NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
आंदोलन
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
उसने गोली चलाई और कहा, 'सर जी! हालात कंट्रोल में हैं'…
दिल्ली में हुई दर्द और नफ़रत से भरी हिंसा और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर लगे सवालिया निशान के बीच, हम आपके बीच साझा कर रहे हैं शाहबाज़ रिज़वी की एक ग़ज़ल, और इदरीस बाबर की एक नज़्म।
न्यूज़क्लिक डेस्क
01 Mar 2020
Violence

नज़्म : इदरीस बाबर

उस ने meeting बुलाई और कहा,

'लोग दिन रात कंट्रोल में हैं'

टेप मुँह पर लगाई और कहा,

'सब बयानात कंट्रोल में हैं'

उसने गोली चलाई और कहा,

'सर जी, हालात कंट्रोल में हैं'

सब ज़मीं पर ख़ुदा के नायब थे

सब ज़मीं पर ख़ुदा के नायब हैं

वो जो अपनी रज़ा से मारे गए

वो जो अपनी ख़ुशी से ग़ायब हैं

- इदरीस बाबर

ग़ज़ल : शाहबाज़ रिज़वी

कैसे सुनाऊँ दुखड़ा मैं पीर मीर साहब

आँखों में जम गई है तस्वीर मीर साहब

आँसू नहीं गिरे हैं शोला नहीं उठा है

फिर भी पिघल रही है ज़ंजीर मीर साहब

दिल्ली धधक रही है सब शोर कर रहे हैं

दोहरा रहे हैं ग़ालिब तहरीर मीर साहब

लाशों पे चल रहे हैं और रक्स कर रहे हैं

रस्ते बदल रहे हैं रहगीर मीर साहब

जैसी उदास आँखें वैसी उदास ग़ज़लें

इक शेर है निशाना इक तीर मीर साहब

झेलम का सुर्ख़ पानी यमना से आ मिला है

दिल्ली भी बन रही है कश्मीर मीर साहब

वहशत बला की वहशत, ख़लवत अजीब ख़लवत

रो रो के हो रहा हूं, मैं "मीर" मीर साहब

-शाहबाज़ रिज़वी

शाहबाज़ रिज़वी दिल्ली के शाहीन बाग़ में रहते हैं। शाहीन बाग़ में ढाई महीने से चल रहे नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में शाहबाज़ लगातार शामिल हो रहे हैं। वो वहीं बच्चों को तालीम देते हैं। देश के मौजूदा हालात पर एक मुखर नज़रिया रखने वालों में शाहबाज़ शामिल हैं।

इदरीस बाबर पाकिस्तान के कराची में रहते हैं। पाकिस्तान की मौजूदा शायरी में नौजवान शायरों की फ़हरिस्त में इदरीस एक अहम नाम हैं।

इसे भी पढ़े : “बाहर निकलो डरना छोड़ो...ज़िंदा हो तो मरना छोड़ो”

इसे भी पढ़े : भक्त है ये इसकी चाबी भर गई तो भर गई…

Sunday Poem
nazm
ghazal
Delhi Violence
communal violence
Communal riots
Religion Politics
Shaheen Bagh
CAA
NRC

Related Stories

हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 

दुर्भाग्य! रामनवमी और रमज़ान भी सियासत की ज़द में आ गए

न्यायपालिका को बेख़ौफ़ सत्ता पर नज़र रखनी होगी

पश्चिम बंगाल में जाति और धार्मिक पहचान की राजनीति को हवा देती भाजपा, टीएमसी

दिल्ली दंगा: पुलिस पर कोर्ट के आदेश के बाद भी आरोपपत्र पढ़ने के लिए पर्याप्त समय नहीं देने का आरोप

हाथरस बनाम बलरामपुर, यूपी बनाम राजस्थान की बहस कौन खड़ी कर रहा है!

उत्तर प्रदेश: निरंतर गहरे अंधेरे में घिरते जा रहे हैं सत्य, न्याय और भाईचारा

हर सभ्यता के मुहाने पर एक औरत की जली हुई लाश और...

अयोध्या विध्वंस की गवाह उनकी गलियां, उनकी सड़कें

दिल्ली दंगों से फैले ज़हर के शिकार हुए कारवां के तीन पत्रकार


बाकी खबरें

  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: पंजाब पुलिस का दिल्ली में इस्तेमाल करते केजरीवाल
    24 Apr 2022
    हर हफ़्ते की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    बर्तोल्त ब्रेख्त की कविता 'लेनिन ज़िंदाबाद'
    24 Apr 2022
    लेनिन की 152वीं जयंती के महीने में पढ़िए बर्तोल्त ब्रेख्त की कविता।
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: जय…जय बुलडोजर देवता
    24 Apr 2022
    हमें ऐसा देवता चाहिए था जो न्याय करने से पहले ही सब कुछ देख ले। जो सजा सुनाने से पहले ही देख ले कि अभियुक्त का धर्म क्या है, जाति क्या है, ओहदा क्या है और रुतबा कितना है। और यह भी कि अभियुक्त की माली…
  • अरविंद दास
    फ़िल्म निर्माताओं की ज़िम्मेदारी इतिहास के प्रति है—द कश्मीर फ़ाइल्स पर जाने-माने निर्देशक श्याम बेनेगल
    24 Apr 2022
    जाने-माने फ़िल्म निर्माता और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाज़े गये श्याम बेनेगल ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख़ मुजीबुर्रहमान की ज़िंदगी पर आधारित अपनी आने वाली बायोपिक फ़िल्म और दूसरे मुद्दों पर…
  • सीमा आज़ाद
    लाखपदर से पलंगपदर तक, बॉक्साइड के पहाड़ों पर 5 दिन
    24 Apr 2022
    हमने बॉक्साइड के पहाड़ों की अपनी पैदल वाली यात्रा नियमगिरी के लाखपदर से शुरू की और पलंगपदर पर समाप्त की। यह पांच दिन की यात्रा और यहां रहना एक ऐसा अनुभव है, जो प्रकृति के बारे में, धरती और जीवन के…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License