NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम को दी जमानत, लेकिन अभी रहना होगा जेल में
तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री जमानत मिलने के बाद भी अभी छूट नहीं सकेंगे क्योंकि ईडी ने आईएनएक्स मीडिया घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया है।
भाषा
22 Oct 2019
chitambaram
Image courtesy: Outlook

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को मंगलवार को जमानत दे दी। सीबीआई की ओर से दर्ज इस मामले में गिरफ्तार किए जाने के दो महीने बाद चिदंबरम को यह राहत मिली है लेकिन उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने एक अन्य मामले में पहले ही उन्हें गिरफ्तार किया है।

न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने चिदंबरम को जमानत प्रदान करते हुये दिल्ली उच्च न्यायालय का 30 सितंबर का फैसला निरस्त कर दिया। उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के इस मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि विशेष अदालत में एक लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि के दो जमानती देने पर चिदंबरम को रिहा कर दिया जाये।

न्यायालय ने सीबीआई की इस दलील को दरकिनार कर दिया कि 74 वर्षीय चिदंबरम ने इस मामले में दो प्रमुख गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया था। न्यायालय ने कहा कि ऐसा कोई विवरण उपलब्ध नहीं है कि ‘कब, कहां और कैसे इन गवाहों से संपर्क किया गया।’’
तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री को जमानत मिलने के बाद भी अभी छूट नहीं सकेंगे क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने आईएनएक्स मीडिया घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया है।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के मामले में चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। जांच ब्यूरो ने यह मामला 15 मई, 2017 को दर्ज किया था। यह मामला 2007 मे वित्त मंत्री के रूप में पी चिदंबरम के कार्यकाल में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया को 305 का विदेशी निवेश प्राप्त करने की मंजूरी में हुयी कथित अनियमित्ताओं से संबंधित है।

सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी धन शोधन का मामला दर्ज किया था।

पीठ ने कहा कि जांच ब्यूरो के अनुसार चिदंबरम ने गवाहों को प्रभावित किया और आगे भी प्रभावित किये जाने की संभावना पूर्व वित्त मंत्री को जमानत से इंकार करने का आधार नहीं हो सकता जबकि निचली अदालत में उनकी हिरासत के लिये दाखिल छह आवेदनों में कहीं भी इस तरह की सुगबुगाहट तक नहीं है।

पीठ ने चिदंबरम को कुछ शर्तो के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। इसमें उन्हें एक लाख रुपये का मुचलका और इतनी ही राशि के दो जमानती देने के साथ ही अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करना होगा। पीठ ने कहा कि वह विशेष अदालत की अनुमति के बगैर देश से बाहर नहीं जायेंगे। इसके अलावा वह उन आदेशों के दायरे में भी होंगे जो विशेष अदालत समय समय पर देगी।

पीठ ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि इस फैसले के निष्कर्षो को सीबीआई के मामले में सिर्फ नियमित जमानत देने पर विचार के दौरान व्यक्त विचार माना जायेगा ओर इसका किसी भी अन्य कार्यवाही से कोई संबंध नहीं होगा।

शीर्ष अदालत ने सीबीआई की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें उच्च न्यायालय के इस निष्कर्ष को चुनौती दी गयी थी जिसमें कहा गया था कि चिदंबरम के भागने का खतरा और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की भी संभावना नहीं है।

न्यायालय ने अपने 27 पेज के फैसले में कहा कि चूंकि उच्च न्यायालय ने 30 सितंबर के फैसले में इस मामले की मेरिट पर अपनी राय व्यक्त की थी, इसलिए इसका मुकदमे की सुनवाई या किसी अन्य कार्यवाही पर कोई असर नहीं होगा।

शीर्ष अदालत ने कांग्रेस के नेता को जमानत देते हुये कहा कि सीबीआई इस मामले में चिदंबरम और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है और दूसरे सह आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।

न्यायालय ने कहा कि अपीलकर्ता के भागने का जोखिम नहीं है और जमानत के लिये लगाई गयी शर्तों के मद्देनजर उनके सुनवाई से फरार होने की भी संभावना नहीं है।

पीठ ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील को स्वीकार नहीं किया कि आर्थिक अपराधों में संलिप्त आरोपियों के देश से भाग रहे हैं।

न्यायालय ने कहा, ‘‘इस समय हमारे लिये यह संकेत देना जरूरी है कि हम सालिसीटर जनरल की इस दलील को स्वीकार करने में असमर्थ हैं कि आर्थिक अपराधियों के ‘‘भागने के जोखिम’’ को एक राष्ट्रीय तथ्य के रूप में देखा जाना चाहिए और उनके साथ उसी तरह पेश आना चाहिए क्योंकि चुनिन्दा अन्य अपराधी देश से भाग गये हैं।’’

पीठ ने कहा कि हमारी राय में दूसरे अपराधियों के आचरण की वजह से हमारे समक्ष आये मामले में जमानत देने से इंकार करने का यह आधार नहीं हो सकता, यदि पेश मामले में मेरिट के आधार पर व्यक्ति जमानत का हकदार है।

न्यायालय ने आगे कहा कि अत: हमारी राय में ‘भागने के जोखिम’ सहित अन्य बिन्दुओं से किसी दूसरे मामलों से प्रभावित हुये बगैर ही विचार करना चाहिए और वह भी ऐसी स्थिति में जब यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सवाल हो।

शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सही कहा था कि ‘भागने के जोखिम’ को पासपोर्ट जमा कराने और लुक आउट नोटिस जारी करने जैसे निर्देशों से कम किया जा सकता है।

पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक साक्ष्यों से छेड़छाड़ का संबंध है तो उच्च न्यायालय ने सही व्यवस्था दी है कि इस मामले से संबंधित दस्तावेज मुकदमा चलाने वाली एजेन्सी, भारत सरकार और अदालत के पास हैं और ऐसी स्थिति में अपीलकर्ता द्वारा उनके साथ छेड़छाड़ का सवाल नहीं है।’’

चिदंबरम द्वारा गवाहों को प्रभावित करने संबंधी सीबीआई के दावों के संबंध में पीठ ने कहा, ‘‘इन दो गवाहों से एसएमएस, ईमेल, पत्र या टेलीफोन काल के माध्यम से संपर्क करने के तरीके और इन गवाहों से संपर्क करने वाले व्यक्तियों का कोई विवरण नहीं है।’’
इस मामले में दायर आरोप-पत्र में चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति और कुछ नौकरशाहों समेत 15 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भ्रष्टाचार निवारण कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध मानी गई गतिविधियों को अंजाम दे कर सरकारी कोष को नुकसान पहुंचाया।

P. Chidambaram
INX Media
chidambaram INX media
Supreme Court
BJP
Congress
CBI

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License