NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
साहित्य-संस्कृति
भारत
इतवार की कविता : मिलते रहा करो!
‘इतवार की कविता’ में आज पढ़ते हैं एक ऐसी कविता जो आज इस महामारी के दौर में बेहद मौज़ूं है। हालांकि ये कविता कहती है कि ‘मिलते रहा करो’, जबकि कोरोना नाम की ये बीमारी एक दूसरे को अलग करती है, आइसोलेशन में डालती है, मिलने से रोकती है। मगर फिर भी यह कविता हौसला देती है, एक नई रौशनी। कहती है- एक दूजे के बिना कुछ भी नहीं हम। कवि हैं त्ज़ु फेंग और अनुवाद किया है हूबनाथ ने। कवि अजय सिंह की मार्फ़त ये पढ़ने को मिली।
न्यूज़क्लिक डेस्क
25 Apr 2021
इतवार की कविता : मिलते रहा करो!
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार

मिलते रहा करो!

 

जब नहीं रहूँगा मैं

तुम्हारी आँखें धारासार बरसेंगी

पर नहीं जान पाऊँगा मैं

बेहतर है रो लें हम अभी

साथ-साथ

 

तुम भेजोगे फूल

नहीं देख पाऊँगा मैं उन्ह़े

बेहतर है भेज दो अभी

 

तुम करोगे स्तुति मेरी

मैं नहीं सुन पाऊँगा

बेहतर है अभी करो मेरी प्रशंसा

 

मेरी ग़लतियों को माफ़ कर दोगे

पर नहीं जान पाऊँगा मैं

बेहतर है अभी माफ़ कर दो उन्हें

 

मुझे याद करोगे मेरे बाद

मैं नहीं महसूस कर पाऊँगा

बेहतर है मुझे अभी याद कर लो

 

तुमने मेरे साथ और वक़्त

गुज़ारने की तमन्ना की है

बेहतर है अभी गुज़ार लो

 

मेरे जाने की ख़बर मिलते ही

चल पड़ोगे घर मेरे

संवेदना जताने के लिए

पर साल भर से हमने बात तक नहीं की

अभी इसी वक़्त देखो मेरी ओर

 

अकेले मैं बोल सकता हूँ

साथ हो तो कर सकते हैं बात

अकेले ख़ुश हो सकता हूँ

तुम्हारे साथ उत्सव मना सकता हूँ

अकेले मुस्कुरा भर सकता हूँ

तुम्हारे साथ खिलखिला सकता हूँ

 

यही ख़ूबसूरती है

इन्सानी रिश्तों की

एक दूजे के बिना

कुछ भी नहीं हम

मिलते रहा करो!

 

- त्ज़ु फेंग

अनुवाद: हूबनाथ

Coronavirus
COVID-19
Sunday Poem
Hindi poem

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • Yeti Narasimhanand
    न्यूज़क्लिक टीम
    यति नरसिंहानंद : सुप्रीम कोर्ट और संविधान को गाली देने वाला 'महंत'
    23 Apr 2022
    यति नरसिंहानंद और अ(संतों) का गैंग हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद गिरी ने दूसरी बार अपने ज़मानत आदेश का उल्लंघन करते हुए ऊना धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती बयान दिए हैं। क्या है यति नरसिंहानंद…
  • विजय विनीत
    BHU : बनारस का शिवकुमार अब नहीं लौट पाएगा, लंका पुलिस ने कबूला कि वह तलाब में डूबकर मर गया
    22 Apr 2022
    आरोप है कि उनके बेटे की मौत तालाब में डूबने से नहीं, बल्कि थाने में बेरहमी से की गई मारपीट और शोषण से हुई थी। हत्या के बाद लंका थाना पुलिस शव ठिकाने लगा दिया। कहानी गढ़ दी कि वह थाने से भाग गया और…
  • कारलिन वान हाउवेलिंगन
    कांच की खिड़कियों से हर साल मरते हैं अरबों पक्षी, वैज्ञानिक इस समस्या से निजात पाने के लिए कर रहे हैं काम
    22 Apr 2022
    पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले लोग, सरकारों और इमारतों के मालिकों को इमारतों में उन बदलावों को करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके ज़रिए पक्षियों को इन इमारतों में टकराने से…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी
    22 Apr 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले वे 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के 15 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर हैं फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है।
  • ईशिता मुखोपाध्याय
    भारत में छात्र और युवा गंभीर राजकीय दमन का सामना कर रहे हैं 
    22 Apr 2022
    राज्य के पास छात्रों और युवाओं के लिए शिक्षा और नौकरियों के संबंध में देने के लिए कुछ भी नहीं हैं। ऊपर से, अगर छात्र इसका विरोध करने के लिए लामबंद होते हैं, तो उन्हें आक्रामक राजनीतिक बदले की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License