NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
...आओ, क्योंकि छिछला, निरुदेश्य और लक्ष्यहीन जीवन हमें स्वीकार नहीं
महान दार्शनिक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, राजनीतिक सिद्धांतकार और वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता कार्ल मार्क्स की 14 मार्च को पुण्यतिथि थी। 5 मई सन् 1818 को उनका जन्म ट्रायर, जर्मनी में हुआ था, जबकि मृत्यु 14 मार्च सन् 1883 को लंदन, ब्रिटेन में हुई। आज 'इतवार की कविता' में पढ़ते हैं उन्हीं की दो छोटी कविताएं
न्यूज़क्लिक डेस्क
15 Mar 2020
Karl Marx
फोटो साभार : सोशल मीडिया

कोई काम है ?

जिस नौजवान को कविताएं लिखने और

बहसों में शामिल रहना था

वो आज सड़कों पर लोगों से एक सवाल

पूछता फिर रहा है

महाशय, आपके पास क्या मेरे लिए

कोई काम है ?

वो नवयुवती जिसके हक़ में

जिंदगी की सारी खुशियां होनी चाहिए थी

इतनी सहमी-सहमी व इतनी नाराज़ क्यों है ?

असली इंसान की तरह जियेंगे

कठिनाइयों से रीता जीवन
मेरे लिए नहीं

नहीं, मेरे तूफानी मन को यह स्वीकार नहीं
मुझे तो चाहिए एक महान ऊंचा लक्ष्य
और उसके लिए
उम्र भर संघर्षों का अटूट क्रम

ओ कला! तू खोल
मानवता की धरोहर, अपने अमूल्य कोशों के द्वार
मेरे लिए खोल
अपने प्रज्ञा और संवेगों के आलिंगन में
अखिल विश्व को बांध लूँगा मैं

आओ
हम बीहड़ और सुदूर यात्रा पर चलें
आओ, क्योंकि छिछला, निरुदेश्य और लक्ष्यहीन
जीवन हमें स्वीकार नहीं

हम ऊंघते, कलम घिसते हुए
उत्पीड़न और लाचारी में नहीं जियेंगे
हम आकांक्षा, आक्रोश, आवेग और
अभिमान से जियेंगे

असली इंसान की तरह जियेंगे


– कार्ल मार्क्स

इसे भी पढ़े : मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं... हर रंग में मैं मिलती हूं

इसे भी पढ़े : उसने गोली चलाई और कहा, 'सर जी! हालात कंट्रोल में हैं'…

Sunday Poem
Karl Marx
Protest
CAA
NRC
Protest Against govt.

Related Stories

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

बिजली संकट को लेकर आंदोलनों का दौर शुरू

नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज

दिल्ली: लेडी हार्डिंग अस्पताल के बाहर स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी, छंटनी के ख़िलाफ़ निकाला कैंडल मार्च

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 

स्कीम वर्कर्स संसद मार्च: लड़ाई मूलभूत अधिकारों के लिए है


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License