प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना का दोषी क़रार देने के बाद, जस्टिस अरुण मिश्रा, बी आर गवई और कृष्ण मुरारी की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ के पास भूषण के दो ट्वीट के लिए उन्हें सज़ा देने के अलावा कोई और रास्ता नहीं रह गयाI न्यायालय ने उन पर 1 रूपये का टोकन जुर्माना लगा दियाI न्यूज़क्लिक के साथ एक ख़ास चर्चा में वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी ने कहा कि ये सब करने की बजाए अदालत प्रशांत भूषण को नज़रअंदाज़ कर सकती थीI