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आंदोलन
भारत
राजनीति
जो इस पागलपन में शामिल नहीं होंगे, मारे जाएँगे
‘इतवार की कविता’ में वरिष्ठ कवि राजेश जोशी की कविता।
राजेश जोशी
15 Dec 2019
Protest

मारे जाएँगे
 

जो इस पागलपन में शामिल नहीं होंगे, मारे जाएँगे

कठघरे में खड़े कर दिये जाएँगे
जो विरोध में बोलेंगे
जो सच-सच बोलेंगे, मारे जाएँगे

बर्दाश्त- नहीं किया जाएगा कि किसी की कमीज हो
उनकी कमीज से ज्या दा सफ़ेद
कमीज पर जिनके दाग नहीं होंगे, मारे जाएँगे

धकेल दिये जाएंगे कला की दुनिया से बाहर
जो चारण नहीं होंगे
जो गुण नहीं गाएंगे, मारे जाएँगे

धर्म की ध्व जा उठाने जो नहीं जाएँगे जुलूस में
गोलियां भून डालेंगी उन्हें, काफ़िर करार दिये जाएँगे

सबसे बड़ा अपराध है इस समय निहत्थे और निरपराधी होना
जो अपराधी नहीं होंगे, मारे जाएँगे


(कवि राजेश जोशी, कविता संग्रह "दो पंक्तियों के बीच" के लिये 2002 के साहित्य अकादमी पुरस्कार समेत अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित हैं।)

इसे भी पढ़े: बलात्कार : उसके बाद मर्द पूछता है– मज़ा आया?

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Sunday Poem
Right to Protest
Freedom of Speech and Expression .
Freedom of silence
CAB
Protest against NRC
Protest against CAB
CAB Protest In all over India
Right to equality

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