NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सूडान की अंतरिम सरकार ने अमेरिका के साथ "अब्राहम समझौते" पर हस्ताक्षर किया
इस समझौते के अनुसार सूडान इजरायल को मान्यता देगा और इसके साथ संबंधों को "सामान्य" करेगा। यूएई और बहरीन ने पिछले साल सितंबर में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
पीपल्स डिस्पैच
07 Jan 2021
सूडान

सूडान ने इज़रायल के साथ संबंधों को सामान्य करने की घोषणा करते हुए बुधवार 6 जनवरी को अमेरिका के साथ अब्राहम समझौते पर औपचारिक रुप से हस्ताक्षर किया। अक्टूबर में पहली बार जिस समझौते की घोषणा की गई थी उस पर सूडान की अंतरिम सरकार में न्याय मंत्री और अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्टीवन मेनुचिन ने हस्ताक्षर किए।

यूएई और बहरीन के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला सूडान तीसरा अरब देश बन गया। यूएई और बहरीन दोनों ने 15 सितंबर को व्हाइट हाउस में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। मोरक्को ने भी इजरायल के साथ इसी तरह के समझौते की घोषणा की है लेकिन औपचारिक रूप से इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है।

फिलिस्तीन पर कब्जे को लेकर अरब देशों ने इजरायल को मान्यता देने और इसके साथ राजनयिक संबंध रखने से इनकार कर दिया है। इस समझौते पर हस्ताक्षर के साथ सूडान अरब लीग की अरब शांति पहल से अलग होने वाला पांचवां अरब देश बन गया है जो कहता है कि कोई भी अरब देश इजरायल के साथ उस वक्त तक अपने संबंधों को सामान्य नहीं करेगा जब तक कि एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र नहीं बन जाता।

अमेरिका द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों की सूची से सूडान को हटाने का वादा करने के बाद सूडान की सरकार ने रिश्ते को सामान्य करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने पर सहमति व्यक्त की। सूडान के कार्यकारी वित्त मंत्री हिबा अहमद के अनुसार अमेरिका के साथ इस समझौते से विश्व बैंक से ऋण लेने के अवसर खुलेंगे। उनके कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, "इस कदम से सूडान को 27 वर्षों में पहली बार विश्व बैंक से वार्षिक वित्त के रुप में 1 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक राशि को प्राप्त करने में सक्षम करेगा।"

सूडान इस समझौते से विभिन्न वित्तीय लाभ की तलाश में है क्योंकि यह उमर अल-बशीर के शासन के दौरान देश पर लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों के प्रभावों को समाप्त करने का वचन देता है। उमर को 2019 में विरोध प्रदर्शनों के जरिए हटा दिया गया था।

इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के फैसले का विरोध उन अधिकांश राजनीतिक दलों ने किया है जिन्होंने इस समझौते के खिलाफ विपक्षी मोर्चा बनाने की घोषणा की है। अल-जज़ीरा ने इसे प्रकाशित किया है। बशीर सरकार के खिलाफ प्रतिरोध में अग्रणी शक्तियों में से एक सूडानी कम्युनिस्ट पार्टी ने इजरायल के साथ संबंधों के सामान्य करने के समझौते को उस समय खारिज कर दिया था जब पिछले साल अगस्त में सूडान के विदेश मंत्रालय द्वारा पहली बार इसका संकेत दिया गया था।

नेशनल उम्मा पार्टी, सूडानीज कम्युनिस्ट पार्टी (एससीपी), अरब बाथ पार्टी और नासेराइट बाथ पार्टी ने रिश्ते को सामान्य करने के समझौते सौदे को उस समय अस्वीकार कर दिया था जब अक्टूबर में औपचारिक रूप से इसकी घोषणा की गई थी। एससीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता फथी इल्फाद्ल ने अक्टूबर में पीपुल्स डिस्पैच को बताया था कि "सूडान कांग्रेस पार्टी को छोड़कर किसी भी राजनीतिक दल ने रिश्ते को सामान्य करने के लिए समर्थन नहीं दिया है।"

Sudan
Israel
United Arab Emirates
IMF
Abdalla Hamdok

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

पश्चिम दारफ़ुर में नरसंहार: सूडान की मिलिटरी जुंटा का खनिज समृद्ध भूमि को जनहीन करने का अभियान

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

श्रीलंकाई संकट : राजनीति, नीतियों और समस्याओं की अराजकता

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License