NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
मुंह को ढक लो मगर ज़ेहन को खोल लो...
‘इतवार की कविता’ में आज पढ़ते हैं कोरोना संकट के कई आयाम खोलती मुकुल सरल की ताज़ा ग़ज़ल।
न्यूज़क्लिक डेस्क
19 Apr 2020
Sunday Poem
प्रतीकात्मक तस्वीर (स्केच) : सखी

इतनी नफ़रत को लेकर किधर जाओगे

तुम कोरोना से पहले ही मर जाओगे!

 

मुंह को ढक लो मगर ज़ेहन को खोल लो

वरना अपनी ग़लाज़त से भर जाओगे

 

हाथ हमसे मिलाओ न बेशक मगर

दिल मिला लोगे जल्दी उबर जाओगे

 

घर में रहना ज़रूरी है लेकिन ज़रा

बेघरों से भी पूछो, किधर जाओगे?

 

हां, बीमारी बड़ी है, ये सच है मगर

भूख सबसे बड़ी, सच में मर जाओगे

 

हां, डरो हर बीमारी, बुराई से तुम

क्या भलाई से भी तुम मुकर जाओगे!

 

है ये क़ुदरत का पैग़ाम सुन लो ‘सरल’

गर सुधर जाओगे तो संवर जाओगे

 
-    मुकुल सरल

इसे भी पढ़े : अब आप यहाँ से जा सकते हैं, यह मत पूछिए कि कहाँ जाएँ...

इसे भी पढ़े : सितम के मारे हैं फिर भी सितमगर पर भरोसा है...

Sunday Poem
Coronavirus
COVID-19
Hate Speech
Politics of Hate
hate in india
muslim hate
Religion Politics
Religious discrimination

Related Stories

इतवार की कविता: भीमा कोरेगाँव

इतवार की कविता: वक़्त है फ़ैसलाकुन होने का 

जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप

जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान

सर जोड़ के बैठो कोई तदबीर निकालो

लॉकडाउन-2020: यही तो दिन थे, जब राजा ने अचानक कह दिया था— स्टैचू!

इतवार की कविता: जश्न-ए-नौरोज़ भी है…जश्न-ए-बहाराँ भी है

इतवार की कविता: के मारल हमरा गांधी के गोली हो

इतवार की कविता: सभी से पूछता हूं मैं… मुहब्बत काम आएगी कि झगड़े काम आएंगे

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...


बाकी खबरें

  • लेखनाथ पांडे (काठमांडू)
    नेपाल की अर्थव्यवस्था पर बिजली कटौती की मार
    16 May 2022
    नेपाल भारत से आयातित बिजली पर बहुत ज़्यादा निर्भर है, जहां सालों से बिजली संकटों की बुरी स्थितियों के बीच बिजली उत्पादन का काम चल रहा है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: गिर रहा कोरोना का स्तर लेकिन गंभीर संक्रमण से गुजर चुके लोगों की ज़िंदगी अभी भी सामान्य नहीं
    16 May 2022
    देश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर लगातार गिरावट देखी जा रही है। पिछले एक सप्ताह के भीतर कोरोना का दैनिक आंकड़ा 3 हज़ार से भी कम रहा है |
  • सुबोध वर्मा
    कमरतोड़ महंगाई को नियंत्रित करने में नाकाम मोदी सरकार 
    16 May 2022
    गेहूं और आटे के साथ-साथ सब्ज़ियों, खाना पकाने के तेल, दूध और एलपीजी सिलेंडर के दाम भी आसमान छू रहे हैं।
  • gandhi ji
    न्यूज़क्लिक टीम
    वैष्णव जन: गांधी जी के मनपसंद भजन के मायने
    15 May 2022
    हाल ही में धार्मिक गीत और मंत्र पूजा अर्चना की जगह भड़काऊ माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इसी सन्दर्भ में नीलांजन और प्रोफेसर अपूर्वानंद गाँधी जी को प्रिय भजन वैष्णव जन पर चर्चा कर रहे हैं।
  • Gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद: क्या और क्यों?
    15 May 2022
    जो लोग यह कहते या समझते थे कि अयोध्या का बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद आख़िरी है, वे ग़लत थे। अब ज्ञानवापी विवाद नये सिरे से शुरू कर दिया गया है। और इसके साथ कई नए विवाद इस कड़ी में हैं। ज्ञानवापी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License