NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है
28 सितंबर को शहीदे-आज़म भगत सिंह की जन्म-जयंती है। बहुत से चाहने वाले 27 सितंबर को भी उनका जन्मदिन मनाते हैं। ख़ैर भगत सिंह ऐसी शख़्सियत हैं कि उन्हें हर रोज़, हर लम्हा याद किया जाना चाहिए। आइए आज ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं वो ग़ज़लें, वो अशआ’र जो भगत सिंह को बहुत पसंद थे और बहुत लोग उन्हीं के नाम से उन्हें मंसूब कर देते हैं।
न्यूज़क्लिक डेस्क
27 Sep 2020
भगत सिंह

हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है

 

उन्हें ये फ़िक्र है हर दम नई तर्ज़-ए-जफ़ा क्या है

हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है

 

गुनह-गारों में शामिल हैं गुनाहों से नहीं वाक़िफ़

सज़ा को जानते हैं हम ख़ुदा जाने ख़ता क्या है

 

ये रंग-ए-बे-कसी रंग-ए-जुनूँ बन जाएगा ग़ाफ़िल

समझ ले यास-ओ-हिरमाँ के मरज़ की इंतिहा क्या है

 

नया बिस्मिल हूँ मैं वाक़िफ़ नहीं रस्म-ए-शहादत से

बता दे तू ही ऐ ज़ालिम तड़पने की अदा क्या है

 

चमकता है शहीदों का लहू पर्दे में क़ुदरत के

शफ़क़ का हुस्न क्या है शोख़ी-ए-रंग-ए-हिना क्या है

 

उमीदें मिल गईं मिट्टी में दौर-ए-ज़ब्त-ए-आख़िर है

सदा-ए-ग़ैब बतला दे हमें हुक्म-ए-ख़ुदा क्या है

 

- कुँवर प्रतापचन्द्र आज़ाद...ज़ब्तशुदा नज़्में...पृष्ठ 44

(यह ग़ज़ल रेख़्ता पर बृज नारायण 'चकबस्त' के नाम से दर्ज है)

 

रहेगी आबो-हवा में ख़याल की बिजली

 

फ़ना नहीं है मुहब्बत के रंगो बू के लिए

बहार आलमे फ़ानी रहे रहे न रहे

 

जुनूने हुब्बे वतन का मज़ा शबाब में है

लहू में फिर ये रवानी रहे रहे न रहे

 

रहेगी आबो-हवा में ख़याल की बिजली

ये मुश्ते-ख़ाक है फ़ानी रहे रहे न रहे

 

जो दिल में ज़ख़्म लगे हैं वो ख़ुद पुकारेंगे

ज़बाँ की सैफ़ बयानी रहे रहे न रहे

 

मिटा रहा है ज़माना वतन के मन्दिर को

ये मर मिटों की निशानी रहे रहे न रहे

 

दिलों में आग लगे ये वफ़ा का जौहर है

ये जमा ख़र्च ज़बानी रहे रहे न रहे

 

जो माँगना हो अभी माँग लो वतन के लिए

ये आरज़ू की जवानी रहे रहे न रहे

 

-  बृज नारायण 'चकबस्त'

(कविता कोश)

 

चिराग़े-सहर हूँ बुझा चाहता हूँ

 

तिरे इश्क़ की इंतहा चाहता हूँ

मिरी सादगी देख, क्या चाहता हूँ

 

सितम हो कि हो वादा-ए-बेहिजाबी

कोई बात सब्र-आज़मा चाहता हूँ

 

वो जन्नत मुबारक रहे ज़ाहिदों को

कि मैं आपका सामना चाहता हूँ

 

कोई दम का मेहमाँ हूँ ऐ अहले-महफ़िल

चिराग़े-सहर हूँ बुझा चाहता हूँ

 

भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी

बड़ा बे-अदब हूँ सज़ा चाहता हूँ

 

-    इक़बाल

(कविता कोश)

इसे भी पढ़ें : लिखो तो डरो कि उसके कई मतलब लग सकते हैं...

इसे भी पढ़ें :  भूल-ग़लती आज बैठी है ज़िरहबख्तर पहनकर

इसे भी पढ़ें :  बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं, बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है

इसे भी पढ़ें : तुम कैसे मारोगे-कितनों को मारोगे/तुम्हारे पास इतनी बंदूकें नहीं/जितने हमारे पास क़लम हैं

इसे भी पढ़ें : ख़रीदो, ख़रीदो, चमन बिक रहा है

इसे भी पढ़ें : …‘सुंदरता के दुश्मनो, तुम्हारा नाश हो !’

Sunday Poem
poem
Hindi poem
Bhagat Singh
Bhagat singh Birthday
कविता
हिन्दी कविता

Related Stories

वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!

इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव

सारे सुख़न हमारे : भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी की शायरी

इतवार की कविता: वक़्त है फ़ैसलाकुन होने का 

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

...हर एक दिल में है इस ईद की ख़ुशी

जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान

फ़ासीवादी व्यवस्था से टक्कर लेतीं  अजय सिंह की कविताएं

सर जोड़ के बैठो कोई तदबीर निकालो

लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License