NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
इतवार की कविता : साधने चले आए हैं गणतंत्र को, लो फिर से भारत के किसान
केंद्र के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से डटे हैं और अब 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड में जुटे हैं। इसी को अपनी कविता में रेखांकित कर रही हैं उषा बिंजोला। आइए ‘इतवार की कविता’ में पढ़ते हैं उनकी कविता- ‘भारत के किसान’
न्यूज़क्लिक डेस्क
24 Jan 2021
इतवार की कविता

भारत के किसान

 

लो आ ही गए

फिर से किसान।।

ठिठुरते लोकतंत्र की

इबारतों के बीचोंबीच;

शहरों के गोल चक्करों पर,

लम्बी-लम्बी सड़कों पर;

जहां जनतंत्र की झांकी निकलती है,

विदेशी मेहमानों को बुला

सेना कदमताल करती है।

 

ठंडक भरी,

सर्दियों में,

पानी की फुहारों में जमने,

अपने ही हौसलों से जंग लड़ने;

सरकारी तंत्र की

पेचीदगियों में,

उलझते-सुलझते,

हुक्मरानों की

कलाबाजियों के हुनर

को सुलटते-समझते,

लो आ ही गए

फिर से किसान।।

 

आश्वासनों के जादू की

जादूगिरी के जाल,

सरकारी करतब कमाल,

नौकरशाही के बहाने

और,

उसके साथ

बनते-बिगड़ते अफ़साने।

 

इंसाफ़ की तराजू पर

न्यायगिरी की लम्बी जुबान

छूती आसमान।

 

हर ओर

चुभते शब्दों के वार,

बेशर्म-

लाचार सवाल;

बस,

संघर्ष-जज्बात की बात,

देती है आस।

 

राजनीति के गोल-गोल बोल

भीतर से पोलमपोल,

ज्यों पैसीफायर दे

बच्चों को फुसलाया जाता है,

झूठे और खोखले दिलासे से

रोने पर अंकुश लगाया जाता है।

राजनीति के जानिब

हमवतनों का

दिल कत्ल करवाया जाता है,

बागी होने का

तमगा पहनाया जाता है,

जन-मन को बंटवाया जाता है।

राजा और वजीर की चाल

हाथी और घोड़ा कमाल

मोहरे भी कर रहे धमाल।

सरकारी जुमलों की

बदलती जुबान

और, देखो

आज

खुले आसमान तले

मैदान-ए-संघर्ष में हैं

फिर से

गांव के किसान।।

 

सत्य है

सब जानते हैं

मुफ़लिस हो और

चाहे हो हुक्मरान,

कि

बेशक

राह नहीं आसान

लेकिन

फिर भी

साधने चले आए हैं

गणतंत्र को,

लो, फिर से भारत के किसान।।

-उषा बिंजोला

साहित्य में रुचि रखने वाली उषा बिंजोला भारत सरकार के लिए काम कर रिटायर हो चुकी हैं। आजकल वे अमरीका में हैं और वहीं से ' न्यू इंडिया' में चल रही उथल पुथल पर नज़र बनाए हुए हैं।

इसे भी पढ़ें :  माना कि राष्ट्रवाद की सब्ज़ी भी चाहिए/ लेकिन हुज़ूर पेट में रोटी भी चाहिए

इसे भी पढ़ें :  इतवार की कविता : तुम्हारी जाति क्या है कुमार अंबुज?

इसे भी पढ़ें :  सावित्रीबाई फुले : खेती ही ब्रह्म, धन-धान्य है देती/अन्न को ही कहते हैं परब्रह्म

इसे भी पढ़ें :  'तन्हा गए क्यों अब रहो तन्हा कोई दिन और' ग़ालिब 223वीं जयंती पर विशेष

इसे भी पढ़ें : …दिस नंबर डज़ नॉट एग्ज़िस्ट, यह नंबर मौजूद नहीं है

Sunday Poem
Hindi poem
poem
farmers protest
Farm bills 2020
Tractor March
republic day
कविता
हिन्दी कविता
इतवार की कविता

Related Stories

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

इतवार की कविता : 'ईश्वर को किसान होना चाहिये...

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

जीत कर घर लौट रहा है किसान !


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License