NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने कथित 'हेट स्पीच' पर हर्ष मंदर से जवाब मांगा 
पीठ ने स्पष्ट किया कि उसने मंदर को अवमानना का नोटिस जारी नहीं किया है और वह इस मामले की 15 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
भाषा
06 Mar 2020
Harsh Mander

दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस के इन आरोपों पर शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर को जवाब देने का निर्देश दिया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने घृणा फैलाने वाले भाषाण दिये हैं। 

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने स्पष्ट किया कि उसने मंदर को अवमानना का नोटिस जारी नहीं किया है और वह इस मामले की 15 अप्रैल को सुनवाई करेगी।

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दायर अपनी याचिका में शीर्ष अदालत और उसके न्यायाधीशों के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिये हर्ष मंदर के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया था।

हर्ष मंदर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि उन्होंने इस कार्यकर्ता के नाम से दिये गये बयान का अवलोकन किया है और उन्हें इनमें कुछ भी अपमानजनक या आपत्तिजनक नहीं मिला है।

इसे पढ़ें : वास्तव में क्या कहा था हर्ष मंदर ने, कोर्ट क्यों है नाराज़? जानिए पूरा माजरा

दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस दलील का विरोध किया और कहा कि उन्हें इसी तरह का एक और बयान मिला है जो आपत्तिजनक है और न्यायपालिका के लिये अपयशकारी है। 

शीर्ष अदालत ने भाजपा नेता अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा के खिलाफ कथित रूप से नफरत पैदा करने वाले भाषण देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिये 10 दंगा पीड़ितों की याचिका चार मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय भेज दी थी। इन दंगों में 50 से अधिक व्यक्तियों की जान चली गयी है।

शीर्ष अदालत ने हालांकि मंदर द्वारा दायर याचिका अपने पास रोक ली थी। इस याचिका में मंदर ने उच्च न्यायालय द्वारा मामले को लंबे समय के लिये स्थगित करने को चुनौती दी थी। मंदर ने याचिका में कथित रूप से नफरत पैदा करने वाले भाषण देने नेताओं के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज करने का अनुरोध भी किया है।

harsh mander
Supreme Court
Delhi Violence
CAA
Hate Speech

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश
    06 May 2022
    तीन वर्षीय जीएनएम डिप्लोमा कोर्स में वर्तमान में 198 छात्राएं हैं। उनका कहना है कि पीएमसीएच कैंपस में विभिन्न विभागों में और वार्डों में बड़े पैमाने पर क्लिनिकल प्रशिक्षण की सुविधा है।
  • विजय विनीत
    अब विवाद और तनाव का नया केंद्र ज्ञानवापी: कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में मस्जिद का सर्वे और वीडियोग्राफी शुरू, आरएएफ तैनात
    06 May 2022
    सर्वे का काम तीन दिन चल सकता है। शाम पांच बजे के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के एक किमी के दायरे को कानून व्यवस्था के लिहाज से खाली करा लिया गया। मौके पर दंगा नियंत्रक उपकरणों के साथ…
  • Press Freedom Index
    न्यूज़क्लिक टीम
    Press Freedom Index में 150वें नंबर पर भारत,अब तक का सबसे निचला स्तर
    06 May 2022
    World Press Freedom Index को किस तरह से पढ़ा जाना चाहिए? डिजिटल की दुनिया में अभिव्यक्ति की स्वत्नत्रता के प्लेटफॉर्म बढे है तो क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी बढ़ी है? आबादी के लिहाज़ से दुनिया के…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी-शाह राज में तीन राज्यों की पुलिस आपस मे भिड़ी!
    06 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार बात कर रहे हैं तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के गिरफ़्तारी और पूरे मामले की।
  • भाषा
    चुनावी वादे पूरे नहीं करने की नाकामी को छिपाने के लिए शाह सीएए का मुद्दा उठा रहे हैं: माकपा
    06 May 2022
    माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि शाह का यह कहना कि सीएए को पश्चिम बंगाल में लागू किया जाएगा, इस तथ्य को छिपाने का एक प्रयास है कि 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License