NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सूडानः ट्रांजिशनल सरकार 1998 और 2000 के आतंकी हमलों का मुआवजा देने को यूएस तैयार
इस समझौते को इज़रायल के साथ अरब देशों के संबंधों को सामान्य बनाने के लिए अमेरिकी प्रयासों की दिशा में एक फ़ैसले के रूप में भी देखा जा रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
20 Oct 2020
सूडान

वर्ष 1998 में तंजानिया और केन्या में अमेरिकन एम्बेसी और वर्ष 2000 में अमेरिकी जहाज़ यूएसएस कोल पर आतंकी हमले के पीड़ितों को मुआवज़े के तौर पर 335 मिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान करने पर सूडान की ट्रांजिशन सरकार द्वारा सहमति व्यक्त करने के बाद अमेरिकी की राज्य प्रायोजित आतंकवादी की सूची से सूडान को हटाने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार 19 अक्टूबर को घोषणा की।

सूडान और अमेरिका के बीच मुआवजे की राशि पर वार्ता साल 2018 से चल रही थी। हालांकि, अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस समझौते की घोषणा को मिड्ल ईस्ट क्षेत्र में इज़रायल के अलगाव को समाप्त करने के ट्रम्प के प्रयास से जुड़ा माना जाता है।

अमेरिका अरब देशों को पिछले कुछ महीनों से इज़रायल के साथ उनके संबंध को "सामान्य बनाने" के लिए प्रेरित कर रहा है। पिछले महीने इसने इज़रायल और यूएई व बहरीन के बीच रिश्ते सामान्य करने के समझौतों को लेकर मध्यस्थता की थी। यूएस सेक्रटेरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ ने अगस्त महीने में सूडान का दौरा किया था ताकि उसे इसके लिए मनाया जा सके। हालांकि, प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक के नेतृत्व में सूडान की ट्रांडिशनल सरकार ने अशांति की आशंका के कारण ऐसा करने से इनकार कर दिया था।

मुआवजे का ये पैसा हमलों में मारे गए अमेरिकी पीड़ितों के परिवारों को दिया जाना है। अमेरिका ने आरोप लगाया था कि सूडान की उमर अल-बशीर सरकार आतंकवादियों का समर्थन कर रही थी और आश्रय दे रही थी और साल 1993 से सूडान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले राज्यों की सूची में डाल दिया था। अमेरिकी सूची में तीन और देश जैसे सीरिया, ईरान और उत्तर कोरिया हैं।

अमेरिकियों ने उन हमलों के लिए ज़िम्मेदार व्यक्तियों पर आरोप लगाया है जिनमें बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिकों सहित सैकड़ों लोग मारे गए थे और वे सूडान से संचालित हो रहे थे। बशीर को पिछले साल सूडान में एक विद्रोह के चलते सत्ता से हटा दिया गया था।

सूडान की सरकार को उम्मीद है कि आतंकी सूची से उसके हटने से देश की आर्थिक संभावनाएं बढ़ेंगी।

Sudan
Transitional government
terrorist attack
America
Donand Trump

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

पश्चिम दारफ़ुर में नरसंहार: सूडान की मिलिटरी जुंटा का खनिज समृद्ध भूमि को जनहीन करने का अभियान

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें

यूक्रेन पर रूस के हमले से जुड़ा अहम घटनाक्रम

यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!

सूडान: सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ 18वें देश्वयापी आंदोलन में 2 की मौत, 172 घायल

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License