NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने 2:1 से दी सेंट्रल विस्टा को मंज़ूरी, विपक्ष ने कहा- ग़लत प्राथमिकता का मुद्दा
“13,450 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना कोई विधि सम्मत मुद्दा नहीं है, बल्कि एक ऐसे ‘तानाशाह’ की गलत प्राथमिकताओं का विषय है जो अपना नाम इतिहास में दर्ज कराना चाहते हैं।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
05 Jan 2021
सुप्रीम कोर्ट ने 2:1 से दी सेंट्रल विस्टा को मंज़ूरी, विपक्ष ने कहा- ग़लत प्राथमिकता का मुद्दा

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने आज दो-एक के बहुमत से नई संसद के निर्माण की ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को मंज़ूरी दे दी। कोर्ट ने लुटियन्स दिल्ली में ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को मंगलवार को बरकरार रखा और राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के क्षेत्र में प्रस्तावित इस महत्वाकांक्षी परियोजना का रास्ता साफ कर दिया।

केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को केन्द्र की महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ को मंजूरी देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार पर्यावरण संबंधी मुद्दों को लेकर हमेशा संवेदनशील रही है।

आवास एवं शहरी मामलों के केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार निर्माण की अवधि के दौरान उच्चतम मानकों का पालन करना जारी रखेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बहुमत से फैसला सुनाते हुए ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ के लिए पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को बरकरार रखा।

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच में 2 जजों ने बहुमत से यह फ़ैसला दिया। जस्टिस एएम खानविलकर की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि प्रोजेक्ट की साइट पर एंटी स्मोक गन और स्मॉग टावर बनाए जाएं। तीसरे जज जस्टिस संजीव खन्ना ने बहुमत से अलग मत व्यक्त किया और पर्यावरण क्लियरेंस और लैंड यूज नोटिफिकेशन के फैसले से विपरीत मत जाहिर किया।

5 नवंबर को सेंट्रल विस्टा मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था

सेंट्रल विस्टा क़ानूनी नहीं, ‘गलत प्राथमिकताओं’ का मुद्दा: कांग्रेस

कांग्रेस ने ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखने का फैसला दिए जाने के बाद कहा कि यह परियोजना कानून से जुड़ा मुद्दा नहीं, बल्कि सरकार की ‘गलत प्राथमिकताओं’ का विषय है।

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि सरकार इस परियोजना को ऐसे समय आगे बढ़ा रही है जब देश कोरोना संकट और आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है तथा सरकार ने सैनिकों, सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के भत्ते में हजारों करोड़ रुपये की कटौती की है।

सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘13,450 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना कोई विधि सम्मत मुद्दा नहीं है, बल्कि एक ऐसे ‘तानाशाह’ की गलत प्राथमिकताओं का विषय है जो अपना नाम इतिहास में दर्ज कराना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विडंबना यह है कि कोरोना महामारी और आर्थिक मंदी के समय भी केंद्र सरकार के पास सेंट्रल विस्टा पर खर्च करने के लिए 14,000 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री का विमान खरीदने के लिए 8000 करोड़ रुपये है। परंतु इसी भाजपा सरकार ने 11.3 लाख सशस्त्र बलों और केंद्र सरकार के कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के भत्ते में 37,530 करोड़ रुपये की कटौती कर दी।’’

कांग्रेस नेता ने यह आरोप भी लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने 15 लाख सैनिकों और 26 लाख सैन्य पेंशनभोगियों पर 11,000 करोड़ रुपये की कटौती लागू की है। इसके साथ ही, इस सरकार ने लद्दाख में चीनी आक्रामकता का मुकाबला कर रहे हमारे जवानों के लिए ‘गर्म टेंट’ और दूसरे उपकरण प्रदान नहीं किए।’’

आर्थिक मंदी और बेरोज़गारी के दौर में यह घाव पर नमक छिड़कने जैसा- वृंदा

सीपीएम नेता वृंदा करात ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस आर्थिक मंदी और कोविड के दौर में जहां सरकार के पास युवाओं को देने के लिए नौकरी नहीं है, ग़रीबों को देने के लिए मुफ़्त राशन नहीं है, जहां लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हों, वहां करोड़ों-अरब खर्च करके नई संसद बनाने की योजना युवा-बेरोज़गारों और ग़रीबों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है।  

इस परियोजना से जुड़े पूरे मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है:-

सितंबर, 2019: सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। इसके तहत त्रिकोण के आकार वाले नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा जिसमें 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसका निर्माण अगस्त 2022 तक पूरा होना है। उसी वर्ष भारत 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।

11 फरवरी, 2020: दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीडीए से कहा कि वह परियोजना के साथ आगे बढ़ने से पहले मास्टर प्लान में किसी भी बदलाव को अधिसूचित करने से पहले अदालत का दरवाजा खटखटाए।

28 फरवरी: दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने डीडीए, केंद्र की एक अपील पर एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश पर रोक लगा दी।

17 जुलाई: उच्चतम न्यायालय ने परियोजना से संबंधित पर्यावरणीय मंजूरी और भूमि उपयोग सहित विभिन्न मुद्दों को उठाने वाली कई याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई शुरू की।

5 नवंबर: उच्चतम न्यायालय ने परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा।

7 दिसंबर: उच्चतम न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए शिलान्यास समारोह आयोजित करने की अनुमति दी, लेकिन निर्माण शुरू करने पर रोक लगा दी।

10 दिसंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी।

5 जनवरी, 2021: उच्चतम न्यायालय ने इस परियोजना के निर्माण के लिए हरी झंडी दिखा दी।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Supreme Court
Central Vista
New Parliament complex
BJP
Congress
opposition parties
Economic Recession
unemployment

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License