARES एक्ट के कई प्रावधानों को आंशिक रूप से बढ़ा दिया।

जिन राज्यों ने पहले ही महामारी प्रभावित कर्मचारियों के अतिरिक्त फेडेरल लाभ में कटौती की है, उनका नेतृत्व सेंटर-राइट रिपब्लिकन पार्टी के गवर्नर ने किया है। आयोवा, मिसिसिपि और मिसौरी ने सबसे पहले 12 जून को यह कदम उठाया था और 10 अन्य रिपब्लिकन नेतृत्व वाले राज्य 3 जुलाई तक इसमें शामिल होने वाले हैं।

लुइसियाना सहित चार राज्य जिनके डेमोक्रेटिक पार्टी गवर्नर हैं, वे इस कार्यक्रम को समाप्त होने से पहले एक महीने से भी कम समय में इस सहायता को समाप्त कर देंगे। कई कॉर्पोरेशन के साथ-साथ कन्जर्वेटिव एडवोकेसी ग्रुप और दक्षिणपंथी टिप्पणीकारों ने कहा है कि न्यूनतम वेतन वाले कर्मचारियों के लिए बेहतर जीवनयापन के वेतन की पेशकश के बजाय, कम वेतन वाली नौकरियों में कर्मचारियों की कमी के संकट को दूर करने के लिए सहायता में कटौती आवश्यक है।

थिंक टैंक सेंचुरी फाउंडेशन द्वारा दिए गए एक अनुमान में नौ राज्यों में लगभग 440,000 बेरोजगार कर्मचारी जिनकी शनिवार को सहायता रोक दी गई थी वे सभी फेडेरल सहायता को खो चुके हैं। सेंचुरी फाउंडेशन के सीनियर रिसर्च फेलो एंड्रयू स्टेंटनर ने बताया कि विभिन्न महामारी-सहायता कार्यक्रमों पर लगभग 15 मिलियन बेरोजगार कर्मचारी निर्भर हैं जो इस कार्यक्रम को समाप्त करने से प्रभावित होने वाले हैं।

श्रमिक संगठनों और वामपंथी समूहों ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है और चिंता जताई है कि इससे बड़ी संख्या में मजदूर वर्ग के लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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